फतेहपुर: प्रदेश की 403 विधानसभा (403 assembly seat) क्षेत्रों में फतेहपुर जिले की बिंदकी विधानसभा (Fatehpur Bindaki assembly seat 239) क्षेत्र का नंबर 239 है. इस क्षेत्र में कुल मतदाताओं की संख्या 2 लाख 86 हजार 224 है, जिसमे पुरुष मतदाताओं की संख्या 1 लाख 55 है, जबकि महिला मतदाताओं की संख्या 1 लाख 27 हजार 666 है. उत्तर प्रदेश के चुनाव में अहम रोल निभाने वाली बिंदकी विधानसभा सीट पर किसी जमाने में बसपा (BSP) का दबदबा हुआ करता था, जहां से बसपा के सुखदेव प्रसाद वर्मा (Sukhdev Prasad Varma) ने लगातार दो बार चुनाव जीता था, लेकिन पिछले विधानसभा चुनाव (Assembly Election) में भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) के करन सिंह पटेल (Karan Singh Patel) ने जीत दर्ज करके बसपा के सुखदेव प्रसाद वर्मा के हैट्रिक लगाने के मंसूबे पर पानी फेर दिया.
करन सिंह पटेल ने पिछले चुनाव में समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के रामेश्वर दयाल उर्फ दयालु गुप्ता को 56,378 वोटों के भारी अंतर से हराया था. भारी वोटों से जीत दर्ज करने वाले करन सिंह पटेल की सीट जीत और सूबे में भाजपा की सरकार बनने के बाद इस क्षेत्र की जनता ने विकास का सपना देखा था, लेकिन विकास के तमाम दावों के बावजूद यहां की जनता विधायक के दावों से पूरी तरह से संतुष्ट नजर नहीं आती.
जिले की हाई प्रोफाइल मानी जाने वाली इस सीट पर एक जमाने में कांग्रेस का दबदबा हुआ करता था, लेकिन जनता का कांग्रेस पर भरोसा उठने के बाद इस सीट पर दो बार बसपा और दो बार भाजपा के उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की. जबकि समाजवादी पार्टी इस सीट पर कभी भी जीत दर्ज नहीं कर पाई है. वीपी सिंह के जमाने में जनता दल के अचल सिंह ने 1989 में यहां से जीत दर्ज की थी. फतेहपुर जनपद को कानपुर से जोड़ने वाले इस विधानसभा क्षेत्र के जातीय समीकरण पर बात की जाय तो यहां दलित और क्षत्रिय मतदाताओं की संख्या सबसे ज्यादा है. यहां मतदाताओं का जातीय समीकरण इस प्रकार है.
बिन्दकी विधानसभा: जनता की नब्ज टटोल रहे नेता, कांग्रेस ढूढ़ रही संजीवनी
प्रमुख रूप से कृषि प्रधान इलाका होने के साथ ही फतेहपुर जिले का इंड्रस्ट्रीएल एरिया भी इसी विधानसभा क्षेत्र में है. मलवां औद्योगिक क्षेत्र में किसी जमाने में कई बड़ी फैक्ट्रियां संचालित हुआ करती थीं, जिससे इस क्षेत्र के तमाम लोगों को रोजगार मिलता था, लेकिन बदली परिस्थितियों में यहां चलने वाली लगभग सभी बड़ी फैक्ट्रियां बंद हो गई हैं और उनमें काम करने वाले कामगार बेरोजगार हो गए. नई सरकार बनने के बाद लोगों को उम्मीद थी कि मलवां औद्योगिक क्षेत्र की रौनक एक बार फिर वापस आएगी, लेकिन उनकी यह उम्मीद पूरी नहीं हो पाई. विधानसभा चुनाव (UP Assembly election 2022) नजदीक आने के बाद लगभग सभी बड़ी और छोटी पार्टियों के नेता अभी से लोगों के बीच जा रहे हैं और उनकी नब्ज टटोलने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन, यहां से भाजपा को एक बार फिर जीत मिलेगी या बाजी किसी और के हांथ लगेगी यह आने वाला समय बताएगा.
इसे भी पढ़ें-UP Assembly election 2022: वीपी सिंह इस सीट से जीतकर पहली बार बने थे CM, BJP को खाता खोलने में लग गए बरसों