फतेहपुर: उत्तर प्रदेश सरकार परिषदीय विद्यालयों में माहौल बनाने में जुटी हुई है. योगी सरकार विद्यालय भवन और परिसर को चमकाने के लिए अथक प्रयत्नशील है. बच्चों की शिक्षा में सुधार के लिए सरकार नए नए योजनाएं तैयार कर रही है. कुछ ऐसा ही नजारा है फतेहपुर जिले के विकासखंड देवमई में स्थित प्राथमिक विद्यालय पधारा प्रथम का है. यहां बच्चों के भविष्य को उज्जवल बनाने के लिए कान्वेंट की तर्ज पर अंग्रेजी माध्यम की शिक्षा को बढ़ावा दिया जा रहा है.
शैक्षणिक माहौल बनाने में सक्रिय सरकार
प्रदेश की शैक्षणिक स्तर में वृद्धि के लिए सरकार नए-नए उपक्रम लेकर आ रही है, जिससे बच्चों की शिक्षा में इजाफा हो सकें. बच्चों को मानसिक और शारीरिक तौर से मजबूती के लिए सरकार कई प्रतिस्पर्धाओं का आयोजन करती है. सरकार के अथक प्रयास से कहीं ना कहीं शिक्षकों में बच्चों को पढ़ाने की रुचि बढ़ती जा रही है. शिक्षक एक-दूसरे के विद्यालय को देखकर अपने विद्यालय में शैक्षणिक स्तर सुधार कर रहे हैं.
सरकारी योजनाओं से पढ़ाई में बच्चों की बढ़ी रुचि
प्राथमिक विद्यालयों में बच्चों की पढ़ाई में रुचि बढ़ाने के लिए सरकार कई योजनाएं लाई हैं. इन्हीं योजनाओं के तहत बच्चों को म्यूजिक के माध्यम से पाठयक्रम सिखाया जा रहा है. विभिन्न प्रकार के आकर्षणकरी टीएलएम से बच्चों को सरलता से पाठयक्रम सिखाया जा रहा है, जिससे बच्चों में पढ़ाई के प्रति रुचि बढे़ और उनका भविष्य उज्जवल हो. सरकार द्वारा बच्चों को नि:शुल्क ड्रेस, जूते, किताबें और कई भत्ते दिए जा रहे हैं.
सफाई पर विशेष ध्यान
सरकार बच्चों की सेहत को लेकर बड़ी सतर्कता बरत रही हैं. इसके तहत विद्यालय के परिसर को स्वच्छ और सुंदर बनाए रखने के लिए विशेष ध्यान दिया जा रहा है. परिसर की दीवारों को रंगबिरंगे पेटिंग्स से सजाया गया है. इससे बच्चों को पेटिंग सीखने में मदद मिल सके. छात्रों द्वारा बनाई गए कलाकृतियों को सजाया गया है. इससे कि दूसरे बच्चे भी प्रेरित हो.
शिक्षकों के अनुभव
प्रधानाचार्या कंचन वर्मा ने अपने अनुभव को शेयर करते बताया कि बच्चों के भविष्य को लेकर हमारी तरफ से सकरात्मक कदम उठाए जा रहे हैं. गरीब बच्चों को कान्वेंट के स्तर की शिक्षा मिले. यही सोचकर पूरा विद्यालय परिवार काम कर रहा है. सरकार द्वारा संचालित कार्यक्रम के साथ हम खुद भी बच्चों के भविष्य को लेकर काम कर रहे हैं, जिससे कि बच्चे समाज में बदलाव लाने के लिए अहम भूमिका निभाएं.
शिक्षिका अर्पिता शुक्ला ने बताया कि बच्चों को खेल-खेल में पढ़ाया जाता है, जिससे बच्चे सरलता से सीख ले. हम बच्चों को कविता और टीएलएम के माध्यम से पाठयक्रम सिखाते हैं. वहीं बच्चों के रहन-सहन और स्वच्छता पर विशेष ध्यान दिया जाता है. अभिभावकों के साथ मीटिंग करके बच्चों की परेशानियों को समझा जाता है.
अधिकारियों की तल्लीनता
बेसिक शिक्षा अधिकारी शिवेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि सरकार के कई उपक्रम के चलते शिक्षकों के अंदर सकारात्मक प्रतिस्पर्धा की भावना उतपन्न हुई है. इससे शैक्षणिक माहौल बदल रहा है. परिषदीय विद्यालय के बच्चे नवोदय और विद्या भारती जैसे आवासीय विद्यालयों में चयनित हो रहें हैं, जो कि शिक्षा स्तर में वृद्धि के लिए एक सकरात्मक पहल है.