फिरोजाबाद: प्रदेश सरकार अंत्येष्टि स्थलों के रख रखाव के लिए भारी बजट खर्च कर रही है. लेकिन, फिरोजाबाद जिले में ऐसे कई स्थल हैं. इसकी तस्वीर हकीकत से जुदा है. कब्रिस्तान हों, अंत्येष्टि स्थल या अंतिम संस्कार, विद्युत शवदाह गृह सभी का हाल एक जैसा ही है. जिले में 13 अंत्येष्टि स्थल हैं, उनमें से कई बदहाल है. यहां अंत्येष्टि स्थलों पर बुनियादी सुविधाओं की कमी है.
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सुपुर्दे-ए खाक में हो रही दिक्कत
पूर्व सभासद एंव वकील नवीं अफगानी ने बताया कि यहां हमारे कई पुरुखों की कब्रें मौजूद हैं, लेकिन नगर निगम ने कब्रिस्तान स्थल पर पानी की एक टंकी स्थापित कर दी है. मुस्लिम समाज के लोगों को शवों को दफनाने के लिए काफी दूर जाना पड़ता है. यदि नगर निगम इसकी बाउंड्रीवॉल का निर्माण करा दे तो कुछ राहत मिल सकती है.
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अंत्येष्टि स्थल पर नहीं हैं बुनियादी सुविधाएं
ईटीवी भारत की टीम ने कब्रिस्तान की हकीकत जानने के बाद जलेसर रोड स्थित अंत्येष्टि स्थल का रुख किया. नगर निगम में दर्ज आंकड़ों के मुताबिक शहर में 13 अंत्येष्टि स्थल हैं, लेकिन किसी भी अंत्येष्टि स्थल पर विद्युत शवदाह गृह नहीं है. जलेसर रोड स्थित श्मशान को शहर का सबसे बड़ा मुक्तिधाम माना जाता है, लेकिन यहां भी बुनियादी सुविधाएं नहीं हैं. शवदाह स्थल में शांति स्थल, लकड़ी भंडार कक्ष, शौचालय और स्नानघर की उचित व्यवस्था नहीं की गई. यहां विद्युत शवदाह गृह मशीन लगाई थी, जिसका अब अस्तित्व मिट चुका है. नगर आयुक्त विजय कुमार का कहना है कि शहर में स्थित 13 में से 10 अंत्येष्टि स्थलों का जीर्णोद्धार कराया जा चुका है. जहां अव्यस्थाएं हैं, उनको समय रहते दुरुस्त करा दिया जाएगा.