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फतेहपुर: जब टंकी हुई फेल तो कुओं ने बुझाई बहुआ की प्यास - फतेहपुर में 6 कुओं का जीर्णोद्धार

उत्तर प्रदेश के फतेहपुर के नगर पंचायत अध्यक्ष राजेश सिंह ने जिले के बहुआ कस्बे में पानी की परेशानियों को दूर करने के लिए कुओं का जीर्णोद्धार कराना शुरू कर दिया है. कस्बे के 6 कुओं का जीर्णोद्धार हो चुका है. 15 कुओं के जीर्णोद्धार की तैयारी की जा रही है.

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कुओं का जीर्णोद्धार.
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Published : Jan 14, 2020, 3:23 PM IST

फतेहपुर: 21वीं सदी के मशीनीकरण की चकाचौंध में जहां कुएं अपना अस्तित्व खोते नजर आ रहे हैं, वहीं जिले के नगर पंचायत अध्यक्ष राजेश सिंह ने अपने पूर्वजों की धरोहरों को सजोने और पानी की अहमियत को समझते हुए नगर के कुओं का जीर्णोद्धार शुरू करवा दिया है. बहुआ कस्बे के कुएं इतिहास के पन्नों में सिमटने के बजाय अपनी सौंदर्यता से सभी को आकर्षित कर रहे हैं.

कुओं का जीर्णोद्धार.

कुओं का हो रहा जीर्णोद्धार
जिले के बहुआ कस्बे में 25 कुएं हैं, जिसमें से नगर अध्यक्ष ने 6 का जीर्णोद्धार करवा दिया है. साथ ही कस्बे के 15 कुओं के जीर्णोद्धार की तैयारी की जा रही है, जिससे लोगों की ओर से आए दिन आने वाली पानी की समस्या से निजात मिल सके. इन कुओं के जीर्णोद्धार के लिए करीब 1.3 लाख से लेकर 1.5 लाख रुपये तक खर्च किए जा रहे हैं.

ऐसे कराया जा रहा कुओं का जीर्णोद्धार
इन टूटे हुए कुओं के पहले चबूतरे पक्के करवाए गए. कुओं के खम्भो पर टाइल्स लगाई गई है. पानी में कूड़ा-कचरा जाने से रोकने के लिए सभी पर छतरी लगायी गई है. वहीं सरलता से पानी निकल जाए इसके लिए घिरनी लगायी गई है. रंगीन शेड की छांव में घिरनी पर सरकती रस्सी के सहारे आकर्षित करते रंग-बिरंगे टाइल्स से बने चबूतरे वाले कुएं से पानी निकालने का दृश्य देखकर किसी का भी कदम बहुआ कस्बे में ठहर जाता है. इस आधुनिक युग मे कुएं से ऐसा जुड़ाव देख एक अलग ही एहसास होता है. बहुआ में पुराने समय की तरह आज भी कुआं लोगों के दैनिक जीवन का हिस्सा बना हुआ है. पानी की उपयोगिता के साथ-साथ मोहल्ले की महिलाओं की बैठकी भी कुएं के चबूतरे पर होती है.

कुएं अब बन गए बैठकी के अड्डे

जरूरत विहीन हो गए कुएं उपेक्षा के शिकार में अतीत बनते जा रहे थे, लेकिन यही कुएं अब मोहल्ले के लोगों के पसंदीदा स्थान बन गए हैं. ठंड के समय निकली हल्की-हल्की धूप में मोहल्ले की महिलाएं यहीं बैठकी कर रही हैं.

इसे भी पढ़ें- लखनऊ: आयुक्त प्रणाली के तहत नोएडा-लखनऊ कमिश्नरी को मिलीं ये 15 शक्तियां

फतेहपुर: 21वीं सदी के मशीनीकरण की चकाचौंध में जहां कुएं अपना अस्तित्व खोते नजर आ रहे हैं, वहीं जिले के नगर पंचायत अध्यक्ष राजेश सिंह ने अपने पूर्वजों की धरोहरों को सजोने और पानी की अहमियत को समझते हुए नगर के कुओं का जीर्णोद्धार शुरू करवा दिया है. बहुआ कस्बे के कुएं इतिहास के पन्नों में सिमटने के बजाय अपनी सौंदर्यता से सभी को आकर्षित कर रहे हैं.

कुओं का जीर्णोद्धार.

कुओं का हो रहा जीर्णोद्धार
जिले के बहुआ कस्बे में 25 कुएं हैं, जिसमें से नगर अध्यक्ष ने 6 का जीर्णोद्धार करवा दिया है. साथ ही कस्बे के 15 कुओं के जीर्णोद्धार की तैयारी की जा रही है, जिससे लोगों की ओर से आए दिन आने वाली पानी की समस्या से निजात मिल सके. इन कुओं के जीर्णोद्धार के लिए करीब 1.3 लाख से लेकर 1.5 लाख रुपये तक खर्च किए जा रहे हैं.

ऐसे कराया जा रहा कुओं का जीर्णोद्धार
इन टूटे हुए कुओं के पहले चबूतरे पक्के करवाए गए. कुओं के खम्भो पर टाइल्स लगाई गई है. पानी में कूड़ा-कचरा जाने से रोकने के लिए सभी पर छतरी लगायी गई है. वहीं सरलता से पानी निकल जाए इसके लिए घिरनी लगायी गई है. रंगीन शेड की छांव में घिरनी पर सरकती रस्सी के सहारे आकर्षित करते रंग-बिरंगे टाइल्स से बने चबूतरे वाले कुएं से पानी निकालने का दृश्य देखकर किसी का भी कदम बहुआ कस्बे में ठहर जाता है. इस आधुनिक युग मे कुएं से ऐसा जुड़ाव देख एक अलग ही एहसास होता है. बहुआ में पुराने समय की तरह आज भी कुआं लोगों के दैनिक जीवन का हिस्सा बना हुआ है. पानी की उपयोगिता के साथ-साथ मोहल्ले की महिलाओं की बैठकी भी कुएं के चबूतरे पर होती है.

