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फिरोजाबाद का दिखतौली गांव, जहां विकास भूल गया है रास्ता

ग्राम पंचायतों का कार्यकाल खत्म हो चुका है और नए ग्राम प्रधानों के निर्वाचन का समय आ गया है. ऐसे में पूर्व ग्राम प्रधान के विकास कार्यों पर ही ग्रामीण नए प्रधान का चुनाव करेंगे, लेकिन फिरोजाबाद के दिखतौली गांव में विकास की तस्वीर ही धुंधली है.

ग्रामीणों से बातचीत.
ग्रामीणों से बातचीत.
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Published : Jan 23, 2021, 2:18 PM IST

फिरोजाबाद: जिले के दिखतौली गांव में ग्राम प्रधान के पांच साल बीत जाने के बाद भी गांव का विकास नहीं हुआ है. गांव में कई तरह की समस्याएं हैं, जिसका समाधान अभी तक नहीं हुआ. अब जिला पंचायत चुनाव भी होने जा रहा है, ऐसे में ग्रामीण में संशय है कि किसका चुनाव करें, क्योंकि चुनाव बीत जाने के बाद नेतागण गांव के विकास का सुध नहीं लेते हैं.

ग्रामीणों से बातचीत.

पांच सालों में नहीं बदली तस्वीर
ग्राम पंचायतों की बदहाली की तस्वीर दिखतौली गांव में साफ तौर पर देखी जा सकती है. गांव में अभी तक रास्तों को पक्का नहीं किया गया है. कच्ची सड़कों में पानी भरा रहता है, जिससे स्थानीय लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. स्थानीय की मानें तो उन्होंने कई बार ग्राम प्रधान को परेशानियों से अवगत भी कराया, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई.

इतना ही नहीं, गांव में साफ-सफाई का भी कोई इंतजाम नहीं है. इस गांव में प्रधानमंत्री स्वच्छता अभियान की पोल खुलती नजर आ रही है. ग्रामीणों का कहना है कि सफाईकर्मी आते तो हैं, लेकिन केवल ग्राम प्रधान के घर के आस पास की सफाई होती है. उनका कहना है कि गांव की कुल 2 हजार आबादी में पांच सालों में किसी तरह का कोई काम नहीं हुआ है.

फिरोजाबाद: जिले के दिखतौली गांव में ग्राम प्रधान के पांच साल बीत जाने के बाद भी गांव का विकास नहीं हुआ है. गांव में कई तरह की समस्याएं हैं, जिसका समाधान अभी तक नहीं हुआ. अब जिला पंचायत चुनाव भी होने जा रहा है, ऐसे में ग्रामीण में संशय है कि किसका चुनाव करें, क्योंकि चुनाव बीत जाने के बाद नेतागण गांव के विकास का सुध नहीं लेते हैं.

ग्रामीणों से बातचीत.

पांच सालों में नहीं बदली तस्वीर
ग्राम पंचायतों की बदहाली की तस्वीर दिखतौली गांव में साफ तौर पर देखी जा सकती है. गांव में अभी तक रास्तों को पक्का नहीं किया गया है. कच्ची सड़कों में पानी भरा रहता है, जिससे स्थानीय लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. स्थानीय की मानें तो उन्होंने कई बार ग्राम प्रधान को परेशानियों से अवगत भी कराया, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई.

इतना ही नहीं, गांव में साफ-सफाई का भी कोई इंतजाम नहीं है. इस गांव में प्रधानमंत्री स्वच्छता अभियान की पोल खुलती नजर आ रही है. ग्रामीणों का कहना है कि सफाईकर्मी आते तो हैं, लेकिन केवल ग्राम प्रधान के घर के आस पास की सफाई होती है. उनका कहना है कि गांव की कुल 2 हजार आबादी में पांच सालों में किसी तरह का कोई काम नहीं हुआ है.

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