फतेहपुर: 17वीं लोकसभा चुनाव अंतिम चरण में है. मतदाताओं को लुभाने के लिए सभी पार्टियों ने तमाम वादे किए, लेकिन प्रमुख मुद्दे इस चुनाव में नदारद दिखे. 23 मई को मतगणना के बाद देश में नई सरकार बनेनी. लेकिन इस चुनाव शोरगुल में देश की आबादी का सबसे बड़ा वर्ग यानी युवा अपने को ठगा महसूस कर रहा है, क्योंकि किसी भी पार्टी के घोषणा पत्र में रोजगार को लेकर वादे और दावे नहीं थे.
फतेहपुर जिलाधिकारी कार्यालय में पुलिस भर्ती के सम्बंध में ज्ञापन देने आए युवाओं से चुनावी दौर में रोजगार के संबंध में जब बातचीत हुई तो इनके चेहरे पर सभी राजनीतिक पार्टियों के प्रति गुस्सा और असन्तोष दिखा.
- कमल कुमार वर्मा ने बताया कि मैं BCA करके के सिपाही भर्ती देख रहा हूं. रोजगार के हालात बहुत खराब हैं.
- 2013 से अभी तक भर्ती पूरी नहीं हुई है. वहीं सपा सरकार में मेरिट पर भर्ती आ गई और हम लोग बाहर हो गए.
- जिससे निराश होकर भाजपा को सत्ता में लाए, लेकिन इस सरकार में भी वहीं हाल है.
- हालात यह है कि अंग्रेजों वाला जमाना आ गया है, जब कोई अपनी आवाज नहीं उठा पाता था.
- आज भी जब हम लोग मुख्यमंत्री और मंत्री से मिलने जाते हैं तो पुलिस के डंडे मिलते हैं.
- वहीं कुलदीप सिंह ने बताया कि इस बार के चुनाव में हम लोग जाति और धर्म के नाम पर नहीं युवाओं के मुद्दे पर वोट किए हैं.
- अगर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री हमारी बात नही सुनेंगे तो 2022 में हम लोग भी अपनी ताकत दिखा देंगे. जैसे सपा-बसपा गई वैसे ये भी चले जायेंगे.