फिरोजाबाद: जिले के मेडिकल कॉलेज और जिला अस्पताल में तैनात जिन डाक्टरों ने कोविड काल में अपनी जान जोखिम में डालकर मरीजों की सेवा की थी. ऐसे धरती के भगवान बीते तीन माह से वेतन की आस लगाए बैठे हैं. इन डाक्टरों की नियुक्ति तो जिला अस्पताल में है, लेकिन यह मेडिकल कॉलेज के लिए काम कर रहे हैं. जिला अस्पताल और मेडिकल कॉलेज वेतन के लिए एक दूसरे पर टाल रहे हैं. वेतन न मिलने से परेशान डाक्टरों ने महानिदेशक को पत्र लिखकर गुहार लगाई है.
10 डॉक्टरों के बीते तीन माह से नहीं मिला वेतन
सरकार ने उत्तर प्रदेश में जिन छह स्थानों पर मेडिकल कॉलेज की स्थापना को मंजूरी दी थी. उनमें अयोध्या, बस्ती, जौनपुर, शाहजहांपुर, बहराइच के साथ साथ फिरोजाबाद भी शामिल है. दरअसल इन स्थानों पर पहले जिला अस्पताल संचालित होता था, लेकिन शासन की मंजूरी के बाद अस्पतालों को मेडिकल कॉलेज में ही मर्ज कर दिया गया. इन मेडिकल कॉलेजों में कुछ नए डॉक्टर्स और पैरामेडिकल स्टाफ की पोस्टिंग हुई. कुछ डॉक्टर पुराने जिला अस्पताल के ही थे, जिनकी सेवायें मेडिकल कॉलेज लेता रहा. अब फिरोजाबाद के मेडिकल कॉलेज के ऐसे ही 10 डॉक्टरों के सामने बीते तीन माह से वेतन के लाले पड़े है.
इस संबंध में जब जानकारी ली गई तो पता चला कि जिला अस्पताल इनका वेतन इसलिए रिलीज नहीं कर रहा है, क्योंकि यह स्वशासी मेडिकल कॉलेज( चिकित्सा शिक्षा विभाग) के लिए काम कर रहे हैं. डाक्टरों को धरती का भगवान माना जाता है और कोविड काल मे इन्होंने अपनी जान को जोखिम में डालकर काम किया भी है, लेकिन तीन माह से वेतन न मिलने के कारण यह लोग परेशान है और शासन का मुंह ताक रहे कि सरकार उनके वेतन के लिए फंड कब रिलीज करेगी.
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इस संबंध में जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. हंसराज ने बताया कि यह बात सही है कि डाक्टरों को तीन माह से वेतन नहीं मिला है, जो डॉक्टर प्रभावित है उनमें एक मैं खुद भी शामिल हूं. हमने महानिदेशक को पत्र लिखकर अवगत करा दिया है.