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...समय का बदलाव, कान्वेंट को टक्कर दे रहा फतेहपुर जिले का यह सरकारी स्कूल

उत्तर प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में बदहाल शिक्षण व्यवस्था के चलते परिजनों का आकर्षण कान्वेंट स्कूलों की तरफ हो गया था, लेकिन फतेहपुर जिले के एक परिषदीय स्कूल में नजारा इसके उलट है. यहां अभिवावक बच्चों का निजी विद्यालयों के बजाय सरकारी स्कूल में नामंकन करवा रहें हैं.

मसवानी प्राथमिक विद्यालय.
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Published : Aug 18, 2019, 10:10 AM IST

फतेहपुर: जिले के परिषदीय विद्यालयों में शिक्षण के सुधार के लिए सरकार कई योजनाएं संचालित कर रही है, जिससे गरीब बच्चों की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सके. वहीं सरकार के प्रयासों को शिक्षकों का भी साथ मिल गया है. शिक्षकों की सक्रियता से परिषदीय विद्यालयों के शिक्षा में सुधार आने से अब लोगों का आकर्षण इन स्कूलों की तरह बढ़ रहा है.

जानकारी देते बीएसए.

इस परिषदीय स्कूल में दिन-प्रतिदिन बढ़ रही बच्चों की संख्या

  • आदर्श स्कूल मसवानी में 375 बच्चों का नामंकन हो गया है.
  • बच्चों की संख्या अधिक होने के चलते अब टीचर टेस्ट लेकर नामंकन कर रहे हैं.
  • यहां बच्चों को खेल-खेल के माध्यम से पाठ्यक्रम के साथ नैतिक ज्ञान भी दिया जाता है.
  • यहां की शिक्षिका चम्पा शर्मा को बच्चों को नवाचार के माध्यम से पढ़ाने के लिए राज्य स्तर तक कई पुरस्कार मिल चुके हैं.
  • स्कूल में कई बार चोरी होने के वजह से शिक्षकों ने अपने निजी खर्च से स्कूल में गार्ड तैनात किए हैं, जिससे कोई नुकसान न हो.

निजी स्कूलों से परिषदीय स्कूलों में एडमिशन ले रहे हैं बच्चे
अच्छी शिक्षा की चाह में लोग गरीबी के हालत में भी अपने बच्चों को कान्वेंट स्कूल में नामंकन करवाते थे, लेकिन अब मसवानी परिषदीय विद्यायल में शिक्षा व्यवस्था में सुधार होने से परिजन अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूल से निकालकर इसमें नामांकन करा रहे हैं. ऐसे में कई क्षेत्रिय निजी विद्यालयों के बच्चों की संख्या में गिरावट आई है.

बच्चों को खेल-खेल में जीके और इंग्लिश स्पीकिंग सिखाई जाती है. प्रार्थना के समय ही सामूहिक रूप से सभी बच्चों को कॉमन जानकारी दी जाती है. इस प्रकार से बच्चों का ज्ञानवर्धन के साथ व्यक्तित्व का भी विकास होता है.
-चम्पा शर्मा, शिक्षिका

इस स्कूल के शिक्षण व्यवस्था में सराहनीय सुधार हुआ है, जिसके चलते बच्चों का नामांकन बढ़ गया है. ऐसे में भवन की कमी हो रही है. नए भवन के निर्माण के लिए प्रयास जारी है.
-शिवेन्द्र प्रताप सिंह, बीएसए

फतेहपुर: जिले के परिषदीय विद्यालयों में शिक्षण के सुधार के लिए सरकार कई योजनाएं संचालित कर रही है, जिससे गरीब बच्चों की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सके. वहीं सरकार के प्रयासों को शिक्षकों का भी साथ मिल गया है. शिक्षकों की सक्रियता से परिषदीय विद्यालयों के शिक्षा में सुधार आने से अब लोगों का आकर्षण इन स्कूलों की तरह बढ़ रहा है.

जानकारी देते बीएसए.

इस परिषदीय स्कूल में दिन-प्रतिदिन बढ़ रही बच्चों की संख्या

  • आदर्श स्कूल मसवानी में 375 बच्चों का नामंकन हो गया है.
  • बच्चों की संख्या अधिक होने के चलते अब टीचर टेस्ट लेकर नामंकन कर रहे हैं.
  • यहां बच्चों को खेल-खेल के माध्यम से पाठ्यक्रम के साथ नैतिक ज्ञान भी दिया जाता है.
  • यहां की शिक्षिका चम्पा शर्मा को बच्चों को नवाचार के माध्यम से पढ़ाने के लिए राज्य स्तर तक कई पुरस्कार मिल चुके हैं.
  • स्कूल में कई बार चोरी होने के वजह से शिक्षकों ने अपने निजी खर्च से स्कूल में गार्ड तैनात किए हैं, जिससे कोई नुकसान न हो.

