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फिरोजाबाद में नहीं थम रहा बुखार का कहर, मेडिकल कॉलेज के बाहर मची चीख पुकार

फिरोजाबाद में बुखार और डेंगू का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है. प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में मरीज मेडिकल कॉलेज में भर्ती हो रहे हैं. जिससे मेडिकल कॉलेज में बेडों की संख्या कम पड़ने लगी है. जहां बेड न मिलने से लाचार मरीज रोते बिलखते वापस घर जाने को मजबूर हैं.

फिरोजाबाद में नहीं थम रहा बुखार का कहर.
फिरोजाबाद में नहीं थम रहा बुखार का कहर.
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Published : Sep 5, 2021, 8:57 AM IST

Updated : Sep 5, 2021, 9:34 AM IST

फिरोजाबाद: यूपी के फिरोजाबाद जिले में डेंगू का कहर लगातार जारी है. सरकारी अफसरों की दौरे और बीमारी को रोकथाम के लिए किए जा रहे सारे प्रयास अभी तक नाकाफी साबित हुए हैं. डेंगू मरीजों से मेडिकल कॉलेज भर चुका है. 100 शैय्या के अस्पताल में 443 डेंगू के मरीज भर्ती है. शनिवार को 183 नए मरीज भर्ती किए गए. जबकि 5 मरीजों की मौत हुई. जिनमें से 2 मरीजों की मौत मेडिकल कॉलेज में हुई. जबकि 3 मरीजों की मौत अलग-अलग स्थानों पर हुई. जनपद में डेंगू और वायरल फीवर मरने वालों का आंकड़ा 70 पार कर गया है.

शनिवार को 183 डेंगू के नए मरीज मेडिकल कॉलेज में एडमिट किए गए. जबकि 5 की मौत हुई है. मेडिकल कॉलेज में बेड न मिलने से परेशान लोग चीखते-पुकारते मौत के मुंह में समाए अपने बच्चो को वापस घर ले जा रहे हैं. शनिवार की रात गांव लालऊ निवासी नेपाल सिंह की 11 बर्षीय बेटी पल्लवी की मौत हो गई. परिजनों का आरोप था कि मेडिकल कॉलेज में उसे उपचार नहीं मिला था. जिसकी वजह से पल्लवी की मौत हुई है. इसी तरह कुछ और लोग भी अस्पताल के बाहर रोत बिलखते दिखाई दिए. जोकि अस्पताल की बदइंतजामी से काफी परेशान थे.

जानकारी देते पीड़ित.

मामले की गंभीरता को देखते हुए 30 अगस्त को खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ फिरोजाबाद आए थे. जहां उन्होंने मेडिकल कॉलेज में भर्ती मरीजों से बात की थी और सुदामा नगर में जाकर स्थलीय हालातों का जायजा लिया था. उस दौरान सीएम योगी ने मेडिकल कॉलेज में मेन पावर बढ़ाने की बात कही थी. साथ ही इलाज में किसी तरह की लापरवाही न बरती जाए. इसके भी निर्देश दिए थे. वहीं, उन्होंने नगर निगम और सीएमओ के प्रति भी नाराजगी जताई थी.

मुख्यमंत्री का कहना था कि जब जिलाधिकारी ने पत्र लिखकर इसे गंभीरता से लेने के लिए कहा था तो फिर सीएमओ और नगर निगम ने शासन तक इसकी जानकारी क्यों नहीं दी. इसी के मद्देनजर मुख्यमंत्री की नाराजगी को देखते हुए बुधवार को शासन ने सीएमओ डॉक्टर नीता कुलश्रेष्ठ को हटाकर अलीगढ़ जिला अस्पताल में वरिष्ठ परामर्शदाता बना दिया था. इधर शासन ने हापुड़ जनपद के अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. दिनेश कुमार प्रेमी को फिरोजाबाद का सीएमओ नियुक्त किया है. सरकार की इतनी कोशिश के बाद भी महामारी रुकने का नाम ही नहीं रही है. प्रतिदिन 50 मरीज सामने आ रहे हैं. जिन्हें भर्ती करने के लिए मेडिकल कॉलेज में बेड भी कम पड़ जा रहे हैं.

मेडिकल कॉलेज में जो वार्ड है उसकी क्षमता 100 मरीजों की भर्ती करने की है, लेकिन यहां पर 400 से ज्यादा मरीज भर्ती हैं. इसके बाद भी यहां पर लगातार मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है. लिहाजा बेडों की कमी को देखते हुए उच्चाधिकारियों के निर्देश के बाद इस मेडिकल कॉलेज में 100 बेड और बढ़ाए गए है.

शनिवार को उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा डॉ. आलोक कुमार और जनपद के नोडल अफसर सुधीर बोबडे फिरोजाबाद पहुंचे. जिन्होंने डेंगू प्रभावित इलाकों का दौरा किया. साथ ही मेडिकल कॉलेज में भर्ती मरीजों से बात की. दोनों अफसर व्यवस्थाओं से संतुष्ट है. बावजूद इसके जो महामारी है उसका कहर बदस्तूर जारी है. मौतों का सिलसिला भी चल रहा है.

