फतेहपुर: कोविड-19 के बढ़ते मामलों के मद्देनजर पूरे देश में 21 दिवसीय लॉक डाउन घोषित कर दिया गया. इसके अनुपालन हेतु जिला प्रशासन बेहद सतर्क है, ताकि लोग घरों पर रहें और सुरक्षित रहें. इस खतरनाक संक्रमण के श्रृंखला को आगे बढ़ने से रोका जा सके.
जिला जेल में सजा काट रहे करीब 1350 कैदियों में से 60 को 8 हफ्तों के लिए अंतरिम जमानत पर रिहा कर दिया गया, जबकि अन्य को एहतियात के साथ रखा जा रहा है. उन्हें मास्क दिए गए हैं और हाथ धुलने के लिए साबुन की पर्याप्त व्यवस्था की गई है. साथ ही उनको पर्याप्त दूरी बनाए रखने का भी निर्देश दिया गया है.
सजा के आधार पर किया गया रिहा
छोड़े गए बंदी 7 वर्ष अथवा उससे कम की सजा काट रहे थे. इनका चयन सजा के आधार पर किया गया है. रिहा किए गए बंदियों में फतेहपुर, आगरा, लखनऊ, उन्नाव, कानपुर समेत बिहार प्रदेश के भी कैदी शामिल हैं. संक्रमण का खतरा समाप्त होने के पश्चात इन्हें वापस कोर्ट के माध्यम से अपनी पेशी देनी है.
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सरकार ने बंदियों को अंतरिम जमानत अथवा पैरोल पर रिहा करने का निर्णय लिया था. फतेहपुर जिला जेल में क्षमता से अधिक सजा काट रहे कैदियों के मद्देनजर कुछ कैदियों को अंतरिम जमानत पर रिहा करने की योजना बनाई गई ताकि वह स्वस्थ रहें.
फतेहपुर: आठ हफ्ते परिवार संग रहेंगे जेल से रिहा 60 कैदी, घर तक छोड़ेगा जिला प्रशासन
कोविड-19 के बढ़ते मामलों के मद्देनजर फतेहपुर जिला जेल के 1350 कैदियों में से 60 को 8 हफ्तों के लिए अंतरिम जमानत पर रिहा कर दिया गया है.
फतेहपुर: कोविड-19 के बढ़ते मामलों के मद्देनजर पूरे देश में 21 दिवसीय लॉक डाउन घोषित कर दिया गया. इसके अनुपालन हेतु जिला प्रशासन बेहद सतर्क है, ताकि लोग घरों पर रहें और सुरक्षित रहें. इस खतरनाक संक्रमण के श्रृंखला को आगे बढ़ने से रोका जा सके.
जिला जेल में सजा काट रहे करीब 1350 कैदियों में से 60 को 8 हफ्तों के लिए अंतरिम जमानत पर रिहा कर दिया गया, जबकि अन्य को एहतियात के साथ रखा जा रहा है. उन्हें मास्क दिए गए हैं और हाथ धुलने के लिए साबुन की पर्याप्त व्यवस्था की गई है. साथ ही उनको पर्याप्त दूरी बनाए रखने का भी निर्देश दिया गया है.
सजा के आधार पर किया गया रिहा
छोड़े गए बंदी 7 वर्ष अथवा उससे कम की सजा काट रहे थे. इनका चयन सजा के आधार पर किया गया है. रिहा किए गए बंदियों में फतेहपुर, आगरा, लखनऊ, उन्नाव, कानपुर समेत बिहार प्रदेश के भी कैदी शामिल हैं. संक्रमण का खतरा समाप्त होने के पश्चात इन्हें वापस कोर्ट के माध्यम से अपनी पेशी देनी है.
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सरकार ने बंदियों को अंतरिम जमानत अथवा पैरोल पर रिहा करने का निर्णय लिया था. फतेहपुर जिला जेल में क्षमता से अधिक सजा काट रहे कैदियों के मद्देनजर कुछ कैदियों को अंतरिम जमानत पर रिहा करने की योजना बनाई गई ताकि वह स्वस्थ रहें.