फतेहपुर: लॉकडाउन के अनुपालन की निगरानी के लिए नाव से निकले उपनिरीक्षक और दो सिपाही समेत चार लोग यमुना नदी में हादसे का शिकार हो गए. जानकारी के मुताबिक गश्ती के दौरान अचानक नाव पलट गई, जिसमें एक सिपाही निर्मल यादव ने तैरकर अपनी जान बचा ली, जबकि तीन लोग गहरे पानी में डूब गए. रेस्क्यू के दौरान सब इंस्पेक्टर, सिपाही और नाविक के शव मिले हैं.
लॉकडाउन की कर रहे थे निगरानी
दरअसल किशनपुर थाना क्षेत्र में मड़ैयन घाट पर उस समय दुर्घटना हो गई, जब उपनिरीक्षक रामजीत अपने हमराही काॉन्स्टेबल शशिकांत और निर्मल यादव के साथ यमुना नदी में नाव से लॉकडाउन की निगरानी कर रहे थे. घटना की सूचना मिलते ही तत्काल जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक समेत आलाधिकारी मौके पर पहुंचे. स्थानीय गोताखोरों की सहायता से डूबे हुए लोगों का रेस्क्यू कराया गया.
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एसआई समेत तीन शव बरामद
बीते शनिवार को कई घंटे बीत जाने के बाद जब डूबे लोगों का पता नहीं लग सका तो खराब मौसम के चलते रात्रि करीब 11 बजे रेस्क्यू बंद कर दिया गया. तड़के पहर से दोबारा रेस्क्यू जारी किया गया, जिसमें बनारस और लखनऊ से एनडीआरएफ की टीम पहुंची. एनडीआरएफ की टीम द्वारा रेस्क्यू का तीनों शवों को ढूंढ लिया गया है.
नदी के रास्ते नाव से होता है लॉकडाउन का उल्लंघन
दरअसल कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे के मद्देनजर लागू लॉकडाउन में जिले की सीमाएं पूरी तरह से सील कर दी गई हैं. इसके बावजूद बांदा जिले से तमाम लोग यमुना नदी के रास्ते नाव से फतेहपुर जिले में आया जाया करते हैं. किशनपुर थाने में तैनात उपनिरीक्षक रामजीत अपने हमराही सिपाही शशिकांत के साथ नाव से इस पार आने वालों पर नजर बनाए हुए थे. इसी बीच उनकी नाव तेज हवा के चलते यमुना नदी के गहरे पानी में डूब गई.
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जौनपुर के रहने वाले थे एसआई रामजीत भारती
नदी में हादसे के शिकार हुए उपनिरीक्षक रामजीत भारती जौनपुर जिले के मछलीशहर के रहने वाले थे, जबकि हमराही सिपाही शशिकांत गाजीपुर जिले के खजुहा गांव के निवासी हैं. उपनिरीक्षक रामजीत का तबादला सात महीने पहले ही फतेहपुर जनपद में हुआ था. जनपद में आमद के बाद रामजीत की तैनाती किशनपुर थाने में की गई थी.