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कभी जनता के दिलों पर राज करते थे पूर्व पीएम वीपी सिंह, आज उनकी चर्चा भी नहीं - फतेहपुर न्यूज

देश के सातवें पूर्व पीएम वीपी सिंह फतेहपुर लोकसभा सीट से ताल्लुक रखते थे. उन्होंने देश की सेवा में शत-प्रतिशत देकर बड़े-बड़े कार्य किए, जिस कारण वह जनता के दिलों राज करते थे. आज समय बदल चुका है. न हमारे बीच पूर्व पीएम वीपी सिंह हैं और न ही उनकी कोई चर्चा है. ऐसा क्यों?

फतेहपुर ने दिया था देश को सातवां प्रधानमंत्री.
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Published : May 7, 2019, 6:21 PM IST


फतेहपुर : जनपद ने विश्वनाथ प्रताप सिंह के रूप में देश को सातवां प्रधानमंत्री दिया था. एक समय ऐसा था जब जनता के बीच पूर्व प्रधानमंत्री वीपी सिंह का खुमार सिर चढ़कर बोलता था, लेकिन आज जनपद में उनकी चर्चा तक नहीं होती है.


फतेहपुर संसदीय सीट से वर्तमान भाजपा सांसद साध्वी निरंजन ज्योति हैं, जो इस सीट की गरिमा बढ़ाती हैं. राजनीति में यह सीट एक समय बहुत ज्यादा चर्चा का विषय थी, जब 1989 में इस सीट ने वीपी सिंह के रूप में देश को सातवां प्रधानमंत्री दिया था. आज हालात यह हैं कि पूर्व प्रधानमंत्री वीपी सिंह का जनपद में या कहीं और जिक्र तक नहीं होता है.

फतेहपुर ने दिया था देश को सातवां प्रधानमंत्री.

फतेहपुर सीट से ताल्लुक था पूर्व पीएम विश्वनाथ प्रताप सिंह का

  • 1989 में वीपी सिंह देश के सातवें प्रधानमंत्री बने थे.
  • वर्तमान में पूर्व प्रधानमंत्री वीपी सिंह का कहीं जिक्र तक नहीं होता है.
  • पूर्व पीएम वीपी सिंह प्रयागराज के मांडा के राजा थे.
  • वीपी सिंह जब चुनाव लड़े थे तो उन्होंने राजा नहीं फकीर हूं, देश की तकदीर हूं का नारा दिया था.
  • उन्होंने कांग्रेस के भ्रष्टाचार को मुद्दा बनाया.
  • पूर्व पीएम वीपी सिंह को जनता ने भारी बहुमत से संसद भेजा था.
  • 2 जून 1989 को राष्ट्रीय मोर्चा की सरकार बनी, जिसके प्रधानमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह बने.
  • वीपी सिंह प्रधानमंत्री की कुर्सी पर मात्र 11 महीने ही रहे.
  • उन्होंने अपने कार्यकाल में लंबे समय से लंबित मंडल कमीशन की रिपोर्ट लागू की.
  • वीपी सिंह ने फतेहपुर में एक महिला महाविद्यालय बनवाया था.

एक समय था जब पूर्व पीएम वीपी सिंह का खुमार जनता के बीच सिर चढ़कर बोलता था. वीपी सिंह को जिस पिछड़े समाज का मसीहा समझा जाता है, जिसके लिए उन्होंने अपने सवर्ण समाज का तिरष्कार किया, उसी का परिणाम है कि आज पिछड़ा समाज भी उन्हें भूल गया. आज देश तो छोड़िए जिले में भी उनकी कोई मूर्ति नहीं है.

-चन्द्रभान सिंह, वरिष्ठ पत्रकार

पूर्व पीएम वीपी सिंह का हम आज भी सम्मान करते हैं. उनकी जयंती पर याद करते हैं. आने वाले समय में उनकी मूर्ति स्थापित की जाएगी.

-सुरेंद्र यादव, सपा जिलाध्यक्ष


फतेहपुर : जनपद ने विश्वनाथ प्रताप सिंह के रूप में देश को सातवां प्रधानमंत्री दिया था. एक समय ऐसा था जब जनता के बीच पूर्व प्रधानमंत्री वीपी सिंह का खुमार सिर चढ़कर बोलता था, लेकिन आज जनपद में उनकी चर्चा तक नहीं होती है.


