फतेहपुर: कोरोना के खिलाफ जारी जंग में दैनिक जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. बाजार, हाट, औद्योगिक इकाइयों सहित सभी स्कूल-कॉलेज भी बंद हो गए हैं. कोरोनाकाल को अवसर में बदलते हुए ट्रिपल आईटी सूरत से बीटेक कर रहे छात्र ने 'मिस्टर सैनिटाइजर' बना डाला. इसे बनाने में छात्र प्रखर को 10 दिन का समय लगा. इसके उपयोग से बिना उपकरण को छुए ही हाथ सैनिटाइज किए जा सकेंगे, जिससे किसी प्रकार का संक्रमण होने का डर नहीं रहेगा. यह उपकरण पब्लिक प्लेसेस के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण साबित होगा.
फतेहपुर के प्रखर ने बनाया 'मिस्टर सैनिटाइजर', बिना छुए ही हाथों को करेगा सैनिटाइज - मिस्टर सैनिटाइजर
यूपी के फतेहपुर के रहने वाले एक ट्रिपल आईटी सूरत के छात्र ने सेंसरयुक्त सैनिटाइजर मशीन बनाई है. इस मशीन द्वारा बिना उपकरण को छुए ही हाथ सैनिटाइज किए जा सकते हैं. प्रखर के पिता बेटे की इस उपल्ब्धि पर गर्व महसूस कर रहे हैं. इस मशीन का उपयोग मुख्य रूप से सामाजिक स्थल जैसे-बैंक, रेलवे स्टेशन, सिनेमा हॉल, सरकारी या निजी कार्यालय, अस्पतालों आदि स्थानों पर किया जा सकता है.
प्रखर ने बनाया 'मिस्टर सेनेटाइजर'.
फतेहपुर: कोरोना के खिलाफ जारी जंग में दैनिक जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. बाजार, हाट, औद्योगिक इकाइयों सहित सभी स्कूल-कॉलेज भी बंद हो गए हैं. कोरोनाकाल को अवसर में बदलते हुए ट्रिपल आईटी सूरत से बीटेक कर रहे छात्र ने 'मिस्टर सैनिटाइजर' बना डाला. इसे बनाने में छात्र प्रखर को 10 दिन का समय लगा. इसके उपयोग से बिना उपकरण को छुए ही हाथ सैनिटाइज किए जा सकेंगे, जिससे किसी प्रकार का संक्रमण होने का डर नहीं रहेगा. यह उपकरण पब्लिक प्लेसेस के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण साबित होगा.
जिले के बिंदकी तहसील के मीरखपुर गुड़ियानीमी के रहने वाले राजकुमार सोनी के पुत्र प्रखर सोनी IIIT-सूरत के बीटेक प्रथम वर्ष के छात्र हैं. प्रखर होली की छुट्टी में अपने घर आए थे और देशव्यापी तालाबंदी के चलते वापस नहीं जा सके. उन्होंने अपनी सेमेस्टर परीक्षाएं (जो कि ऑनलाइन आयोजित थी) भी घर से ही दीं. 29 जून को परीक्षा समाप्त होने के पश्चात प्रखर ने महामारी काल को अवसर में बदलते हुए लोगों की मदद करने के लिए एक ऐसी सैनिटाइजर मशीन बना डाली, जो कि सेंसर युक्त है. इस मशीन को बिना टच किए हाथ सैनिटाइज किए जा सकते हैं. इस मशीन को महज 5 वोल्ट की विद्युत सप्लाई से चलाया जा सकता है.
घर में पड़ी वेस्ट सामग्री से बनाई मशीन
इस मशीन के बारे में बताते हुए प्रखर कहते हैं कि यह मशीन बनाने का ख्याल आने के बाद उन्होंने ऑनलाइन मार्केटिंग से अल्ट्रासोनिक सेंसर, आईडिनो वाटर पंप मंगाया था. इसके बाद अपने मोबाइल के माध्यम से प्रोग्रामिंग सेट की और घर में पड़ी वेस्ट सामग्री जैसे दफ्ती का डिब्बा, प्लास्टिक की बोतल, पुराने सैनिटाइजर की नली, थर्माकोल, टेप और कुछ विद्युत तारों का प्रयोग करके करीब 10 दिन के बाद इसे बना डाला. यह लोगों के हैंड सैनिटाइजर करने का काम स्वतः ही करता था, इसलिए इसका नाम 'मिस्टर सैनिटाइजर' रखा है. इससे महज 0.3 सेकंड में तीन से चार ड्राफ्ट सैनिटाइजर निकलता है.
