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चूड़ियों की खनखनाहट में छिपी है कामगारों की मायूसी - फिरोजाबाद में चूड़ियों का कारोबार

चूड़ियों के शहर के नाम से मशहूर फिरोजाबाद में करीब पांच लाख से ज्यादा मजदूर चूड़ियां बनाते हैं. कामगारों की शिकायत रहती थी कि उन्हें काम के एवज में कम आय मिलता है. इसके लिए सरकार ने अब एक कमेटी का गठन किया है, जो समय समय पर कामगारों की समस्याओं का निराकरण करेगी.

चूड़ियों के लिए मशहूर फिरोजाबाद.
चूड़ियों के लिए मशहूर फिरोजाबाद.
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Published : Oct 25, 2020, 7:55 AM IST

फिरोजाबाद: सुहाग नगरी के नाम से मशहूर फिरोजाबाद में करीब पांच लाख मजदूर चूड़ियों को तैयार करते हैं. सुहागिन महिलाओं के हाथों की शोभा बढ़ाने वाली इन चूड़ियों में ही कामगारों का दर्द भी छिपा है. राहत की बात यह है कि सरकार ने अब एक कमेटी का गठन किया है, जो समय-समय पर कामगारों की समस्याओं का निराकरण करेगी.

चूड़ियों के लिए मशहूर फिरोजाबाद.
चूड़ियों के लिए मशहूर फिरोजाबाद.

400 कारखानों में होता है चूड़ी उत्पादन का काम
फिरोजाबाद में करीब 400 कारखाने हैं, जिनमें चूड़ी के उत्पादन का काम होता है. इन कारखानों से करीब पांच लाख मजदूर चूड़ी के काम से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े हैं. चूड़ियों के उत्पादन का काम जरूर कारखानों में होता है, लेकिन उसके डेकोरेशन का काम घरों में होता है. इसमें चूड़ी की जुड़ाई, झलाई, सदाई का काम शामिल है.

स्पेशल रिपोर्ट.

इन चूड़ियों को सही ढंग में बाजार में पेश करने के पीछे कामगारों की मेहनत छिपी होती है. वहीं कामगारों की भी अपनी समस्याएं हैं. दरअसल, कामगारों की मजदूरी में बढ़ोतरी नहीं की जा रही है. साथ ही शासन के आदेश के मुताबिक, चूड़ी जुड़ाई के काम में प्रयुक्त होने वाला केरोसिन ऑयल भी उपलब्ध नहीं हो रहा है.

मजदूर नेता ने जतायी खुशी, कहा अब होगा समाधान
चूड़ी कामगारों की इन प्रमुख मांगों को लेकर आए दिन धरना प्रदर्शन की नौबत आती थी. कारखाना बंद होने से औद्योगिक अशांति का भी खतरा रहता था. हालांकि अब कामगारों के लिए राहत भरी खबर है. शासन ने इन कामगारों की समस्याओं के समाधान के लिये एक कमेटी का गठन किया है. यह कमेटी तीन पक्षीय होगी, जिसमें उप श्रमायुक्त आगरा के साथ-साथ सेवायोजक और श्रमिक नेता शामिल होंगे.

चूड़ियों की जुड़ाई करते कामगर.
चूड़ियों की जुड़ाई करते कामगर.

यह कमेटी समय-समय पर समीक्षा करेगी और कामगारों की समस्याओं का निस्तारण करेगी. यह भी देखा जाएगा कि सेवायोजक अपने कामगारों को पूरा मेहनताना दे रहे हैं या नहीं, कारखाना मालिकों को कामगार हड़ताल की धमकी देकर अपनी बात तो नहीं मनवाना चाहते हैं. कमेटी के गठन पर श्रमिक नेता सोमेश गोस्वामी ने खुशी जाहिर की है. उनका कहना है कि इस कमेटी के गठन से मजदूरों की लंबित समस्याओं का निवारण हो सकेगा.

फिरोजाबाद: सुहाग नगरी के नाम से मशहूर फिरोजाबाद में करीब पांच लाख मजदूर चूड़ियों को तैयार करते हैं. सुहागिन महिलाओं के हाथों की शोभा बढ़ाने वाली इन चूड़ियों में ही कामगारों का दर्द भी छिपा है. राहत की बात यह है कि सरकार ने अब एक कमेटी का गठन किया है, जो समय-समय पर कामगारों की समस्याओं का निराकरण करेगी.

चूड़ियों के लिए मशहूर फिरोजाबाद.
चूड़ियों के लिए मशहूर फिरोजाबाद.

400 कारखानों में होता है चूड़ी उत्पादन का काम
फिरोजाबाद में करीब 400 कारखाने हैं, जिनमें चूड़ी के उत्पादन का काम होता है. इन कारखानों से करीब पांच लाख मजदूर चूड़ी के काम से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े हैं. चूड़ियों के उत्पादन का काम जरूर कारखानों में होता है, लेकिन उसके डेकोरेशन का काम घरों में होता है. इसमें चूड़ी की जुड़ाई, झलाई, सदाई का काम शामिल है.

स्पेशल रिपोर्ट.

इन चूड़ियों को सही ढंग में बाजार में पेश करने के पीछे कामगारों की मेहनत छिपी होती है. वहीं कामगारों की भी अपनी समस्याएं हैं. दरअसल, कामगारों की मजदूरी में बढ़ोतरी नहीं की जा रही है. साथ ही शासन के आदेश के मुताबिक, चूड़ी जुड़ाई के काम में प्रयुक्त होने वाला केरोसिन ऑयल भी उपलब्ध नहीं हो रहा है.

मजदूर नेता ने जतायी खुशी, कहा अब होगा समाधान
चूड़ी कामगारों की इन प्रमुख मांगों को लेकर आए दिन धरना प्रदर्शन की नौबत आती थी. कारखाना बंद होने से औद्योगिक अशांति का भी खतरा रहता था. हालांकि अब कामगारों के लिए राहत भरी खबर है. शासन ने इन कामगारों की समस्याओं के समाधान के लिये एक कमेटी का गठन किया है. यह कमेटी तीन पक्षीय होगी, जिसमें उप श्रमायुक्त आगरा के साथ-साथ सेवायोजक और श्रमिक नेता शामिल होंगे.

चूड़ियों की जुड़ाई करते कामगर.
चूड़ियों की जुड़ाई करते कामगर.

यह कमेटी समय-समय पर समीक्षा करेगी और कामगारों की समस्याओं का निस्तारण करेगी. यह भी देखा जाएगा कि सेवायोजक अपने कामगारों को पूरा मेहनताना दे रहे हैं या नहीं, कारखाना मालिकों को कामगार हड़ताल की धमकी देकर अपनी बात तो नहीं मनवाना चाहते हैं. कमेटी के गठन पर श्रमिक नेता सोमेश गोस्वामी ने खुशी जाहिर की है. उनका कहना है कि इस कमेटी के गठन से मजदूरों की लंबित समस्याओं का निवारण हो सकेगा.

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