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फतेहपुर: जर्जर भवन में पढ़ने को मजबूर मासूम, कभी भी हो सकता है बड़ा हादसा

उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले में प्राथमिक विद्यालय का एक जर्जर रूप सामने आया है. इस विद्यालय की स्थिति इतनी खराब हो चुकी है कि यहां की छत कभी भी गिर सकती है, लेकिन फिर भी बच्चे यहां पढ़ने को मजबूर हैं.

जर्जर भवन में पढ़ाई कर रहे मासूम
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Published : Sep 25, 2019, 2:43 PM IST

फतेहपुर: एक तरफ जहां योगी सरकार आगंनबाडी और सरकारी स्कूलों के शिक्षा और वहां की व्यवस्थाओं को सुधारने का दावा कर रही है. वहीं दूसरी ओर जिले में प्राथमिक स्कूलों के भवन जर्जर हो चुके हैं, बारिश के समय में छत टपकती है, जिससे फर्श पर पानी इकट्ठा हो जाता है. विद्यालय के भवनों में छत के टूटे हुए प्लास्टर नजर आते हैं. इस वजह से प्राथमिक विद्यालय के बच्चे डर-डर के जीने और पढ़ने को मजबूर हैं.

जर्जर भवन में पढ़ाई कर रहे मासूम.

जर्जर विद्यालय में पढ़ रहे बच्चे
प्राथमिक विद्यालय आबू नगर द्वितीय में 173 बच्चों का नामांकन है. यहां का भवन बिल्कुल जर्जर हो चुका है. यहां के हालात यह हैं कि बारिश होने पर छतों से पानी टपकता है, लेकिन ऐसे हालात में भी बच्चे पढ़ने और शिक्षक पढ़ाने को मजबूर हैं. भवन जर्जर होने की वजह से पिछले माह विद्यालय में विद्युत करंट उतर गया था. वहीं ईटीवी भारत में खबर प्रकाशित होने के बाद जिलाधिकारी ने इसे संज्ञान में लिया और बिजली विभाग के कर्मचारियों ठीक करने का निर्देश दिया. कर्मचारियों ने बताया कि करंट आने की मुख्य वजह विद्यालय भवन की नमी थी.

अधिकारी साधे हैं चुप्पी
स्कूल की यह स्थिति होने के बावजूद भी अधिकारियों ने अभी तक कोई कदम नहीं उठाया है. ऐसे हालात में मासूम अपनी जिंदगी को दांव पर लगाकर शिक्षा ग्रहण कर रहें हैं. प्रधानाध्यापिका मोनिका मिश्रा ने बताया कि सुबह स्कूल आते ही फर्श और छत दोनों जगह वाइपर से पानी साफ किया जाता है. इसके बाद बच्चे कमरे में बैठते हैं और हर वक्त डर लगा रहता है कि यह भवन कब गिर जाए. यहां कभी भी कोई भी घटना घटित न हो जाए इसका डर हमेशा बना रहता है.

छत से पानी टपकने का मामला संज्ञान में आया है. विद्यालय का निरीक्षण करवा लिया गया है और विभागीय फंड से सुधार के लिए कहा गया है. अगर वृहद मरम्मत की जरूरत होगी तो राज्य परियोजना से कार्य करवाया जाएगा.
-शिवेंद्र प्रताप सिंह, बीएसए

फतेहपुर: एक तरफ जहां योगी सरकार आगंनबाडी और सरकारी स्कूलों के शिक्षा और वहां की व्यवस्थाओं को सुधारने का दावा कर रही है. वहीं दूसरी ओर जिले में प्राथमिक स्कूलों के भवन जर्जर हो चुके हैं, बारिश के समय में छत टपकती है, जिससे फर्श पर पानी इकट्ठा हो जाता है. विद्यालय के भवनों में छत के टूटे हुए प्लास्टर नजर आते हैं. इस वजह से प्राथमिक विद्यालय के बच्चे डर-डर के जीने और पढ़ने को मजबूर हैं.

जर्जर भवन में पढ़ाई कर रहे मासूम.

