फिरोजाबाद: उत्तर प्रदेश में विधानसभा की आठ सीटों पर प्रस्तावित उपचुनाव के लिए अभी तक अधिसूचना बेशक जारी न हुई हो, लेकिन फिरोजाबाद जिले की टुण्डला सीट को जीतने के लिए भारतीय जनता पार्टी पूरी शिद्दत के साथ जुटी है. दो दिनों में पार्टी के दो बड़े नेताओं के दौरे और एक अरब से ज्यादा की योजनाओं के लोकार्पण और शिलान्यास से यह बात साफ हो जाती है कि भाजपा हर कीमत पर इस सीट पर अपना कब्जा बरकरार रखना चाहती है.
वैसे तो यह सीट कभी एक दल के प्रभाव वाली नहीं रही. समय-समय पर यहां के वोटरों ने राजनीतिक दलों को आइना दिखाने का काम किया है. जो दल या फिर प्रत्याशी यहां के वोटरों की उम्मीद पर खरा नहीं उतरा, उसे यहां की जनता ने दोबारा नहीं चुना. लेकिन कुछ नेता ऐसे भी रहे जो दो बार जीतकर विधानसभा तक पहुंचे. बीते दो दशक की बात करें तो साल 2002 में जब विधानसभा के चुनाव हुए तो मोहनदेव शंखवार सपा से चुनाव जीते, लेकिन वह अपनी जीत को जारी नहीं रख सके.
साल 2007 में जब चुनाव हुआ तो बसपा के राकेश बाबू ने जीत हासिल की और साल 2012 में उन्होंने अपनी जीत को बरकरार रखा. वहीं साल 2017 में वह हार गए और जीत का सेहरा बीजेपी के एसपी सिंह बघेल के सिर बंधा. एसपी सिंह बघेल प्रदेश सरकार में मंत्री भी बने, लेकिन उनके आगरा से सांसद चुनने के बाद यह सीट खाली हो गई. अब इस सीट पर उपचुनाव होने जा रहा है.
इस सीट पर बीजेपी का कब्जा बरकरार रहे, इसके लिए पार्टी हाईकमान पूरा जोर लगा रहा है. बुधबार को जहां डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा ने तीन बड़ी परियोजनाओं का शिलान्यास किया तो वहीं गुरुवार को डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने 98 करोड़ की 46 परियोजनाओं का लोकापर्ण कर विकास का संदेश दिया. उन्होंने खुले मंच से कहा कि बीजेपी 'सबका साथ सबका विकास' करती रही है.