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सलाखों के पीछे से हो रही है गायों को सर्दी से बचाने की पहल - cow coat

कड़ाके की ठंड में ठिठुरते गौवंशों के लिए फिरोजाबाद जिला जेल में काऊ कोट तैयार किया जा रहा है. पहली खेप में बने कोटों को भरतपुरा गांव की एक गौशाला में वितरित किया गया है.

जिला जेल.
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Published : Jan 20, 2021, 11:17 AM IST

फिरोजाबाद: सर्दी से ठिठुरते गौवंश को शीतलहर से बचाने का प्रयास सलाखों के पीछे से भी हो रहा है. दरअसल, फिरोजाबाद जिला जेल में बंद कैदी गायों को ठंड से बचाने के लिए काऊ कोट तैयार कर रहे हैं. पहली खेप में बने कोटों को भरतपुरा गांव की एक गौशाला में वितरित किया गया. वहीं, जरूरत पड़ने पर और बड़ी मात्रा में कोटों को बनाने की योजना जेल प्रशासन ने सोची है.

जानकारी देते जेल अधीक्षक अकरम खान.

50 काऊ कोट तैयार
कड़ाके की सर्दी में इंसान ही नहीं बल्कि जानवर भी परेशान है. इंसान तो फिर भी किसी तरह सर्दी से बचाव कर लेता है, लेकिन पशुओं के लिए कोई इंतजाम नहीं है. फिरोजाबाद के जेल में बंद कुछ कैदियों ने गायों के लिए 50 काऊ कोट तैयार किये थे, जिन्हें चार दिन पहले भरतपुरा गांव स्थित गौशाला को भेंट किया गया है. इन कोटों को पशुपालन निदेशक संतोष कुमार मलिक द्वारा गायों को ओढ़ाया जा चुका है.

जेल अधीक्षक अकरम खान ने बताया है कि यह कोट ट्रिपल लेयर के है. जिनमें बीच में कंबल का इस्तेमाल किया गया है. इसके लिए उन कंबलों का इस्तेमाल किया जा रहा है, जो पुराने हैं और जिन्हें कैदी ओढ़ा करते थे. इन कंबलों पर दोनों तरफ टाट के बोरा चढ़ाकर काऊ कोट तैयार किए गए हैं. जेल अधीक्षक ने बताया कि कुछ और काऊ कोट भी तैयार कराए जा रहे हैं, जिन्हें जरूरत के मुताबिक गौशालाओं को दिया जाएगा.

इसे भी पढ़ें- माइनस सात डिग्री में साधना, केदारनाथ में भयानक ठंड में साधु का ध्यान देख हिल जाएंगे आप

फिरोजाबाद: सर्दी से ठिठुरते गौवंश को शीतलहर से बचाने का प्रयास सलाखों के पीछे से भी हो रहा है. दरअसल, फिरोजाबाद जिला जेल में बंद कैदी गायों को ठंड से बचाने के लिए काऊ कोट तैयार कर रहे हैं. पहली खेप में बने कोटों को भरतपुरा गांव की एक गौशाला में वितरित किया गया. वहीं, जरूरत पड़ने पर और बड़ी मात्रा में कोटों को बनाने की योजना जेल प्रशासन ने सोची है.

जानकारी देते जेल अधीक्षक अकरम खान.

50 काऊ कोट तैयार
कड़ाके की सर्दी में इंसान ही नहीं बल्कि जानवर भी परेशान है. इंसान तो फिर भी किसी तरह सर्दी से बचाव कर लेता है, लेकिन पशुओं के लिए कोई इंतजाम नहीं है. फिरोजाबाद के जेल में बंद कुछ कैदियों ने गायों के लिए 50 काऊ कोट तैयार किये थे, जिन्हें चार दिन पहले भरतपुरा गांव स्थित गौशाला को भेंट किया गया है. इन कोटों को पशुपालन निदेशक संतोष कुमार मलिक द्वारा गायों को ओढ़ाया जा चुका है.

जेल अधीक्षक अकरम खान ने बताया है कि यह कोट ट्रिपल लेयर के है. जिनमें बीच में कंबल का इस्तेमाल किया गया है. इसके लिए उन कंबलों का इस्तेमाल किया जा रहा है, जो पुराने हैं और जिन्हें कैदी ओढ़ा करते थे. इन कंबलों पर दोनों तरफ टाट के बोरा चढ़ाकर काऊ कोट तैयार किए गए हैं. जेल अधीक्षक ने बताया कि कुछ और काऊ कोट भी तैयार कराए जा रहे हैं, जिन्हें जरूरत के मुताबिक गौशालाओं को दिया जाएगा.

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