कुएं अब बन गए बैठकी के अड्डे

जरूरत विहीन हो गए कुएं उपेक्षा के शिकार में अतीत बनते जा रहे थे, लेकिन यही कुएं अब मोहल्ले के लोगों के पसंदीदा स्थान बन गए हैं. ठंड के समय निकली हल्की-हल्की धूप में मोहल्ले की महिलाएं यहीं बैठकी कर रही हैं.

इसे भी पढ़ें- लखनऊ: आयुक्त प्रणाली के तहत नोएडा-लखनऊ कमिश्नरी को मिलीं ये 15 शक्तियां

Intro:फतेहपुर- ....अगर फुर्सत मिले पानी की तहरीरों को पढ़ लेना। हर एक कुंआ सालों साल का अफसाना लिखता है। किसी शायर की यह नज़्म पानी और कुंए दोनों की हाल बताने के लिए काफी है लेकिन इस 21वीं सदी के मशीनीकरण के युग मे जब कुंए अतीत बन रहें हो तो ऐसी नज़्म नई पीढ़ी के बीच एक अतीत बनती जा रही है जैसे संरक्षण और जरूरत विहीन होते कुंए अतीत होते जा रहें हैं। लेकिन फतेहपुर जिले के बहुआ कस्बे में यह नज्म वर्षो तक प्रासंगिक रहेगी ! पता है क्यों? यहां के कुंए इतिहास के पन्नो में सिमटने के बजाय अपने सौंदर्यता से सभी को आकर्षित कर रहें हैं। बहुआ नगर पंचायत अध्यक्ष राजेश सिंह ने अपने पूर्वजों की धरोहर को सजोने और पानी की अहमियत को समझते हुए नगर के कुंओ का जीर्णोद्धार करा रहें हैं।


Body: रंगीन सेड की छांव में घिरनी पर सरकरती रस्सी के सहारे आकर्षित करते रंग बिरंगे टाइल्स से बने चबूतरे वाले कुंए से पानी निकालने का दृश्य देखकर किसी का भी कदम बहुआ कस्बे में ठहर जाता है। इस आधुनिक युग मे कुएं से से जुड़ाव होना एक आश्चर्य जैसा ही है लेकिन बहुआ में पुराने समय की तरह आज भी कुंआ लोगों के दैनिक जीवन का हिस्सा बना हुआ है। पानी की उपयोगिता के साथ साथ मुहल्ले की महिलाओं की बैठकी भी कुंए के चबूतरे पर होती है।
इस आधुनिक युग मे यह दृश्य देखने को मिल रहा है तो इसके पीछे हैं बहुआ नगर पंचायत के अध्यक्ष राजेश सिंह। इन्होंने ने बताया कि पानी की टँकी पुरानी हो जाने से लीक हो गई जिससे में कस्बे में पानी की समस्या की शिकायत लोगों की रोज आती थी। तत्काल पानी की टँकी को नही बनवाया जा सकता इसके लिए सरकार से लाखों रुपए चहिए जिसमें तीन वर्ष लग जायेगा , ऐसे में कुंए पर हमारी नजर गई क्योंकि कस्बे में हर मुहल्ले में कुंए हैं । इसके बाद योजना बनाया गया कि इन्ही कुंए को अगर को संवार दिया जाय घिरनी लगा कर कुंए के ऊपर सेड लगा दिया जाए जिससे कचड़ा न जाए तो पानी की समस्या का समाधान हो जाएगा और हमारे पूर्वजों की धरोहर संरक्षित हो जाएगी।

6 का कुंए संवर गए, 15 की तैयारी

बहुआ कस्बे में 25 कुएं हैं जिनमे से 6 कुंआ का जीर्णोद्धार हो गया है। इन कुंए के टूटे पड़े किए की पहले चबूतरे पक्के किया गया और कुंए के खम्भो पर टाइल्स लगाई गई है। पानी मे कूड़ा कचरा जाने से रोकने के लिए सभी पर छतरी लगाया गया है। वहीं सरलता से पानी निकल जाए इसके लिए घिरनी लगाया गया है।
एक कुंए के जीर्णोद्धार पर 1.3 लाख से लेकर 1.5 तक रुपए खर्च होते हैं।
बहुआ नगर पंचायत अब तक 6 कुएं को संवारने के काम पूरा कर चुका है बाकी 15 की तैयारी चल रही है।


Conclusion:उपेक्षा का शिकार बने कुंए अब लोगों का अब पसंदीदा स्थान

जरूरत विहीन हो गए कुएं उपेक्षा के शिकार में अतीत बनते जा रहें थे लेकिन यही कुँए अब मुहल्ले के लोगो का पसंदीदा स्थान बन गया है। ठंड के समय निकली हल्की हल्की धूप में मुहल्ले की महिलाएं यहीं बैठकी कर रहीं हैं। एक महिला ने बताया कि बहुत ही अच्छा हो गया कुंए की सफाई हो जाने से और छतरी लग जाने से साफ पानी मिल रहा है। हम लोग अब इसी पानी का इस्तेमाल करते हैं पहले दूर से पानी लाना पड़ता था।


बॉइट ग्रामीण 1 राजा 2 रेखा
बॉइट 3 नगर पंचायत अध्यक्ष राजेश सिंह गौतम


अभिषेक सिंह फतेहपुर 7860804510

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