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इलाज के दौरान स्वास्थ्य कर्मी की मौत, परिजनों ने लगाया आरोप - इलाज के दौरान स्वास्थ्य कर्मी की मौत

फतेहपुर में एक लैब टेक्नीशियन की इलाज के दौरान मौत हो गई. परिजनों का आरोप है कि कोरोना वैक्सीन लगने के बाद से ही स्वास्थ्य कर्मी की तबीयत और खराब हो गई थी. वहीं काफी दिनों से बीमार चल रहे लैब टेक्नीशियन की मेडिकल लीव कैंसिल कर दी गई थी.

फतेहपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र.
फतेहपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र.
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Published : Mar 8, 2021, 8:06 PM IST

फतेहपुरः जिले के बहुआ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में तैनात लैब टेक्नीशियन की जिला अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई. लैब टेक्नीशियन की मौत के बाद परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा काटा. परिजनों का आरोप था कि बीमार चल रहे लैब टेक्नीशियन का मेडिकल अवकाश स्वीकृति किए जाने के बजाय अस्पताल प्रशासन उनसे काम ले रहा था. परिजनों का आरोप है कि कोरोना वैक्सीन लगने के बाद से उसकी तबियत और खराब हो गई थी.

सुनील कुमार सोनकर नामक युवक जिले के स्वास्थ्य विभाग में लैब टेक्नीशियन के पद पर नौकरी कर रहा था. वर्तमान समय में उसकी तैनाती बहुआ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में थी. काफी समय से बीमार चल रहे सुनील कुमार सोनकर ने अपनी बीमारी के चलते विभागीय अधिकारियों से मेडिकल अवकाश देने के लिए आवेदन कर रखा था, लेकिन उसके बावजूद उसे अवकाश नहीं दिया गया था. बताया जाता है कि पहले से बीमार चल रहे सुनील को बीती 22 जनवरी को कोरोना वैक्सीन का टीका लगा था.

मृतक की पत्नी का आरोप है कि कोरोना वैक्सीन का टीका लगने के बाद उसकी तबियत और बिगड़ गई थी. इसके बाद सोमवार को तबियत ज्यादा खराब होने के बाद उसे इलाज के लिए जिला अस्पताल लाया गया. यहां उसकी मौत हो गई. इस मामले में मृतक की पत्नी मैथिली ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों पर पति को प्रताड़ित किए जाने का आरोप लगाया है.

इस मामले में जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी गोपाल माहेश्वरी ने बताया कि सुनील सोनकर काफी दिनों से बीमार चल रहा था. बीमारी के चलते उसकी मौत हुई है. लैब टेक्नीशियन की मौत से कोरोना वैक्सीन का कोई लेना देना नहीं है. कोरोना वैक्सीन को पूरी तरह से सुरक्षित बताते हुए उन्होंने कहा कि बीमार लोगों को भी वैक्सीन लगाई जा सकती है.

उन्होंने बताया कि उसके शव का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है. इसमें मौत के कारणों की सही जानकारी सामने आ जाएगी. सुनील का मेडिकल अवकाश क्यों नहीं स्वीकृति किया गया. इस मामले की जांच करवाई जा रही है. जो लोग भी दोषी पाए जाएंगे उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

फतेहपुरः जिले के बहुआ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में तैनात लैब टेक्नीशियन की जिला अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई. लैब टेक्नीशियन की मौत के बाद परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा काटा. परिजनों का आरोप था कि बीमार चल रहे लैब टेक्नीशियन का मेडिकल अवकाश स्वीकृति किए जाने के बजाय अस्पताल प्रशासन उनसे काम ले रहा था. परिजनों का आरोप है कि कोरोना वैक्सीन लगने के बाद से उसकी तबियत और खराब हो गई थी.

सुनील कुमार सोनकर नामक युवक जिले के स्वास्थ्य विभाग में लैब टेक्नीशियन के पद पर नौकरी कर रहा था. वर्तमान समय में उसकी तैनाती बहुआ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में थी. काफी समय से बीमार चल रहे सुनील कुमार सोनकर ने अपनी बीमारी के चलते विभागीय अधिकारियों से मेडिकल अवकाश देने के लिए आवेदन कर रखा था, लेकिन उसके बावजूद उसे अवकाश नहीं दिया गया था. बताया जाता है कि पहले से बीमार चल रहे सुनील को बीती 22 जनवरी को कोरोना वैक्सीन का टीका लगा था.

मृतक की पत्नी का आरोप है कि कोरोना वैक्सीन का टीका लगने के बाद उसकी तबियत और बिगड़ गई थी. इसके बाद सोमवार को तबियत ज्यादा खराब होने के बाद उसे इलाज के लिए जिला अस्पताल लाया गया. यहां उसकी मौत हो गई. इस मामले में मृतक की पत्नी मैथिली ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों पर पति को प्रताड़ित किए जाने का आरोप लगाया है.

इस मामले में जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी गोपाल माहेश्वरी ने बताया कि सुनील सोनकर काफी दिनों से बीमार चल रहा था. बीमारी के चलते उसकी मौत हुई है. लैब टेक्नीशियन की मौत से कोरोना वैक्सीन का कोई लेना देना नहीं है. कोरोना वैक्सीन को पूरी तरह से सुरक्षित बताते हुए उन्होंने कहा कि बीमार लोगों को भी वैक्सीन लगाई जा सकती है.

उन्होंने बताया कि उसके शव का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है. इसमें मौत के कारणों की सही जानकारी सामने आ जाएगी. सुनील का मेडिकल अवकाश क्यों नहीं स्वीकृति किया गया. इस मामले की जांच करवाई जा रही है. जो लोग भी दोषी पाए जाएंगे उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

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