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फतेहपुर: चुनावी मौसम में रोजगार के मुद्दे गायब होने से युवाओं में निराशा - up news

लोकसभा चुनाव 2019 अंतिम चरण में है और 23 मई को मतगणना के बाद देश में नई सरकार बनेनी. लेकिन इस लोकसभा चुनाव में युवाओं के मुद्दे गायब दिखे. इससे जिले के नाराज युवाओं ने इन सभी राजनीतिक पार्टियों के प्रति गुस्सा जाहिर किया.

युवाओं से बातचीत करते संवाददाता.
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Published : May 18, 2019, 8:38 AM IST

फतेहपुर: 17वीं लोकसभा चुनाव अंतिम चरण में है. मतदाताओं को लुभाने के लिए सभी पार्टियों ने तमाम वादे किए, लेकिन प्रमुख मुद्दे इस चुनाव में नदारद दिखे. 23 मई को मतगणना के बाद देश में नई सरकार बनेनी. लेकिन इस चुनाव शोरगुल में देश की आबादी का सबसे बड़ा वर्ग यानी युवा अपने को ठगा महसूस कर रहा है, क्योंकि किसी भी पार्टी के घोषणा पत्र में रोजगार को लेकर वादे और दावे नहीं थे.

युवाओं से बातचीत करते संवाददाता.

फतेहपुर जिलाधिकारी कार्यालय में पुलिस भर्ती के सम्बंध में ज्ञापन देने आए युवाओं से चुनावी दौर में रोजगार के संबंध में जब बातचीत हुई तो इनके चेहरे पर सभी राजनीतिक पार्टियों के प्रति गुस्सा और असन्तोष दिखा.

  • कमल कुमार वर्मा ने बताया कि मैं BCA करके के सिपाही भर्ती देख रहा हूं. रोजगार के हालात बहुत खराब हैं.
  • 2013 से अभी तक भर्ती पूरी नहीं हुई है. वहीं सपा सरकार में मेरिट पर भर्ती आ गई और हम लोग बाहर हो गए.
  • जिससे निराश होकर भाजपा को सत्ता में लाए, लेकिन इस सरकार में भी वहीं हाल है.
  • हालात यह है कि अंग्रेजों वाला जमाना आ गया है, जब कोई अपनी आवाज नहीं उठा पाता था.
  • आज भी जब हम लोग मुख्यमंत्री और मंत्री से मिलने जाते हैं तो पुलिस के डंडे मिलते हैं.
  • वहीं कुलदीप सिंह ने बताया कि इस बार के चुनाव में हम लोग जाति और धर्म के नाम पर नहीं युवाओं के मुद्दे पर वोट किए हैं.
  • अगर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री हमारी बात नही सुनेंगे तो 2022 में हम लोग भी अपनी ताकत दिखा देंगे. जैसे सपा-बसपा गई वैसे ये भी चले जायेंगे.

फतेहपुर: 17वीं लोकसभा चुनाव अंतिम चरण में है. मतदाताओं को लुभाने के लिए सभी पार्टियों ने तमाम वादे किए, लेकिन प्रमुख मुद्दे इस चुनाव में नदारद दिखे. 23 मई को मतगणना के बाद देश में नई सरकार बनेनी. लेकिन इस चुनाव शोरगुल में देश की आबादी का सबसे बड़ा वर्ग यानी युवा अपने को ठगा महसूस कर रहा है, क्योंकि किसी भी पार्टी के घोषणा पत्र में रोजगार को लेकर वादे और दावे नहीं थे.

युवाओं से बातचीत करते संवाददाता.

फतेहपुर जिलाधिकारी कार्यालय में पुलिस भर्ती के सम्बंध में ज्ञापन देने आए युवाओं से चुनावी दौर में रोजगार के संबंध में जब बातचीत हुई तो इनके चेहरे पर सभी राजनीतिक पार्टियों के प्रति गुस्सा और असन्तोष दिखा.

  • कमल कुमार वर्मा ने बताया कि मैं BCA करके के सिपाही भर्ती देख रहा हूं. रोजगार के हालात बहुत खराब हैं.
  • 2013 से अभी तक भर्ती पूरी नहीं हुई है. वहीं सपा सरकार में मेरिट पर भर्ती आ गई और हम लोग बाहर हो गए.
  • जिससे निराश होकर भाजपा को सत्ता में लाए, लेकिन इस सरकार में भी वहीं हाल है.
  • हालात यह है कि अंग्रेजों वाला जमाना आ गया है, जब कोई अपनी आवाज नहीं उठा पाता था.
  • आज भी जब हम लोग मुख्यमंत्री और मंत्री से मिलने जाते हैं तो पुलिस के डंडे मिलते हैं.
  • वहीं कुलदीप सिंह ने बताया कि इस बार के चुनाव में हम लोग जाति और धर्म के नाम पर नहीं युवाओं के मुद्दे पर वोट किए हैं.
  • अगर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री हमारी बात नही सुनेंगे तो 2022 में हम लोग भी अपनी ताकत दिखा देंगे. जैसे सपा-बसपा गई वैसे ये भी चले जायेंगे.
Intro:फतेहपुर: 17वीं लोकसभा चुनाव अंतिम चरण में है। मतदाताओं को लुभाने के लिए सभी पार्टियों ने तमाम वादे किए।लेकिन प्रमुख मुद्दा राष्ट्रवाद, जाति धर्म के बाद विकास तक पहुँचा। 23 मई को मतगणना के बाद देश मे नई सरकार बनेनी या पुराने चेहरे ही रहेंगे ये तय हो जाएगा। लेकिन इस चुनाव शोरगुल में देश की आबादी का सबसे बड़ा वर्ग यानी युवा अपने को ठगा महसूस कर रहा है क्योंकि किसी भी पार्टी के घोषणा पत्र में रोजगार को लेकर वादे और दावे नहीं थे।


Body:फतेहपुर जिलाधिकारी कार्यालय में पुलिसभर्ती के सम्बंध में ज्ञापन देने आए युवाओं से चुनावी दौर में रोजगार के सम्बंध में जब बातचीत हुई तो इनके चेहरे पर सभी राजनीतिक पार्टियों के प्रति गुस्सा और असन्तोष दिखा।
कमल कुमार वर्मा ने बताया कि मैं BBA करके के सिपाही भर्ती देख रहा हूँ रोजगार के हालात हैं। 2013 से अभी तक भर्ती पूरी नही हुई। वहीं सपा सरकार में मेरिट पर भर्ती आ गई और हम लोग बाहर हो गए। जिससे निराश होकर भाजपा को सत्ता में लाए लेकिन इसमें भी वही हाल है। हालात यह के की अंग्रेजों वाला जमाना आ गया है जब कोई अपनी आवाज नही उठा पाता था। आज भी जब हम लोग मुख्यमंत्री और मंत्री से मिलने जाते हैं तो पुलिस के डंडे मिलते हैं।


Conclusion:कुलदीप सिंह ने बताया कि इस बार के चुनाव में हम लोग जाति और धर्म के नाम पर नही युवाओं के मुद्दे पर वोट किए हैं। अगर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री हमारी बात नही सुनेंगे तो 2022 में हम लोग भी अपनी ताकत दिखा देंगे जैसे सपा बसपा गई वैसे ये भी चले जायेंगे।





अभिषेक सिंह फतेहपुर
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