जर्जर विद्यालय में पढ़ रहे बच्चे
प्राथमिक विद्यालय आबू नगर द्वितीय में 173 बच्चों का नामांकन है. यहां का भवन बिल्कुल जर्जर हो चुका है. यहां के हालात यह हैं कि बारिश होने पर छतों से पानी टपकता है, लेकिन ऐसे हालात में भी बच्चे पढ़ने और शिक्षक पढ़ाने को मजबूर हैं. भवन जर्जर होने की वजह से पिछले माह विद्यालय में विद्युत करंट उतर गया था. वहीं ईटीवी भारत में खबर प्रकाशित होने के बाद जिलाधिकारी ने इसे संज्ञान में लिया और बिजली विभाग के कर्मचारियों ठीक करने का निर्देश दिया. कर्मचारियों ने बताया कि करंट आने की मुख्य वजह विद्यालय भवन की नमी थी.

अधिकारी साधे हैं चुप्पी
स्कूल की यह स्थिति होने के बावजूद भी अधिकारियों ने अभी तक कोई कदम नहीं उठाया है. ऐसे हालात में मासूम अपनी जिंदगी को दांव पर लगाकर शिक्षा ग्रहण कर रहें हैं. प्रधानाध्यापिका मोनिका मिश्रा ने बताया कि सुबह स्कूल आते ही फर्श और छत दोनों जगह वाइपर से पानी साफ किया जाता है. इसके बाद बच्चे कमरे में बैठते हैं और हर वक्त डर लगा रहता है कि यह भवन कब गिर जाए. यहां कभी भी कोई भी घटना घटित न हो जाए इसका डर हमेशा बना रहता है.

छत से पानी टपकने का मामला संज्ञान में आया है. विद्यालय का निरीक्षण करवा लिया गया है और विभागीय फंड से सुधार के लिए कहा गया है. अगर वृहद मरम्मत की जरूरत होगी तो राज्य परियोजना से कार्य करवाया जाएगा.
-शिवेंद्र प्रताप सिंह, बीएसए

Intro:फतेहपुर- छत से टपकता पानी, फर्श में इकट्ठा पानी , छत की टूटते प्लास्टर इसके बीच हर में डर डर के जीने को मजबूर हैं फतेहपुर नगर में प्राथमिक विद्यालय आबू नगर द्वितीय के मासूम बच्चे और शिक्षक। इस विद्यालय का भवन इस हालत में है कि बारिश का पानी छत से टपक कर सीधे क्लासरूम में गिरता है और इसी के बीच बच्चे पढ़ते हैं। ये हालात तब है जब सूबे के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ बेसिक शिक्षा विभाग में सुधार के तमाम दावें कर रहें हैं।


Body:प्राथमिक विद्यालय आबू नगर द्वितीय में 173 बच्चो का नामांकन है यहां का भवन जर्जर हो चुका है। हालात यह है कि बारिश होने पर छतों से पानी टपकता है। लेकिन ऐसे हालात में भी बच्चे पढ़ने और शिक्षक पढ़ाने को मजबूर हैं। भवन जर्जर होने के चलते पिछली माह विद्यालय में विद्युत करंट उतर रहा था जिसे ETV भारत के खबर के पश्चात जिलाधिकारी ने संज्ञान में लिया जिसके पश्चात बिजली विभाग के कर्मचारियों ने करंट का उतरना सही किया। करंट आने की मुख्य बजह विद्यालय भवन में नमी थी।
स्कूल का भवन जर्जर हो चुका है यह बात जिम्मेदार अधिकारियों के पास पहुचने का बावजूद अभी तक कोई कदम नही उठाया गया है। ऐसे हालात में मासूम जिंदगी को दांव पर लगाकर शिक्षा ग्रहण कर रहें हैं।
प्रधानाध्यापिका मोनिका मिश्रा ने बताया कि बारिश होने पर छत से पानी टपकता है। सुबह स्कूल आते ही फर्श और छत दोनों जगह वाइपर से पानी साफ किया जाता है उसके बाद बच्चे कमरे में बैठते हैं। हर वक्त डर लगा रहता है यह भवन कब गिर जाए। कभी भी कोई घटना घट न जाए इसी का डर लगा रहता है। बच्चे भी डरते हुए बैठते हैं।


Conclusion:बीएसए शिवेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि छत से पानी टपकने का मामला संज्ञान में आया है। विद्यालय का निरीक्षण करवा लिया गया है विभागीय फंड से सुधार के लिए कहा गया है। अगर वृहद मरम्मत की जरूरत होगी तो राज्य परियोजना से कार्य करवा जाएगा।

बाइट शिक्षिका मोनिका मिश्रा
2 बीएसए शिवेंद्र प्रताप सिंह
अभिषेक सिंह 9121293017
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