फतेहपुर: उत्तरप्रदेश के फतेहपुर में छह साल पहले किशोरी के साथ दुष्कर्म की घटना हुई थी. इस मामले में अपर सत्र न्यायालय पॉस्को कोर्ट प्रथम के न्यायाधीश विनोद कुमार चौरसिया की अदालत ने फैसला सुनाया है. कोर्ट ने दोषी को 20 साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही साढ़े 25 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया है, जिसकी पूरी राशि पीड़िता को देने का कोर्ट ने आदेश दिया है.
विशेष लोक अभियोजक देवेंद्र कुमार भदौरिया व देवेश श्रीवास्तव ने संयुक्त रूप से बताया कि फतेहपुर के थरियांव थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी युवक और उसकी पत्नी 1 जुलाई 2017 को खेतों में पानी लगाने गए थे. घर में उसकी 14 वर्षीय बेटी और छोटा बेटा अकेले थे. देर रात करीब 12 बजे लड़की लघुशंका के लिए निकली थी. तभी पहले से घात लगाए बैठे पड़ोसी रामकेशन के साथ दो अन्य लोगों ने किशोरी को दबोच लिया और उसके साथ दुष्कर्म किया.
शोर मचाने पर भाई के साथ आस-पड़ोस के अन्य लोग भी मौके पर पहुंच गए, लेकिन इससे पहले ही आरोपी जान से मारने की धमकी देते हुए मौके से भाग निकले थे. घर लौटे परिजनों से किशोरी ने आपबीती बताई. मामले में कोर्ट के आदेश पर आरोपियों के खिलाफ पॉक्सो एक्ट समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कर पुलिस ने अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया था. सोमवार को मामले की अंतिम सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से पीड़िता सहित आठ गवाहों को पेश किया गया. पत्रावली और सबूतों के आधार पर अदालत ने युवक को घटना का दोषी ठहराते हुए कैद की सजा और अर्थदंड लगाया.
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