फतेहपुर: अचानक घोषित लॉकडाउन से सभी औद्योगिक इकाइयां ठप हो गई थी, जिसके बाद बड़े महानगरों, अन्य प्रदेशों में रोजगार के लिए गए मजदूर अपने घरों के लिए निकल पड़े. बड़ी संख्या में घरों को लौट रहे मजदूरों को गांव में ही रोजगार देने के लिए सरकार के सामने एक बड़ी चुनौती दिख रही है. प्रवासी मजदूरों को गांव में ही रोजगार मिल सके, इसके लिए केंद्र सरकार की तरफ से गरीब कल्याण रोजगार अभियान का शुभारंभ पीएम मोदी द्वारा वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से किया गया.
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में शामिल हुईं सांसद
जिले से सांसद एवं केंद्रीय ग्रामीण विकास राज्यमंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने पीएम की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में हिस्सा लिया. इसके बाद जिले में विभिन्न विभागों द्वारा प्रवासी मजदूरों को किस प्रकार रोजगार देना है और कौन सा विभाग कितने मजदूरों को रोजगार देने का लक्ष्य लेकर आगे बढ़ रहा है, इसको लेकर समीक्षा बैठक की गई. इस दौरान मनरेगा, पंचायती राज, पीडब्ल्यूडी और नहर विभाग समेत कई अन्य विभाग के आलाधिकारियों ने हिस्सा लेते हुए अपनी बात रखी.
गाइडलाइन का किया गया पालन
बैठक में कोरोना से बचाव के लिए जारी गाइडलाइन का पालन किया गया. सभी ने फेस मास्क सहित हैंड सेनेटाइजर और शारीरिक दूरी का पालन करते हुए बैठक में हिस्सा लिया. बैठक में केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति, जिलाधिकारी संजीव सिंह और सीडीओ सत्य प्रकाश ने हिस्सा लिया.
पीएम मोदी का जताया आभार
केंद्रीय राज्यमंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने बताया कि कोरोना की वजह से जो मजदूर बाहर से अपने घरों को आ गए हैं, उन्हें उनके जिले और गांव में काम मिलना चाहिए. इसके लिए प्रधानमंत्री मोदी ने गरीब कल्याण रोजगार योजना का शुभारंभ किया है. इसमें कई मंत्रालय शामिल हैं, जिसको जिस दिशा में काम करना होगा, संबंधित मंत्रालय कार्य उपलब्ध कराएगा. उन्होंने फतेहपुर को नोडल के रूप में शामिल किए जाने पर पीएम मोदी का आभार व्यक्त किया.
काश बंद न होती फतेहपुर में औद्योगिक इकाइयां तो न कहलाते प्रवासी
साध्वी निरंजन ज्योति ने कहा कि जिस जिले में 25 हजार से अधिक मजदूर आए हैं, उन्हें इस योजना में शामिल किया गया है, जिसमें फतेहपुर जिला भी शामिल है. मुझे उम्मीद है कि इस योजना से लोगों को रोजगार मिलेगा. इसके जरिए लोग आर्थिक रूप से मजबूत होकर अपने परिवार का पालन-पोषण कर सकेंगे.