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मौसम के मिजाज से बढ़ी किसानों की टेंशन, मार्च के पहले सप्ताह में अप्रैल जैसा तापमान

मार्च के पहले सप्ताह में मौसम की तपिश ने किसानों की टेंशन बढ़ा दी है. जल्दी गर्मी आने से रबी की फसल पर असर पड़ सकता है. यूपी के फिरोजाबाद जनपद में किसान इससे बचने के लिए तमाम उपाय कर रहे हैं.

फिरोजाबाद
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Published : Mar 3, 2021, 3:25 PM IST

Updated : Mar 3, 2021, 5:10 PM IST

फिरोजाबादः जनपद में रबी की मुख्य फसल गेहूं है. यहां करीब एक लाख हेक्टेयर में गेहूं की खेती होती है. कृषि के जानकारों के अनुसार गेहूं की खेती के लिए 20 से 25 डिग्री सेल्सियस के बीच तापमान की आवश्यकता होती है, लेकिन 15 फरवरी से मार्च के प्रथम सप्ताह में तापमान 30 से 35 डिग्री सेल्सियस के बीच बना हुआ है. ऐसे में गेहूं की खेती करने वाले किसान काफी चिंतित हैं. यही वजह है कि जनपद में किसान गेहूं की फसलों की भी सिंचाई कर रहा है, जिससे मौसम के असर को कम किया जा सके.

किसान परेशान

कृषि वैज्ञानिकों की राय
कृषि वैज्ञानिक भी मानते हैं इस बार मौसम के बिगड़े मिजाज के चलते दाना छोटा हो सकता है. इसका सीधा असर फसल की पैदावार पर पड़ेगा. कृषि वैज्ञानिक भी मानते हैं कि वर्तमान समय में फसलों के अनुकूल जो मौसम होना चाहिए, इस साल वह नहीं है. टेंपरेचर अधिक होने की वजह से फसलों की उत्पादकता प्रभावित हो सकती है.


कृषि विज्ञान केंद्र हजरतपुर के वैज्ञानिक श्योराज सिंह मानते हैं इस बार जो तापमान बढ़ा है उसे रबी की जो फसलें हैं, वह प्रभावित होंगी. उनमें दाना छोटा बनेगा, जिससे फसल की उत्पादकता प्रभावित होगी. किसानों को इसका घाटा होगा. किसान सिंचाई कर कुछ मात्रा में इसकी भरपाई कर सकता है.

फिरोजाबादः जनपद में रबी की मुख्य फसल गेहूं है. यहां करीब एक लाख हेक्टेयर में गेहूं की खेती होती है. कृषि के जानकारों के अनुसार गेहूं की खेती के लिए 20 से 25 डिग्री सेल्सियस के बीच तापमान की आवश्यकता होती है, लेकिन 15 फरवरी से मार्च के प्रथम सप्ताह में तापमान 30 से 35 डिग्री सेल्सियस के बीच बना हुआ है. ऐसे में गेहूं की खेती करने वाले किसान काफी चिंतित हैं. यही वजह है कि जनपद में किसान गेहूं की फसलों की भी सिंचाई कर रहा है, जिससे मौसम के असर को कम किया जा सके.

किसान परेशान

कृषि वैज्ञानिकों की राय
कृषि वैज्ञानिक भी मानते हैं इस बार मौसम के बिगड़े मिजाज के चलते दाना छोटा हो सकता है. इसका सीधा असर फसल की पैदावार पर पड़ेगा. कृषि वैज्ञानिक भी मानते हैं कि वर्तमान समय में फसलों के अनुकूल जो मौसम होना चाहिए, इस साल वह नहीं है. टेंपरेचर अधिक होने की वजह से फसलों की उत्पादकता प्रभावित हो सकती है.


कृषि विज्ञान केंद्र हजरतपुर के वैज्ञानिक श्योराज सिंह मानते हैं इस बार जो तापमान बढ़ा है उसे रबी की जो फसलें हैं, वह प्रभावित होंगी. उनमें दाना छोटा बनेगा, जिससे फसल की उत्पादकता प्रभावित होगी. किसानों को इसका घाटा होगा. किसान सिंचाई कर कुछ मात्रा में इसकी भरपाई कर सकता है.

Last Updated : Mar 3, 2021, 5:10 PM IST
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