फतेहपुरः सूबे की योगी सरकार बेसिक शिक्षा में सुधार के लिए कई कार्यक्रम संचालित कर रही है. जिससे गरीब परिवार के मासूमों को अच्छी शिक्षा मिल सके. सरकार बच्चों के लिए निःशुल्क स्वेटर, ड्रेस, जूता, बैग और भोजन दे रही है, लेकिन हालत यह है कि इन योजनाओं के लाभ से मासूम वंचित है. अगर लाभ मिल भी रहा है तो भ्रष्टाचार की भेट चढ़ जा रहा है.
फतेहपुर जिले के परिषदीय विद्यालयों में बच्चे को निःशुल्क बैग और जूते दिए गए. अधिकांश बैग और जूते 6 माह के अंदर ही सिलाई छोड़ चुके हैं या पूरी तरह से फट गए हैं. इसके चलते बच्चे नंगे पांव या चप्पल में स्कूल आ जा रहें हैं.
वहीं किसी तरह फटे बैग से कॉपी किताब ला रहें हैं. सरकार की मंशा गरीब नौनिहालों को कॉन्वेंट स्तर की शिक्षा देने की है. इसके लिए करोड़ों रुपये खर्च कर रही है, लेकिन इसके विपरीत जिनके कंधे पर बेसिक शिक्षा की जिम्मेदारी है. वह अपनी हिस्सेदारी को भूल घटिया स्तर के जूते, बैग और स्वेटर वितरित कर दिए.
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जिले में कक्षा 1 से 8 तक के 2650 परिषदीय विद्यालय हैं. इनमें 2,36,000 छात्र शिक्षा ले रहे हैं. सरकार के करोड़ों रुपये से बच्चों को निःशुल्क ड्रेस, जूता, मोजा और, स्वेटर वितरित किया गया, लेकिन छह माह के बाद ही इनकी हालत खस्ता हो गई.
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बीएसए शिवेद्र प्रताप ने बताया कि नामित संस्थाओं के द्वारा स्कूलों में ड्रेस जूते वितरित कराए गए हैं. साथ ही समय-समय पर स्कूल में जाकर इसकी जानकारी ली जाती है. उन्होंने कहा कि ऐसा कोई मामला सामने आता है तो कार्यवाही की जाएगी.