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फतेहपुर : शिव मंदिर जहां सिर झुकाने मात्र से हो जाती थी कैदियों की सजा माफ

उत्तर प्रदेश के फतेहपुर में एक ऐसा शिव मंदिर है, जिसमें कैदियों के द्वारा मात्र भगवान शिव के जयकारे से उनकी सजा माफ हो जाती थी. अंग्रेज सरकार भी कैदियों की माफी से परेशान हो गई थी.

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शिव मंदिर में कैदियों की सजा होती थी माफ
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Published : Feb 20, 2020, 7:36 PM IST

फतेहपुर: जनपद स्थित एक ऐसा शिव मंदिर जो जिले में ही नहीं बल्कि आस-पास के कई जिलों में अपनी भव्यता एवं दिव्यता के लिए जाना जाता है. शिव मंदिर को लेकर लोगों की मान्यता है कि भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण एवं उनके दुखों का नाश होता है. जी हां हम बात कर रहे हैं सिद्ध पीठ श्री ताम्बेश्वर बाबा मंदिर की. इस मंदिर से कई अद्भुत कहानियां जुड़ी हुई हैं जिन्हें जानकार शायद आपको भी हैरानी होगी.

शिव मंदिर में कैदियों को हो जाती थी सजा माफ

ऐसी मान्यता है कि अंग्रेजी हुकूमत के दौरान मंदिर के समीप स्थित जिला जेल का दरवाजा मन्दिर के ठीक सामने पूर्व दिशा में स्थित था. इसके चलते जब कैदियों को पेशी के लिए ले जाया जाता था तब कैदियों द्वारा भगवान भोलेनाथ के मंदिर को देखकर सिर झुकाते हुए जयघोष लगा देने मात्र से उनकी सजाएं माफ हो जाती थी. ऐसा एक बार नहीं हजारों मामलों में देखा गया.

शिव मंदिर में कैदियों की सजा होती थी माफ

अंग्रेजी हुकूमत हो गई थी परेशान

लगातार कैदियों की सजा माफ होने जाने से अंग्रेजी हुकूमत परेशान हो गई. उन्हें यह समझ नहीं आ रहा था कि आखिर कैदी छूट क्यों जाते हैं. तब उन्हें भगवान भोलेनाथ की दयालुता एवं उनके चमत्कार के बारें में पता चला. इसके बाद उन्होंने जेल का दरवाजा पूर्व दिशा से हटाकर दक्षिण दिशा में कर दिया. तब कैदियों की सजा माफ होने का सिलसिला थमा.

फतेहपुर: जनपद स्थित एक ऐसा शिव मंदिर जो जिले में ही नहीं बल्कि आस-पास के कई जिलों में अपनी भव्यता एवं दिव्यता के लिए जाना जाता है. शिव मंदिर को लेकर लोगों की मान्यता है कि भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण एवं उनके दुखों का नाश होता है. जी हां हम बात कर रहे हैं सिद्ध पीठ श्री ताम्बेश्वर बाबा मंदिर की. इस मंदिर से कई अद्भुत कहानियां जुड़ी हुई हैं जिन्हें जानकार शायद आपको भी हैरानी होगी.

शिव मंदिर में कैदियों को हो जाती थी सजा माफ

ऐसी मान्यता है कि अंग्रेजी हुकूमत के दौरान मंदिर के समीप स्थित जिला जेल का दरवाजा मन्दिर के ठीक सामने पूर्व दिशा में स्थित था. इसके चलते जब कैदियों को पेशी के लिए ले जाया जाता था तब कैदियों द्वारा भगवान भोलेनाथ के मंदिर को देखकर सिर झुकाते हुए जयघोष लगा देने मात्र से उनकी सजाएं माफ हो जाती थी. ऐसा एक बार नहीं हजारों मामलों में देखा गया.

शिव मंदिर में कैदियों की सजा होती थी माफ

अंग्रेजी हुकूमत हो गई थी परेशान

लगातार कैदियों की सजा माफ होने जाने से अंग्रेजी हुकूमत परेशान हो गई. उन्हें यह समझ नहीं आ रहा था कि आखिर कैदी छूट क्यों जाते हैं. तब उन्हें भगवान भोलेनाथ की दयालुता एवं उनके चमत्कार के बारें में पता चला. इसके बाद उन्होंने जेल का दरवाजा पूर्व दिशा से हटाकर दक्षिण दिशा में कर दिया. तब कैदियों की सजा माफ होने का सिलसिला थमा.

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