निजी स्कूलों से परिषदीय स्कूलों में एडमिशन ले रहे हैं बच्चे
अच्छी शिक्षा की चाह में लोग गरीबी के हालत में भी अपने बच्चों को कान्वेंट स्कूल में नामंकन करवाते थे, लेकिन अब मसवानी परिषदीय विद्यायल में शिक्षा व्यवस्था में सुधार होने से परिजन अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूल से निकालकर इसमें नामांकन करा रहे हैं. ऐसे में कई क्षेत्रिय निजी विद्यालयों के बच्चों की संख्या में गिरावट आई है.

बच्चों को खेल-खेल में जीके और इंग्लिश स्पीकिंग सिखाई जाती है. प्रार्थना के समय ही सामूहिक रूप से सभी बच्चों को कॉमन जानकारी दी जाती है. इस प्रकार से बच्चों का ज्ञानवर्धन के साथ व्यक्तित्व का भी विकास होता है.
-चम्पा शर्मा, शिक्षिका

इस स्कूल के शिक्षण व्यवस्था में सराहनीय सुधार हुआ है, जिसके चलते बच्चों का नामांकन बढ़ गया है. ऐसे में भवन की कमी हो रही है. नए भवन के निर्माण के लिए प्रयास जारी है.
-शिवेन्द्र प्रताप सिंह, बीएसए

Intro:फतेहपुर- परिषदीय विद्यालयों में बदहाल शिक्षण व्यवस्था के चलते परिजनों का आकर्षण कान्वेट की तरफ हो गया था। अच्छी शिक्षा की चाह में लोग गरीबी के हालत में भी अपने बच्चों को कान्वेंट स्कूल में नामंकन करवाते थे। लेकिन फतेहपुर जनपद में यह इसके उलट हो गया है यहां अभिवावक बच्चों का निजी विद्यालयों से नाम कटवाकर सरकारी स्कूल में नामंकन करवा रहें हैं। जिले के नगरीय क्षेत्र में कम्पोजिट स्कूल मुराइन टोला में बच्चों का नामंकन 375 हो गया है। बच्चो की संख्या अधिक होने के चलते अब टीचर टेस्ट लेकर नामंकन किया जा रहा है।


Body:परिषदीय विद्यालय में शिक्षण नके सुधार के लिए सरकार कई योजनाएं संचालित कर रही है जिससे गरीब बच्चों की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले। वहीं सरकार के प्रयासों की शिक्षकों का साथ मिल गया है। शिक्षकों की सक्रियता से परिषदीय विद्यालयों के शिक्षा में सुधार आने से अब लोगों का आकर्षण इन स्कूलों की तरह बढ़ रहा है। आदर्श स्कूल मसवानी में बच्चों को खेल खेल के माध्यम से पाठ्यक्रम के साथ नैतिक ज्ञान दिया जाता है। यहां की शिक्षिका चम्पा शर्मा बच्चों को तमाम तरह की गतिविधियों के माध्यम से बच्चों को खेल खेल में जीके और इंग्लिश स्पीकिंग सिखाती है। 375 बच्चों पर चार शिक्षक होने के चलते प्रार्थना के समय ही सामुहिक रूप से सभी बच्चों की कॉमन जानकारी दी जाती है। इस प्रकार से बच्चों का ज्ञानवर्धन के साथ व्यक्तित्व का भी विकास होता है।
शिक्षिका चम्पा शर्मा को बच्चो को नवाचार के माध्यम से पढ़ाने के लिए राज्यस्तर तक कई पुरस्कार मिल चुका है।

निजी विद्यालयों से आते हैं बच्चे

मसवानी परिषदीय विद्यायल में शिक्षा व्यवस्था में सुधार से परिजन अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूल से निकाल कर इसमें नामाकन करा रहे हैं। ऐसे में कई क्षेत्रिय निजी विद्यालयों के बच्चों की संख्या में गिरावट आई। अब हालात यह है कि इस स्कूल में बच्चो की संख्या बढ़ और निजी में कम । इस स्कूल में कई दफा चोरी की घटनाएं हुई।ऐसे में शिक्षकों ने अपने निजी खर्च से स्कूल में गार्ड तैनात किए हैं ताकि कोई नुकसान न हो।।


Conclusion:बीएसए शिवेन्द्र प्रताप सिंह ने बताया कि यह इस स्कूल के शिक्षण व्यवस्था में सराहनीय सुधार हुआ है। जिसके चलते बच्चों का नामांकन बढ़ गया है। ऐसे में भवन की कमी हो रही है नए भवन के निर्माण के लिए प्रयास जारी है।


बाईट-1पूनम अवस्थी शिक्षिका
2 चम्पा शर्मा शिक्षिका
3 शिवेन्द्र प्रताप सिंह बीएसए
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