सार्वजनिक स्थल पर किया जा सकता है प्रयोग
उन्होंने कहा कि हैंड सैनिटाइज करते समय एक ही बोतल को कई लोग छूते हैं, जिसके चलते इस संक्रमण के फैलने का खतरा बना रहता है. इस मशीन से बिना किसी के संपर्क में आए हाथ सैनिटाइज किए जा सकते हैं. इसका उपयोग घरों में तो कर ही सकते हैं, साथ ही मुख्य रूप से सामाजिक स्थल जैसे-बैंक, रेलवे स्टेशन, सिनेमा हॉल, सरकारी या निजी कार्यालय, अस्पतालों आदि स्थानों पर किया जा सकता है.
बेटे की उपलब्धि पर पिता को गर्व
बेटे की उपलब्धि पर पिता राजकुमार सोनी कहते हैं कि कोरोना महामारी से बचाव के लिए बेटे ने अच्छा काम किया है. उन्होंने पीएम मोदी के आत्मनिर्भर भारत की ओर एक कदम बढ़ाया है. इसके साथ ही उन्होंने अन्य पैरेंट्स से अपील की है कि सभी लोग अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दें, जिससे उनका और देश का नाम ऊंचा हो सके.
जिले के बिंदकी तहसील के मीरखपुर गुड़ियानीमी के रहने वाले राजकुमार सोनी के पुत्र प्रखर सोनी IIIT-सूरत के बीटेक प्रथम वर्ष के छात्र हैं. प्रखर होली की छुट्टी में अपने घर आए थे और देशव्यापी तालाबंदी के चलते वापस नहीं जा सके. उन्होंने अपनी सेमेस्टर परीक्षाएं (जो कि ऑनलाइन आयोजित थी) भी घर से ही दीं. 29 जून को परीक्षा समाप्त होने के पश्चात प्रखर ने महामारी काल को अवसर में बदलते हुए लोगों की मदद करने के लिए एक ऐसी सैनिटाइजर मशीन बना डाली, जो कि सेंसर युक्त है. इस मशीन को बिना टच किए हाथ सैनिटाइज किए जा सकते हैं. इस मशीन को महज 5 वोल्ट की विद्युत सप्लाई से चलाया जा सकता है.
घर में पड़ी वेस्ट सामग्री से बनाई मशीन
इस मशीन के बारे में बताते हुए प्रखर कहते हैं कि यह मशीन बनाने का ख्याल आने के बाद उन्होंने ऑनलाइन मार्केटिंग से अल्ट्रासोनिक सेंसर, आईडिनो वाटर पंप मंगाया था. इसके बाद अपने मोबाइल के माध्यम से प्रोग्रामिंग सेट की और घर में पड़ी वेस्ट सामग्री जैसे दफ्ती का डिब्बा, प्लास्टिक की बोतल, पुराने सैनिटाइजर की नली, थर्माकोल, टेप और कुछ विद्युत तारों का प्रयोग करके करीब 10 दिन के बाद इसे बना डाला. यह लोगों के हैंड सैनिटाइजर करने का काम स्वतः ही करता था, इसलिए इसका नाम 'मिस्टर सैनिटाइजर' रखा है. इससे महज 0.3 सेकंड में तीन से चार ड्राफ्ट सैनिटाइजर निकलता है.
सार्वजनिक स्थल पर किया जा सकता है प्रयोग
उन्होंने कहा कि हैंड सैनिटाइज करते समय एक ही बोतल को कई लोग छूते हैं, जिसके चलते इस संक्रमण के फैलने का खतरा बना रहता है. इस मशीन से बिना किसी के संपर्क में आए हाथ सैनिटाइज किए जा सकते हैं. इसका उपयोग घरों में तो कर ही सकते हैं, साथ ही मुख्य रूप से सामाजिक स्थल जैसे-बैंक, रेलवे स्टेशन, सिनेमा हॉल, सरकारी या निजी कार्यालय, अस्पतालों आदि स्थानों पर किया जा सकता है.
बेटे की उपलब्धि पर पिता को गर्व
बेटे की उपलब्धि पर पिता राजकुमार सोनी कहते हैं कि कोरोना महामारी से बचाव के लिए बेटे ने अच्छा काम किया है. उन्होंने पीएम मोदी के आत्मनिर्भर भारत की ओर एक कदम बढ़ाया है. इसके साथ ही उन्होंने अन्य पैरेंट्स से अपील की है कि सभी लोग अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दें, जिससे उनका और देश का नाम ऊंचा हो सके.