फिरोजाबादः बिलुप्त होती जा रही जमुनापारी बकरियों की प्रजाति को बढ़ाने के लिए जिले में एक बार फिर प्रयास किए जा रहे हैं. जमुनापारी बकरियों को खोज कर उनके प्रजनन के लिए जमुनापारी बकरा भी खरीद कर पशुपालन विभाग बकरी पालकों को देगा. जिससे इस नस्ल के बकरी और बकरों की तदात बढ़ सके. यही नहीं बकरा के साथ-साथ उसके चारे आदि के लिए भी धनराशि बकरा के मालिक को दी जाएगी.
जमुनापारी नस्ल के बकरी के कई फायदे
जमुनापारी बकरी दूध तो ज्यादा देती है. साथ ही इस नस्ल का जो बकरा होता है. उसमें मांस अधिक मात्रा में पाया जाता है. इसीलिए इनकी मांग भी अधिक रहती है. लेकिन ये प्रजाति विलुप्त होती जा रही है. पूरे यूपी में केवल 4 जिलों में ही जमुनापारी बकरी मिलती है. जिसमें औरैया, इटावा, फिरोजाबाद और आगरा शामिल है. ये नस्ल ज्यादातर बीहड़ के इलाकों में ही पाई जाती है. सरकार जेनेटिक इंप्रूवमेंट ऑफ गोट एंड शीप स्कीम के तहत जमुनापारी बकरियों की नस्ल बढ़ाने के लिए प्रयास कर रही है.
30 बकरी पर दिए जाएंगे एक बकरा
इस योजना के तहत प्रजनन के लिए बकरी पालकों को 30 बकरी पर एक बकरा दिया जाएगा. जिसे 30 हजार में खरीद कर पशुपालन विभाग बकरी पालकों को देगा. बकरे के चारे आदि के लिए भी पांच हजार रुपए प्रति बकरा के हिसाब से दिए जाएंगे.
जमुनापारी नस्ल के बकरी खोजने के लक्ष्य
मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर प्रभंजन शुक्ला ने बताया शासन की तरफ से जिले में 990 जमुनापारी बकरी खोजने का लक्ष्य मिला था. लेकिन जिले में 230 बकरियां ही मिली हैं. जिनके पलकों को 30 बकरियां प्रति बकरे के हिसाब से 80 बकरे खरीद कर दिए जाएंगे. उन्होंने बताया कि बकरी पालकों को 3 हजार रुपये प्रति बकरी के हिसाब से पारितोषिक दिया जाएगा. इसके अलावा बकरे के चारा आदि के लिए पांच हजार रुपये प्रति बकरा के हिसाब से दिया जाएगा.