फतेहपुर संसदीय सीट से वर्तमान भाजपा सांसद साध्वी निरंजन ज्योति हैं, जो इस सीट की गरिमा बढ़ाती हैं. राजनीति में यह सीट एक समय बहुत ज्यादा चर्चा का विषय थी, जब 1989 में इस सीट ने वीपी सिंह के रूप में देश को सातवां प्रधानमंत्री दिया था. आज हालात यह हैं कि पूर्व प्रधानमंत्री वीपी सिंह का जनपद में या कहीं और जिक्र तक नहीं होता है.

फतेहपुर ने दिया था देश को सातवां प्रधानमंत्री.

फतेहपुर सीट से ताल्लुक था पूर्व पीएम विश्वनाथ प्रताप सिंह का

  • 1989 में वीपी सिंह देश के सातवें प्रधानमंत्री बने थे.
  • वर्तमान में पूर्व प्रधानमंत्री वीपी सिंह का कहीं जिक्र तक नहीं होता है.
  • पूर्व पीएम वीपी सिंह प्रयागराज के मांडा के राजा थे.
  • वीपी सिंह जब चुनाव लड़े थे तो उन्होंने राजा नहीं फकीर हूं, देश की तकदीर हूं का नारा दिया था.
  • उन्होंने कांग्रेस के भ्रष्टाचार को मुद्दा बनाया.
  • पूर्व पीएम वीपी सिंह को जनता ने भारी बहुमत से संसद भेजा था.
  • 2 जून 1989 को राष्ट्रीय मोर्चा की सरकार बनी, जिसके प्रधानमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह बने.
  • वीपी सिंह प्रधानमंत्री की कुर्सी पर मात्र 11 महीने ही रहे.
  • उन्होंने अपने कार्यकाल में लंबे समय से लंबित मंडल कमीशन की रिपोर्ट लागू की.
  • वीपी सिंह ने फतेहपुर में एक महिला महाविद्यालय बनवाया था.

एक समय था जब पूर्व पीएम वीपी सिंह का खुमार जनता के बीच सिर चढ़कर बोलता था. वीपी सिंह को जिस पिछड़े समाज का मसीहा समझा जाता है, जिसके लिए उन्होंने अपने सवर्ण समाज का तिरष्कार किया, उसी का परिणाम है कि आज पिछड़ा समाज भी उन्हें भूल गया. आज देश तो छोड़िए जिले में भी उनकी कोई मूर्ति नहीं है.

-चन्द्रभान सिंह, वरिष्ठ पत्रकार

पूर्व पीएम वीपी सिंह का हम आज भी सम्मान करते हैं. उनकी जयंती पर याद करते हैं. आने वाले समय में उनकी मूर्ति स्थापित की जाएगी.

-सुरेंद्र यादव, सपा जिलाध्यक्ष

Intro:फतेहपुर: फतेहपुर संसदीय सीट ने देश को विश्वनाथ प्रताप सिंह के रूप में सातवां प्रधानमंत्री दिया था। जिस जनता के बीच में कभी वीपी सिंह का खुमार सिर चढ़ बोलता था आज उसी लोकसभा सभा क्षेत्र में कोई चर्चा तक नही है।

देश में 17 वीं लोकसभा चुनाव चल रहा है ऐसे में वर्तमान मंत्री सांसद के साथ कि पुराने प्रधानमंत्री और नेताओं के कार्यकाल की चर्चा खूब हो रही है। कुछ सीटे जो अपनी राजनैतिक पहचान राष्ट्रीय स्तर और रखती हैं उनपर सबकी निगाहें हैं। जैसे गांधी परिवार का अमेठी रायबरेली, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बनारस और बड़े मंत्रियों के क्षेत्र जैसे लखनऊ, गोरखपुर जैसे कई। इन्ही सीटों में सुमार है फतेहपुर संसदीय सीट यहां से वर्तमान सांसद महामंडलेश्वर साध्वी निरंजन ज्योति हैं जो भाजपा से हैं और केंद्रीय राज्यमंत्री भी। वहीं इस सीट की पहचान देश के सांतवे प्रधानमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह से है जो 1989 के चुनाव में यहां से लोकसभा गए थे।
विश्वनाथ प्रताप सिंह इलाहा वर्तमान में प्रयागराज के मांडा के राजा थे जब फतेहपुर में जनता दल से चुनाव लड़े थे तो नारा दिया था राजा नही फकीर हूँ देश का तकदिर हूँ। इसी नारे के साथ कांग्रेस के भ्रष्टाचार को मुद्दा बनाये। 2019 के चुनाव में जैसे राफेल का मुद्दा चल रहा है वैसे ही 1989 में राजीव गांधी के सरकार में बोफोर्स हेलीकॉप्टर में भ्रष्टाचार का मुद्दा छाया रहा।

