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फिरोजाबाद: आर्थिक तंगी के चलते बेटी का नहीं हो सका इलाज, बेबस पिता शव लेकर पहुंचा जिला मुख्यालय

फिरोजाबाद में आर्थिक तंगी के चलते 12 वर्षीय बच्ची की मौत हो गई. बच्ची के पिता का आरोप है कि वह पंचायती राज विभाग में कर्मचारी के पद पर तैनात था. जहां 9 महीने पहले उसे निलंबित कर दिया गया था, लेकिन इस दौरान उसे विभाग की तरफ से कोई जीवन निर्वाह भत्ता नहीं दिया जा रहा था. जिसके चलते आर्थिक तंगी के कारण वह बच्ची का इलाज नहीं करवा सका और उसकी बच्ची की मौत हो गई.

परिजन.
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Published : Sep 24, 2021, 7:32 PM IST

Updated : Sep 24, 2021, 7:40 PM IST

फिरोजाबाद: यूपी के फिरोजाबाद से शर्मनाक घटना सामने आई है. जहां प्रशासन की लचर व्यवस्था और अधिकारियों की मनमानी के चलते एक 12 वर्षीय बच्ची की जान चली गई. बताया जा रहा है कि बच्ची का पिता पंचायती राज विभाग में सफाई कर्मचारी के पद पर तैनात था. जिसे 9 पहले निलंबित कर दिया गया था. इस दौरान उसे विभाग की तरफ से जीवन निर्वाह भत्ता भी नहीं मिल रहा था. पीड़ित पिता का आरोप है कि पैसे के अभाव में वह बेटी का इलाज नहीं करा सका. जिसके चलते उसकी बेटी की मौत हुई है.

प्रशासन की लापरवाही के विरोध में पीड़ित पिता परिवार के साथ जिला मुख्यालय पर बेटी के शव को लेकर धरने पर बैठ गया. जहां अफसरों ने उसे भरोसा दिलाया कि जल्द ही उसे बहाल किया जाएगा और उसके रुके हुए पैसे का जल्द भुगतान किया जाएगा.

जानकारी देते परिजन और जिला विकास अधिकारी.

शहर के दम्मामल नगर निवासी सुजीत कुमार पंचायती राज विभाग में सफाई कर्मचारी के पद पर तैनात हैं. इन्हें एक आरोप के चलते 9 महीने पहले निलंबित कर दिया गया था. नियमानुसार निलंबित कर्मचारी को भी जीवन निर्वाह भत्ता दिया जाता है, लेकिन विभाग इस भत्ते को देना भूल गया. परिणाम यह हुआ कि सुजीत कुमार आर्थिक तंगी के दौर से गुजरने लगा. इस दौरान उसने उच्चाधिकारियों से भत्ते के लिए गुहार भी लगाई, लेकिन अफसर टस से मस नहीं हुए. इधर सुजीत कुमार की बेटी अब्बू पिछले कई सालों से पैरालिसिस से पीड़ित थी. आर्थिक तंगी के चलते सुजीत कुमार अपनी बेटी का इलाज नहीं करवा पा रह थे. जहां शुक्रवार की सुबह इलाज न मिलने के चलते बच्ची की मौत हो गई. प्रशासन की लापरवाही के विरोध में सुजीत कुमार परिवार सह बच्ची को लेकर जिला मुख्यालय पर पहुंच गया और शव को रखकर धरना देने लगा.

सुजीत कुमार का आरोप है कि अगर उसे जीवन निर्वाह भत्ता मिलता रहता तो वह अपनी बच्ची का इलाज करवा सकता था, लेकिन पैसे के अभाव में वह इलाज नहीं करा सका. जिससे उसकी बेटी की मौत हो गई. इधर सुजीत कुमार के धरने की जानकारी उच्चाधिकारियों को हुई तो जिला पंचायत राज अधिकारी और जिला विकास अधिकारी सुजीत कुमार को समझाने के लिए मौके पर पहुंचे. उन्होंने पीड़ित को यह भरोसा दिलाया कि उनके प्रति सहानुभूति बरती जाएगी और उसे जल्द बहाल किया जाएगा. साथ ही उसका जो भी रुका हुआ पैसा है. उसे भी जल्द दिया जाएगा.

