फतेहपुर : नगर क्षेत्र के प्राथमिक स्कूल अस्ती की शिक्षिका आसिया फारूकी को राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार 2023 के लिए चयनित किया गया है. उन्हें यह पुरस्कार बच्चों को कॉन्वेंट स्कूल जैसी सुविधा देने और आधुनिक तकनीक से बच्चों को पढ़ाने के लिए दिया जा रहा है. 5 सितंबर को शिक्षक दिवस पर उन्हें दिल्ली में राष्ट्रपति सम्मानित करेंगे. आसिया को कुछ साल पहले सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी प्रादेशिक शिक्षक की उपाधि से सम्मानित किया था.
बच्चों को लिए स्कूल में सभी सुविधाएं : राष्ट्रीय पुरस्कार 2023 के लिए जनपद से आसिया फारूकी का चयन हुआ है. शिक्षक दिवस के अवसर पर राष्ट्रपति भवन में उन्हें सम्मानित किया जाएगा. आसिया फारूकी प्राथमिक विद्यालय अस्ती में बच्चों को आज के जमाने के हिसाब से आधुनिक सुविधाएं मुहैया कराती हैं. वह बच्चों को आधुनिक तकनीक से पढ़ाती भी हैं. बच्चों को हर वह सुविधा मुहैया कराती हैं जिससे उनका शैक्षिक व सामाजिक विकास हो सके. वक्त के मुताबिक बच्चों को टेक्नोलॉजी से जोड़ कर एक्टिविटी क्लासेस को बढ़ावा देती हैं. इसके साथ ही अस्ती प्राथमिक विद्यालय में कान्वेंट स्कूलों की तरह बच्चों की जरूरत के मुताबिक हर तरह सुविधा दी जाती है. ऑनलाइन क्लासेस के अलावा प्रोजेक्टर, डिजिटल लाइब्रेरी और डिजिटल माध्यम से बच्चों के ज्ञान में वृद्धि की जाती है. फतेहपुर के लोगों को शिक्षिका के इस प्रयास पर गर्व महसूस होता है.
हमेशा कुछ नया करने के लिए करती हैं प्रेरित : नगर क्षेत्र के प्राथमिक स्कूल अस्ती में शिक्षिका असिया फारूकी के साथ स्कूल में पढ़ाने वाली शिक्षिका नेहा का कहना है कि आसिया मैम हर रोज कुछ नया करने व कराने के लिए प्रेरित करती हैं. राज्य स्तरीय पुरस्कार से सम्मनित आसिया ने अस्ती प्राथमिक विद्यालय स्कूल की सूरत बदल दी है. स्कूल में जहां पहले नाम लिखवाने से कतराते थे, वहीं आज काफी संख्या में बच्चे स्कूल में पढ़ रहे हैं. शिक्षिका ने अपने प्रयास से यहां पर बहुत सारे संसाधन उपलब्ध भी कराए हैं. आसिया की पहली नियुक्ति 2008 में अस्ती प्राथमिक विद्यालय में हुई थी.
शिक्षिका के सराहनीय कार्य : स्वयं के खर्च से लोहे की ग्रिल स्कूल में लगवाई है, विद्यालय में इंटरलॉकिंग भी करवाया. पंखे और एलईडी की व्यवस्था कराई. खुद के ही पैसे से फर्नीचर की व्यवस्था कराई. पौधे लगाकर विद्यालय को हराभरा बनाया. शिक्षिका का कहना है कि उन्हें बच्चो को अच्छी से अच्छी शिक्षा व संस्कार सिखाने में काफी सुकून मिलता है. जितना बड़ा सम्मान मिलेगा, उतनी ही उनकी जिम्मेदारी भी बढ़ती जाएगी. वह लगातार बच्चों और विद्यालय की उन्नति के लिए कार्य करती रहेंगी.
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