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सूरत से स्पेशल ट्रेन पहुंची फतेहपुर, मजदूरों से 670 के टिकट के बदले वसूले गए 800 रुपये

गुजरात के सूरत से 1,215 प्रवासी मजदूरों को लेकर श्रमिक स्पेशल ट्रेन फतेहपुर पहुंची. इस दौरान ईटीवी भारत से मजदूरों ने बताया कि उनसे 670 रुपये की टिकट के बदले 800 रुपये वसूले गए. यानी प्रत्येक मजदूर से 130 ज्यादा लिए गए. उन्होंनें बताया कि 7 साल की बच्ची का भी पूरा किराया ले लिया गया.

special train reached fatehpur from surat
गुजरात के सूरत से फतेहपुर पहुंचे यात्री.
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Published : May 9, 2020, 5:13 PM IST

फतेहपुर: देश में अचानक घोषित लॉकडाउन से बड़े शहरों और महानगरों में रोजगार की तलाश में गए लोग वहीं फंस गए हैं. औद्योगिक इकाइयों के बंद हो जाने के कारण उनके पास कोई काम नहीं बचा. ऐसे में उनके सामने दो वक्त की रोटी का संकट गहरा गया. उनकी परेशानियों को देखते हुए सरकार उन्हें ट्रेन के माध्यम से उनके घर तक पहुंचाने का कार्य कर रही है. इसी क्रम में फतेहपुर पहुंची श्रमिक स्पेशल ट्रेन के प्रवासी मजदूरों से ईटीवी भारत ने बातचीत की.

प्रवासी मजदूरों ने दी जानकारी.

मजदूरों से जब ट्रेन के किराये के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि उनसे एक टिकट का 800 रुपये लिया गया है, जबकि टिकट पर 670 रुपये प्रिंट है. इसके साथ ही एक युवक जो अपनी पत्नी व छोटे बच्चों के साथ था, उसने बताया कि उसकी 7 साल की बच्ची का भी पूरा किराया लिया गया है.

यानी घर वापसी कर रहे मजदूरों को उनके किराये पर कोई रियायत नहीं दी गई है. इसके बीच एक सवाल और खड़ा होता है कि जब उनके टिकट पर 670 रुपये प्रिंट है तो आखिर 800 रुपये किसने और क्यों लिए, जबकि देश कोरोना संकट से जूझ रहा है.

special train reached fatehpur from surat
यात्रियों से वसूले गए टिकट के ज्यादा रुपये.

दरअसल, 24 बोगी की स्पेशल ट्रेन गुजरात के सूरत से 1,215 मजदूरों को लेकर फतेहपुर पहुंची, जिसमें जनपद के 1,068 मजदूरों समेत आसपास के 14 जिलों के 147 मजदूर सवार थे. यहां पहुंचने के बाद आसपास के जिलों के लिए मजदूरों को रोडवेज बसों के द्वारा उनके जनपद भेजा गया. जिले के सभी प्रवासी मजदूरों को पहले से तय उनके क्षेत्र अनुसार क्वारंटाइन सेंटर भेज दिया गया.

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इस दौरान रेलवे स्टेशन पर लॉकडाउन के सभी नियमों का अनुपालन सुनिश्चित करने हेतु जिलाधिकारी संजीव सिंह, पुलिस अधीक्षक प्रशांत वर्मा समेत आलाधिकारी मौजूद रहे. ट्रेन आने से पहले प्लेटफार्म समेत बसों को पूरी तरह सैनिटाइज किया गया था.

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प्रवासी मजदूरों ने दी जानकारी.

मजदूरों से जब ट्रेन के किराये के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि उनसे एक टिकट का 800 रुपये लिया गया है, जबकि टिकट पर 670 रुपये प्रिंट है. इसके साथ ही एक युवक जो अपनी पत्नी व छोटे बच्चों के साथ था, उसने बताया कि उसकी 7 साल की बच्ची का भी पूरा किराया लिया गया है.

यानी घर वापसी कर रहे मजदूरों को उनके किराये पर कोई रियायत नहीं दी गई है. इसके बीच एक सवाल और खड़ा होता है कि जब उनके टिकट पर 670 रुपये प्रिंट है तो आखिर 800 रुपये किसने और क्यों लिए, जबकि देश कोरोना संकट से जूझ रहा है.

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यात्रियों से वसूले गए टिकट के ज्यादा रुपये.

दरअसल, 24 बोगी की स्पेशल ट्रेन गुजरात के सूरत से 1,215 मजदूरों को लेकर फतेहपुर पहुंची, जिसमें जनपद के 1,068 मजदूरों समेत आसपास के 14 जिलों के 147 मजदूर सवार थे. यहां पहुंचने के बाद आसपास के जिलों के लिए मजदूरों को रोडवेज बसों के द्वारा उनके जनपद भेजा गया. जिले के सभी प्रवासी मजदूरों को पहले से तय उनके क्षेत्र अनुसार क्वारंटाइन सेंटर भेज दिया गया.

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इस दौरान रेलवे स्टेशन पर लॉकडाउन के सभी नियमों का अनुपालन सुनिश्चित करने हेतु जिलाधिकारी संजीव सिंह, पुलिस अधीक्षक प्रशांत वर्मा समेत आलाधिकारी मौजूद रहे. ट्रेन आने से पहले प्लेटफार्म समेत बसों को पूरी तरह सैनिटाइज किया गया था.

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