फिरोजाबाद: जनपद की एक महिला डॉक्टरों की लापरवाही से अब कभी मां नहीं बन सकेंगी. महिला ने लगभग ढाई साल पहले डिलीवरी का ऑपरेशन कराया था. महिला का आरोप है कि मेडिकल कॉलेज की डॉक्टर ने उससे पैसे की मांग की थी. पैसे न देने पर डॉक्टरों ने सर्जिकल स्पंज उसके पेट में ही छोड़ दिया. हालंकि दोबारा ऑपरेशन में स्पंज को तो बाहर निकाल दिया गया लेकिन उसके के पेट की आंत के कुछ हिस्सों को काटना पड़ा. कहीं सुनवाई नहीं होने पर पीड़िता ने कोर्ट की शरण ली. कोर्ट ने इसे गंभीर मामला मानते हुए सात चिकित्सकों को और एक ओटी टेक्नीशियन को 5 सितंबर को कोर्ट में तलब किया है.
पीड़िता अंकिता भारद्वाज द्वारा मुख्य न्यायायिक मजिस्ट्रेट के यहां दायर किये गए परिवाद के अनुसार पीड़िता को 22 फरवरी 2021 को डिलीवरी के लिए सरोजनी नायडू मेडिकल कॉलेज में भर्ती किया गया था. मेडिकल कालेज की डॉक्टर कनुप्रिया शर्मा ने ऑपरेशन के बदले में पैसो की मांग की. मांग पूरी न होने पर डॉक्टर और अन्य स्टाफ ने जानबूझकर पेट मे स्पंज छोड़कर टांके लगा दिए. पीड़िता को जब परेशानी हुई तो उसे स्पंज आंत से चिपके होने की जानकारी हुयी. इस स्पंज को निकालने के लिए अंकिता की आंत भी कटनी पड़ी. डॉक्टरों ने अंकिता का चार बार ऑपरेशन किया और छह माह तक उसके पेट को खुला छोड़ दिया, जिससे कई गंभीर बीमारियां पैदा हुई. जिसकी वजह से वह कभी मां नहीं बन पायेगी.
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अंकिता ने आरोप लगाया कि सीएमओ समेत कई उच्चधिकारियों से शिकायत भी की. लेकिन, सीएमओ ने इसे एक मानवीय भूल बताकर कोई कार्रवाई नहीं की. कहीं से कोई राहत न मिलने पर उसने मुख्य न्यायायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) के यहां केस दर्ज कराने के लिए प्रार्थनापत्र दिया. जिस पर मजिस्ट्रेट ने इसे गंभीर मामला मानते हुए डॉ. कनुप्रिया शर्मा, डॉ. रोहित बाबू ओझा, डॉ. सरीना, डॉ. नितिन अग्रवाल, डॉ. दिव्या चौधरी, ओटी टेक्नीशियन मानसी, डॉ. प्रेरणा जैन और डॉ. संगीता ने अनेजा को पांच सितंबर को कोर्ट में पेश होने के निर्देश दिए हैं.
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