फतेहपुर: जिलाधिकारी अपूर्वा दुबे रविवार को सोशल मीडिया में वायरल एक पत्र के चलते विवादों में घिर गई है. पत्र सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स में तेजी से वायरल हो रहा है. इस पत्र में जिला पशु चिकित्साधिकारी की तरफ से जिलाधिकारी की निजी गाय की देखभाल और चिकित्सा के लिए सभी ब्लॉक स्तरीय चिकित्साधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई है. इस वायरल लेटर को लेकर डीएम अपूर्वा दुबे ने बताया कि उनकी छवि को धूमिल करने के लिए साजिश की गई है. उन्होंने पशु चिकित्साधिकारी को ऐसा कोई आदेश नहीं दिया है. न ही उनके परिवार में कोई निजी गाय है.
डीएम ने बताया कि वो लगातार जिले की गौशालाओं का निरीक्षण कर रही हैं, जहां भारी मात्रा में कमियां देखने को मिल रहीं हैं. कई पंचायत सचिवों और अन्य कमर्चारियों को निलंबित और उनका वेतन रोकने जैसी कार्रवाई की जा रही है. मुख्य पशु चिकित्साधिकारी भी इसकी जद में हैं. कई बार उनको नोटिस जारी की जा चुकी है. इसी खुन्नस के चलते उन्होंने यह लेटर बनाकर वायरल किया है. उन्होंने कहा कि वह जिले में पिछले डेढ़ साल से तैनात हैं, लेकिन उनकी तरफ से अपने निजी काम के लिए कभी सरकारी तंत्र का दुरुपयोग नहीं किया गया है.
बता दें कि मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी फतेहपुर डॉ. एस के तिवारी की तरफ से जारी लेटर में बताया गया है कि जिलाधिकारी की गाय की चिकित्सा हेतु जिले के डॉ. मनीष अवस्थी पशु चिकित्सा अधिकारी भिटौरा, डॉ. भुवनेश कुमार पशु चिकित्सा अधिकारी ऐरायां, डॉ. अनिल कुमार पशु चिकित्सा अधिकारी उकाथू, डॉ. अजय कुमार दुबे पशु चिकित्सा अधिकारी गाज़ीपुर, डॉ. शिव स्वरूप पशु चिकित्सा अधिकारी मलवां, डॉ. प्रदीप कुमार पशु चिकित्सा अधिकारी असोथर, डॉ. अतुल कुमार पशु चिकित्सा अधिकारी हसवा की प्रतिदिन ड्यूटी लगाई जाती है.
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साथ ही डॉ. सुरेश कुमार कन्नौजिया पशु चिकित्सा अधिकारी दमापुर की ड्यूटी अतिरिक्त डॉक्टर के रूप में लगाई जाती है. सभी को यह भी निर्देश दिए गए हैं कि शाम 6 बजे तक प्रतिदिन की रिपोर्ट पशु चिकित्सा अधिकारी कार्यालय फतेहपुर में दूरभाष के जरिए दें.
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