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वजूद खोते जा रहे हैं कब्रिस्तान, मुक्तिधाम में है सुविधाओं का टोटा - firozabad nagar nigam

फिरोजाबाद स्थित श्मशान घाट और कोटला मोहल्ला का कब्रिस्तान बदहाल स्थिति में है. स्थानीय लोगों की मांग के बाद भी इनके जीर्णोद्धार के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया. अव्यवस्थाओं के कारण श्मशान पर अंतिम संस्कार और कब्रिस्तान में शवों को सुपुर्दे खाक करने आने वाले लोगों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.

कब्रिस्तान और अंत्येष्टि स्थल की बदहाल स्थिति.
कब्रिस्तान और अंत्येष्टि स्थल की बदहाल स्थिति.
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Published : Apr 11, 2021, 2:31 PM IST

फिरोजाबाद: प्रदेश सरकार अंत्येष्टि स्थलों के रख रखाव के लिए भारी बजट खर्च कर रही है. लेकिन, फिरोजाबाद जिले में ऐसे कई स्थल हैं. इसकी तस्वीर हकीकत से जुदा है. कब्रिस्तान हों, अंत्येष्टि स्थल या अंतिम संस्कार, विद्युत शवदाह गृह सभी का हाल एक जैसा ही है. जिले में 13 अंत्येष्टि स्थल हैं, उनमें से कई बदहाल है. यहां अंत्येष्टि स्थलों पर बुनियादी सुविधाओं की कमी है.

कब्रिस्तान और अंत्येष्टि स्थल की बदहाल स्थिति.
अतिक्रमण से बदहाल कब्रिस्तान
शहर के कोटला मोहल्ला स्थित कब्रिस्तान की हालत बेहद खराब है. इस कब्रिस्तान बुनियादी सुविधाओं के नाम पर कुछ नहीं है. बाउंड्रीवॉल टूटी हुई है. पूरा कब्रिस्तान स्थल चारो तरफ से खुला है. ऐसे में शवों को सुपुर्दे-ए-खाक करते समय लोगों को काफी परेशानी होती है. हैरत वाली बात ये है कि इस कब्रिस्तान में भू-माफिया की नजर है. इस कब्रिस्तान की जगह पर कई स्थानीय लोगों ने अवैध कब्जा कर लिया है. लोग इस जगह को जानवर बांधने और उपले पाथने के उपयोग में ला रहे हैं. ऐसे में मुस्लिम समाज के लोग शवों को दफनाने के लिए काफी अन्य कब्रिस्तानों का रुख करते हैं. नगर निगम की लापरवाही और प्रशासन के बेरुखी से कब्रिस्तान का वजूद खत्म सा हो गया है.

इसे भी पढे़ं-कावड़ लेकर लौट रहे युवक का कब्रिस्तान में शव मिलने से मचा हड़कंप

सुपुर्दे-ए खाक में हो रही दिक्कत
पूर्व सभासद एंव वकील नवीं अफगानी ने बताया कि यहां हमारे कई पुरुखों की कब्रें मौजूद हैं, लेकिन नगर निगम ने कब्रिस्तान स्थल पर पानी की एक टंकी स्थापित कर दी है. मुस्लिम समाज के लोगों को शवों को दफनाने के लिए काफी दूर जाना पड़ता है. यदि नगर निगम इसकी बाउंड्रीवॉल का निर्माण करा दे तो कुछ राहत मिल सकती है.

इसे भी पढ़ें-कब्रिस्तान बनी दयोदय तीर्थ गोशाला, परिसर में बिखरे पड़े हैं गायों के कंकाल

अंत्येष्टि स्थल पर नहीं हैं बुनियादी सुविधाएं
ईटीवी भारत की टीम ने कब्रिस्तान की हकीकत जानने के बाद जलेसर रोड स्थित अंत्येष्टि स्थल का रुख किया. नगर निगम में दर्ज आंकड़ों के मुताबिक शहर में 13 अंत्येष्टि स्थल हैं, लेकिन किसी भी अंत्येष्टि स्थल पर विद्युत शवदाह गृह नहीं है. जलेसर रोड स्थित श्मशान को शहर का सबसे बड़ा मुक्तिधाम माना जाता है, लेकिन यहां भी बुनियादी सुविधाएं नहीं हैं. शवदाह स्थल में शांति स्थल, लकड़ी भंडार कक्ष, शौचालय और स्नानघर की उचित व्यवस्था नहीं की गई. यहां विद्युत शवदाह गृह मशीन लगाई थी, जिसका अब अस्तित्व मिट चुका है. नगर आयुक्त विजय कुमार का कहना है कि शहर में स्थित 13 में से 10 अंत्येष्टि स्थलों का जीर्णोद्धार कराया जा चुका है. जहां अव्यस्थाएं हैं, उनको समय रहते दुरुस्त करा दिया जाएगा.