-11 महीने प्रधानमंत्री रहे लेकिन लागू कर दिया मंडल कमीशन-

विश्वनाथ प्रताप सिंह को जनता ने भारी बहुमत से संसद भेजा। 2जून 1988 को राष्ट्रीय मोर्चा की सरकार बनी जिसके प्रधानमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह बने। वीपी सिंह प्रधानमंत्री की कुर्सी पर मात्र 11 महीने ही रहे लेकिन लम्बे समय से लंबित मंडल कमीशन के रिपोर्ट लागू कर दिया। मण्डल कमीशन समाज मे पिछड़े वर्ग के दशा में सुधार के लिए 1979 में मोरारजी देसाई की सरकार में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री बिंदेश्वरी प्रसाद मण्डल की अध्यक्षता में आयोग गठित किया गया था। जिसकी रिपोर्ट 10 वर्ष से लंबित पड़ी थी । वीपी सिंह ने इसे लागू कर पिछड़े जाती के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण लागू कर दिया।



Body:मण्डल कमीशन लागू होने के बाद देश के पिछड़े समाज मे जहां खुशी की लहर दौड़ी वहीं सवर्ण समाज ने वीपी सिंह का खूब विरोध किया और नारा दिया राजा नहीं रंक है देश का कलंक है।
वीपी सिंह की सरकार गिर गई और 1991 में पुनः लोकसभा चुनाव हुआ वीपी सिंह दोबारा फतेहपुर से चुनाव लड़े और जीत कर संसद पहुंचे। स्थानीय लोगों से जब वीपी से के कार्यकाल पर बातचीत हुई तो बताया कि उनके सरकार में भ्रष्टाचार बन्द हो गया था। किसी सरकारी दफ्तर में कोई घूस लेने की जुर्रत नही करता था। वहीं लोगों में इस बात का मलाल है कि प्रधानमंत्री रहकर भी जिले में कोई बड़ा काम नही किए।
वीपी सिंह ने एक महिला महाविद्यालय और पम्प कैनाल बनवाए।
सीवर लाइन बनाने की योजना पास करवाए थे वह आज तक नही हुआ।
चन्द्रभान सिंह वीपी सिंह को लेकर कहते हैं कि 1989 में जिस जनता के बीच वीपी सिंह का खुमार सिर चढ़ बोलता था वह मण्डल कमीशन लागू करने के बाद नकार दिया। वीपी सिंह को जिस पिछड़े समाज का मसीहा समझा जाता है जिसके लिए उंन्होने अपने सवर्ण समाज का तिरष्कार किया उसी का परिणाम है कि आज पिछड़ा समाज भी उन्हें भूल गया। आज देश तो छोड़िए जिले में भी उनकी कोई मूर्ति तक नही है।
वहीं सपा जिलाध्यक्ष सुरेंद्र यादव ने बताया कि वीपी सिंह को हम आज भी सम्मान करते हैं उनकी जयंती पर याद करतें है। आने वाले समय मे उनकी मूर्ति स्थापित किया जाएगा।

इन सबके बीच यह तो है कि सवर्ण समाज ने तो नकारा ही वहीं पिछड़े समाज ने भी वीपी सिंह को समाज मे सम्मान नही दिया।
आज जाति और वर्ण की राजनीति हो रही है पिछड़ो के वोट की बाद सभी राजनीतिक पार्टियां कर रहीं हैं लेकिन कोई भी वीपी सिंह को भूलकर भी याद नही कर रहा है। लेकिन विश्वनाथ प्रताप सिंह अपने कार्य के बदौलत भारतीय राजनीति में हमेशा के लिए अमर हैं।







Conclusion:बाइट चन्द्रभान सिंह
2 सुरेंद्र यादव

अभिषेक सिंह फतेहपुर

कृपया वीपी सिंह की तस्वीर लगा दीजिएगा


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