फ़तेहपुर: 25 जनवरी 2005 को हुए प्रयागराज के बहुचर्चित राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल की हत्या के बाद से मानों प्रदेश में अपराधियों की शामत आ गई हो. योगी आदित्यनाथ की सख्ती के बाद से पुलिस ने उमेश हत्याकांड के आरोपियों की कुंडली खंगालना शुरू कर दी.इस दौरान माफिया अतीक अहमद के करीबी रहे जिले के खखरेरू थाना के रहमतपुर गांव निवासी स्व. मोहम्मद अतहर खान के बेटों के सुराग मिले थे. इनमें एक बेटे जर्रार अहमद को पुलिस ने मुठभेड़ में गिरफ्तार कर लिया.
अतीक के करीबी 25 हज़ार के इनामी वांछित हिस्ट्रीशीटर जर्रार अहमद को थाना पुलिस व एसओजी प्रथम की टीम ने रविवार तड़के मुड़भेड़ के दौरान गिरफ्तार कर लिया. उसके पैर में गोली लगी है. पुलिस ने उसे अस्पताल में भर्ती कराया है.
एसपी राजेश कुमार सिंह ने बताया कि पुलिस टीम ने अतीक के करीबी फरार हिस्ट्रीशीटर शातिर बदमाश जर्रार अहमद को मुड़भेड़ के दौरान गिरफ्तार किया है. उन्होंने बताया कि इससे पहले उसके हिस्ट्रीशीटर भाई मोहम्मद अहमद पर पुलिस और प्रशासन ने शिकंजा कसते हुए गांव में तलाबी नंबर की सुरक्षित भूमि पर कब्जा कर बनाई गई आलीशान इमारत को ढहा दिया था. इसके बाद मोहम्मद अहमद ने कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया था. पुलिस ने उसे रिमांड में लेकर पूछताछ की थी. उसकी निशानदेही पर एक ईंट भट्ठे से उसके वांछित भाई जर्रार की लाइसेंसी राइफल और 38 बोर का प्रतिबंधित रिवाल्वर के साथ गिरफ्तार किया गया.
एसपी ने बताया कि पुलिस मुड़भेड़ के दौरान पुलिस की जवाबी कार्रवाई में जर्रार अहमद को गिरफ्तार किया गया है. उसके कब्जे से पुलिस को एक राइफल और कारतूस मिले हैं. उन्होंने बताया जर्रार के खिलाफ जिले के खखरेरू थाना के अलावा प्रतापगढ़ जनपद के मानिकपुर थाने में विभिन्न संगीन धाराओं में आठ मुकदमे दर्ज हैं.
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