फिरोजाबाद: नारखी थाना क्षेत्र में सोमवार को एक और किसान ने पेड़ से लटककर खुदकुशी (Farmer commits suicide) कर ली. मृतक के परिजनों के मुताबिक बारिश से फसल बर्बाद (crop failure in firozabad) होने के कारण वह परेशान था. फिलहाल पुलिस ने मृतक के शव को पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भेज दिया है. किसान की खुदकुशी का यह पहला मामला नहीं है. जसराना इलाके के खामिनी गांव में भी एक किसान ने फसल की बर्बादी से आहत होकर आत्महत्या की थी.
नारखी थाना क्षेत्र के गांव रामपुर कटेलिया निवासी पुष्पेंद्र (55) पुत्र चन्द्रपाल रात में खेत पर गया था. सोमवार की सुबह जब कुछ लोग खेतों की तरफ जा रहे थे तब उन्होंने पुष्पेंद्र का शव आम के एक पेड़ पर लटका हुआ देखा. उन्होंने इसकी सूचना पुष्पेंद्र और पुलिस को दी. मौके पर पहुंची थाना नारखी पुलिस ने पुष्पेंद्र के शव को पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भेज दिया है.
मृतक के भाई सुरेंद्र के मुताबिक, पुष्पेंद्र खेती बाड़ी का काम करता था. इस बार उसने मिर्च और बाजरा की फसल बोई थी. फसल में काफी लागत भी लगी और खेत भी पट्टे पर लिया था. इधर, पिछले दिनों हुई बारिश के कारण मिर्च और बाजरा की फसल पूरी तरह खराब हो चुकी थी. फसल खराब होने से पुष्पेंद्र परेशान था. इसकी वजह से उसने आम के पेड़ पर फांसी लगाकर खुदकुशी की है.
थाना प्रभारी नारखी प्रदीप कुमार पांडेय ने बताया कि पुष्पेंद्र की खुदकुशी की जानकारी मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और शव को पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भिजवाया. मृतक के परिजन भी फसल खराब होने के कारण खुदकुशी की बात कह रहे है.
फसल की बर्बादी के कारण किसान ने की थी खुदकुशी
बताते चलें कि 13 अक्टूबर को जसराना इलाके के गांव खामिनी गांव में घनश्याम प्रजापति नामक एक किसान ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर थी. घनश्याम के परिजनों ने खुदकुशी की वजह फसल की बर्बादी ही बताया था. फसल बर्बादी पर मुआवजा के संबंध में अपर जिलाधिकारी अभिषेक कुमार सिंह का कहना है कि खराब फसलों का सर्वे कराया जा रहा है.किसानों को जल्द मुआवजा दिलाने का प्रयास किया जाएगा.
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