इसे भी पढ़ें- हाथरस गैंगरेप कांडः पुलिस की गाड़ी के आगे लेटी आरोपी की मां, सिर पटक-पटक कर लगाया आरोप

फिरोजाबाद: यूपी के फिरोजाबाद से शर्मनाक घटना सामने आई है. जहां प्रशासन की लचर व्यवस्था और अधिकारियों की मनमानी के चलते एक 12 वर्षीय बच्ची की जान चली गई. बताया जा रहा है कि बच्ची का पिता पंचायती राज विभाग में सफाई कर्मचारी के पद पर तैनात था. जिसे 9 पहले निलंबित कर दिया गया था. इस दौरान उसे विभाग की तरफ से जीवन निर्वाह भत्ता भी नहीं मिल रहा था. पीड़ित पिता का आरोप है कि पैसे के अभाव में वह बेटी का इलाज नहीं करा सका. जिसके चलते उसकी बेटी की मौत हुई है.

प्रशासन की लापरवाही के विरोध में पीड़ित पिता परिवार के साथ जिला मुख्यालय पर बेटी के शव को लेकर धरने पर बैठ गया. जहां अफसरों ने उसे भरोसा दिलाया कि जल्द ही उसे बहाल किया जाएगा और उसके रुके हुए पैसे का जल्द भुगतान किया जाएगा.

जानकारी देते परिजन और जिला विकास अधिकारी.

शहर के दम्मामल नगर निवासी सुजीत कुमार पंचायती राज विभाग में सफाई कर्मचारी के पद पर तैनात हैं. इन्हें एक आरोप के चलते 9 महीने पहले निलंबित कर दिया गया था. नियमानुसार निलंबित कर्मचारी को भी जीवन निर्वाह भत्ता दिया जाता है, लेकिन विभाग इस भत्ते को देना भूल गया. परिणाम यह हुआ कि सुजीत कुमार आर्थिक तंगी के दौर से गुजरने लगा. इस दौरान उसने उच्चाधिकारियों से भत्ते के लिए गुहार भी लगाई, लेकिन अफसर टस से मस नहीं हुए. इधर सुजीत कुमार की बेटी अब्बू पिछले कई सालों से पैरालिसिस से पीड़ित थी. आर्थिक तंगी के चलते सुजीत कुमार अपनी बेटी का इलाज नहीं करवा पा रह थे. जहां शुक्रवार की सुबह इलाज न मिलने के चलते बच्ची की मौत हो गई. प्रशासन की लापरवाही के विरोध में सुजीत कुमार परिवार सह बच्ची को लेकर जिला मुख्यालय पर पहुंच गया और शव को रखकर धरना देने लगा.

सुजीत कुमार का आरोप है कि अगर उसे जीवन निर्वाह भत्ता मिलता रहता तो वह अपनी बच्ची का इलाज करवा सकता था, लेकिन पैसे के अभाव में वह इलाज नहीं करा सका. जिससे उसकी बेटी की मौत हो गई. इधर सुजीत कुमार के धरने की जानकारी उच्चाधिकारियों को हुई तो जिला पंचायत राज अधिकारी और जिला विकास अधिकारी सुजीत कुमार को समझाने के लिए मौके पर पहुंचे. उन्होंने पीड़ित को यह भरोसा दिलाया कि उनके प्रति सहानुभूति बरती जाएगी और उसे जल्द बहाल किया जाएगा. साथ ही उसका जो भी रुका हुआ पैसा है. उसे भी जल्द दिया जाएगा.

इसे भी पढ़ें- हाथरस गैंगरेप कांडः पुलिस की गाड़ी के आगे लेटी आरोपी की मां, सिर पटक-पटक कर लगाया आरोप

Last Updated : Sep 24, 2021, 7:40 PM IST
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