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गुर्जर आंदोलन की हिंसा के मामले में पूर्व मंत्री समेत 15 नेता बरी

फिरोजाबाद की कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में गुर्जर आंदोलन की हिंसा के मामले में पूर्व मंत्री समेत 15 आरोपियों को बरी कर दिया है.

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यह बोले पूर्व मंत्री व बचाव पक्ष के अधिवक्ता.
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Published : Nov 30, 2022, 7:05 PM IST

फिरोजाबादः जिले की कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में गुर्जर आंदोलन की हिंसा के मामले में पूर्व मंत्री समेत 15 आरोपियों को बरी कर दिया है. इस मामले में पूर्व मंत्री राम सकल गुर्जर,पूर्व विधायक अजीम भाई, हरिओम यादव,पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष समेत कई लोगों को नामजद किया गया था.

दरअसल, 30 मई 2008 को फिरोजाबाद में हुए गुर्जर आंदोलन के दौरान जमकर हिंसा हुयी थी.यहां रसूलपुर थाना क्षेत्र में चले आंदोलन की अगुआई समाजवादी पार्टी के नेताओं ने की थी. आंदोलन के दौरान जमकर बवाल हुआ था.पथराव, आगजनी और फायरिंग हुयी थी. कई लोग घायल भी हुए थे.

यह बोले पूर्व मंत्री व बचाव पक्ष के अधिवक्ता.

इस मामले में तत्कालीन थाना प्रभारी रसूलपुर ने 38 लोगों को नामजद कर 2000 अज्ञात उपद्रवियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में एफआईआर दर्ज करायी थी. नामजद आरोपियों में पूर्व मंत्री राम सकल गुर्जर, पूर्व विधायक अजीम भाई, हरिओम यादव, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष विजय प्रताप उर्फ छोटू शामिल थे.

इस मामले में पुलिस ने 15 नामजद आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी. केस की सुनवाई एमपी एमएलए कोर्ट में हुई थी. कोर्ट ने सुनवाई करते हुए साक्ष्यों के अभाव में सभी 15 नेताओं को बरी कर दिया. पूर्व मंत्री राम सकल गुर्जर और बचाव पक्ष के अधिवक्ता राजेश कुलश्रेष्ठ ने बताया कि इस केस को बसपा सरकार में राजनीतिक द्वेषवश दर्ज कराया गया था. आज हमें कोर्ट से न्याय मिल गया.

ये भी पढ़ेंः स्टेज पर दूल्हे ने किया KISS तो दुल्हन बोली- ना बाबा ना मैं इनके साथ नहीं जाऊंगी, जानिए फिर क्या हुआ

फिरोजाबादः जिले की कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में गुर्जर आंदोलन की हिंसा के मामले में पूर्व मंत्री समेत 15 आरोपियों को बरी कर दिया है. इस मामले में पूर्व मंत्री राम सकल गुर्जर,पूर्व विधायक अजीम भाई, हरिओम यादव,पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष समेत कई लोगों को नामजद किया गया था.

दरअसल, 30 मई 2008 को फिरोजाबाद में हुए गुर्जर आंदोलन के दौरान जमकर हिंसा हुयी थी.यहां रसूलपुर थाना क्षेत्र में चले आंदोलन की अगुआई समाजवादी पार्टी के नेताओं ने की थी. आंदोलन के दौरान जमकर बवाल हुआ था.पथराव, आगजनी और फायरिंग हुयी थी. कई लोग घायल भी हुए थे.

यह बोले पूर्व मंत्री व बचाव पक्ष के अधिवक्ता.

इस मामले में तत्कालीन थाना प्रभारी रसूलपुर ने 38 लोगों को नामजद कर 2000 अज्ञात उपद्रवियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में एफआईआर दर्ज करायी थी. नामजद आरोपियों में पूर्व मंत्री राम सकल गुर्जर, पूर्व विधायक अजीम भाई, हरिओम यादव, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष विजय प्रताप उर्फ छोटू शामिल थे.

इस मामले में पुलिस ने 15 नामजद आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी. केस की सुनवाई एमपी एमएलए कोर्ट में हुई थी. कोर्ट ने सुनवाई करते हुए साक्ष्यों के अभाव में सभी 15 नेताओं को बरी कर दिया. पूर्व मंत्री राम सकल गुर्जर और बचाव पक्ष के अधिवक्ता राजेश कुलश्रेष्ठ ने बताया कि इस केस को बसपा सरकार में राजनीतिक द्वेषवश दर्ज कराया गया था. आज हमें कोर्ट से न्याय मिल गया.

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