इसे भी पढें- फिरोजाबाद में तबाही के बीच प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा ने डाला डेरा

फिरोजाबाद: यूपी के फिरोजाबाद जिले में डेंगू का कहर लगातार जारी है. सरकारी अफसरों की दौरे और बीमारी को रोकथाम के लिए किए जा रहे सारे प्रयास अभी तक नाकाफी साबित हुए हैं. डेंगू मरीजों से मेडिकल कॉलेज भर चुका है. 100 शैय्या के अस्पताल में 443 डेंगू के मरीज भर्ती है. शनिवार को 183 नए मरीज भर्ती किए गए. जबकि 5 मरीजों की मौत हुई. जिनमें से 2 मरीजों की मौत मेडिकल कॉलेज में हुई. जबकि 3 मरीजों की मौत अलग-अलग स्थानों पर हुई. जनपद में डेंगू और वायरल फीवर मरने वालों का आंकड़ा 70 पार कर गया है.

शनिवार को 183 डेंगू के नए मरीज मेडिकल कॉलेज में एडमिट किए गए. जबकि 5 की मौत हुई है. मेडिकल कॉलेज में बेड न मिलने से परेशान लोग चीखते-पुकारते मौत के मुंह में समाए अपने बच्चो को वापस घर ले जा रहे हैं. शनिवार की रात गांव लालऊ निवासी नेपाल सिंह की 11 बर्षीय बेटी पल्लवी की मौत हो गई. परिजनों का आरोप था कि मेडिकल कॉलेज में उसे उपचार नहीं मिला था. जिसकी वजह से पल्लवी की मौत हुई है. इसी तरह कुछ और लोग भी अस्पताल के बाहर रोत बिलखते दिखाई दिए. जोकि अस्पताल की बदइंतजामी से काफी परेशान थे.

जानकारी देते पीड़ित.

मामले की गंभीरता को देखते हुए 30 अगस्त को खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ फिरोजाबाद आए थे. जहां उन्होंने मेडिकल कॉलेज में भर्ती मरीजों से बात की थी और सुदामा नगर में जाकर स्थलीय हालातों का जायजा लिया था. उस दौरान सीएम योगी ने मेडिकल कॉलेज में मेन पावर बढ़ाने की बात कही थी. साथ ही इलाज में किसी तरह की लापरवाही न बरती जाए. इसके भी निर्देश दिए थे. वहीं, उन्होंने नगर निगम और सीएमओ के प्रति भी नाराजगी जताई थी.

मुख्यमंत्री का कहना था कि जब जिलाधिकारी ने पत्र लिखकर इसे गंभीरता से लेने के लिए कहा था तो फिर सीएमओ और नगर निगम ने शासन तक इसकी जानकारी क्यों नहीं दी. इसी के मद्देनजर मुख्यमंत्री की नाराजगी को देखते हुए बुधवार को शासन ने सीएमओ डॉक्टर नीता कुलश्रेष्ठ को हटाकर अलीगढ़ जिला अस्पताल में वरिष्ठ परामर्शदाता बना दिया था. इधर शासन ने हापुड़ जनपद के अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. दिनेश कुमार प्रेमी को फिरोजाबाद का सीएमओ नियुक्त किया है. सरकार की इतनी कोशिश के बाद भी महामारी रुकने का नाम ही नहीं रही है. प्रतिदिन 50 मरीज सामने आ रहे हैं. जिन्हें भर्ती करने के लिए मेडिकल कॉलेज में बेड भी कम पड़ जा रहे हैं.

मेडिकल कॉलेज में जो वार्ड है उसकी क्षमता 100 मरीजों की भर्ती करने की है, लेकिन यहां पर 400 से ज्यादा मरीज भर्ती हैं. इसके बाद भी यहां पर लगातार मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है. लिहाजा बेडों की कमी को देखते हुए उच्चाधिकारियों के निर्देश के बाद इस मेडिकल कॉलेज में 100 बेड और बढ़ाए गए है.

शनिवार को उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा डॉ. आलोक कुमार और जनपद के नोडल अफसर सुधीर बोबडे फिरोजाबाद पहुंचे. जिन्होंने डेंगू प्रभावित इलाकों का दौरा किया. साथ ही मेडिकल कॉलेज में भर्ती मरीजों से बात की. दोनों अफसर व्यवस्थाओं से संतुष्ट है. बावजूद इसके जो महामारी है उसका कहर बदस्तूर जारी है. मौतों का सिलसिला भी चल रहा है.

इसे भी पढें- फिरोजाबाद में तबाही के बीच प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा ने डाला डेरा

Last Updated : Sep 5, 2021, 9:34 AM IST
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