फिरोजाबाद: प्रदेश सरकार अंत्येष्टि स्थलों के रख रखाव के लिए भारी बजट खर्च कर रही है. लेकिन, फिरोजाबाद जिले में ऐसे कई स्थल हैं. इसकी तस्वीर हकीकत से जुदा है. कब्रिस्तान हों, अंत्येष्टि स्थल या अंतिम संस्कार, विद्युत शवदाह गृह सभी का हाल एक जैसा ही है. जिले में 13 अंत्येष्टि स्थल हैं, उनमें से कई बदहाल है. यहां अंत्येष्टि स्थलों पर बुनियादी सुविधाओं की कमी है.

कब्रिस्तान और अंत्येष्टि स्थल की बदहाल स्थिति.
अतिक्रमण से बदहाल कब्रिस्तानशहर के कोटला मोहल्ला स्थित कब्रिस्तान की हालत बेहद खराब है. इस कब्रिस्तान बुनियादी सुविधाओं के नाम पर कुछ नहीं है. बाउंड्रीवॉल टूटी हुई है. पूरा कब्रिस्तान स्थल चारो तरफ से खुला है. ऐसे में शवों को सुपुर्दे-ए-खाक करते समय लोगों को काफी परेशानी होती है. हैरत वाली बात ये है कि इस कब्रिस्तान में भू-माफिया की नजर है. इस कब्रिस्तान की जगह पर कई स्थानीय लोगों ने अवैध कब्जा कर लिया है. लोग इस जगह को जानवर बांधने और उपले पाथने के उपयोग में ला रहे हैं. ऐसे में मुस्लिम समाज के लोग शवों को दफनाने के लिए काफी अन्य कब्रिस्तानों का रुख करते हैं. नगर निगम की लापरवाही और प्रशासन के बेरुखी से कब्रिस्तान का वजूद खत्म सा हो गया है.

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सुपुर्दे-ए खाक में हो रही दिक्कत
पूर्व सभासद एंव वकील नवीं अफगानी ने बताया कि यहां हमारे कई पुरुखों की कब्रें मौजूद हैं, लेकिन नगर निगम ने कब्रिस्तान स्थल पर पानी की एक टंकी स्थापित कर दी है. मुस्लिम समाज के लोगों को शवों को दफनाने के लिए काफी दूर जाना पड़ता है. यदि नगर निगम इसकी बाउंड्रीवॉल का निर्माण करा दे तो कुछ राहत मिल सकती है.

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अंत्येष्टि स्थल पर नहीं हैं बुनियादी सुविधाएं
ईटीवी भारत की टीम ने कब्रिस्तान की हकीकत जानने के बाद जलेसर रोड स्थित अंत्येष्टि स्थल का रुख किया. नगर निगम में दर्ज आंकड़ों के मुताबिक शहर में 13 अंत्येष्टि स्थल हैं, लेकिन किसी भी अंत्येष्टि स्थल पर विद्युत शवदाह गृह नहीं है. जलेसर रोड स्थित श्मशान को शहर का सबसे बड़ा मुक्तिधाम माना जाता है, लेकिन यहां भी बुनियादी सुविधाएं नहीं हैं. शवदाह स्थल में शांति स्थल, लकड़ी भंडार कक्ष, शौचालय और स्नानघर की उचित व्यवस्था नहीं की गई. यहां विद्युत शवदाह गृह मशीन लगाई थी, जिसका अब अस्तित्व मिट चुका है. नगर आयुक्त विजय कुमार का कहना है कि शहर में स्थित 13 में से 10 अंत्येष्टि स्थलों का जीर्णोद्धार कराया जा चुका है. जहां अव्यस्थाएं हैं, उनको समय रहते दुरुस्त करा दिया जाएगा.

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