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सूरत से फतेहपुर पहुंचे 1215 प्रवासी मजदूर, सभी का हुआ स्वास्थ्य परीक्षण

लॉकडाउन के दौरान गुजरात में फंसे 1215 मजदूर शुक्रवार को श्रमिक स्पेशल ट्रेन से यूपी के फतेहपुर पहुंचे. इनमें से 1068 मजदूर अन्य जिलों के रहने वाले थे. फतेहपुर पहुंचने के बाद मजदूरों ने बताया कि उनसे किराए के नाम पर 800 रुपये वसूले गये. जबकि, टिकट पर 670 रुपये प्रिंट है.

फतेहपुर समाचार.
1215 मजदूर पहुंचे फतेहपुर.
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Published : May 9, 2020, 5:11 AM IST

फतेहपुर: लॉकडाउन के दौरान गुजरात में फंसे 1215 मजदूर शुक्रवार को फतेहपुर पहुंचे. सूरत से श्रमिक स्पेशल ट्रेन के माध्यम से आये इन मजदूरों में 1068 मजदूर आस-पास के दूसरे जिले के रहने वाले थे. फतेहपुर पहुंचने के बाद मजदूरों को रोडवेज बसों के द्वारा श्रमिकों को उनके जनपद भेजा गया. वहीं जिले के रहने वाले मजदूरों को पहले से तय उनके क्षेत्र अनुसार क्वारंटाइन सेंटर भेज दिया गया है. इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा पालन किया गया.

मजदूरों के स्टेशन पर आने के बाद उन्हें घर भेजने तक का सारा काम जिलाधिकारी संजीव सिंह और पुलिस अधीक्षक प्रशांत वर्मा समेत जिले के अन्य अधिकारियों की निगरानी में हुआ.

ट्रेन पहुंचने से पहले पूरे स्टेशन परिसर को सैनिटाइज किया गया. बसों और अन्य गाड़ियों को पूरी तरह से सैनिटाइज किया गया. फिजिकल दूरी के लिए प्लेटफार्म पर गोले बनाए गए, ताकि दो लोगों के बीच दूरी बनी रहे. इसके साथ ही डाक्टरों की टीम मौजूद रही. डॉक्टरों ने सभी प्रवासी मजदूरों की मेडिकल जांच की. इसके बाद सभी को बसों में बैठा कर पहले से तय क्वारंटाइन सेंटर में भेज दिया गया.

मजदूरों ने बताया कि वे सूरत से आए हुए हैं. इसके साथ ही उन्होंने अपने गंतव्य स्थल के बारे में भी बताया. मजदूरों ने बताया कि उनसे 800 रुपये किराया लिया गया है, जबकि टिकट में 670 रुपये प्रिंट थे.

फतेहपुर: लॉकडाउन के दौरान गुजरात में फंसे 1215 मजदूर शुक्रवार को फतेहपुर पहुंचे. सूरत से श्रमिक स्पेशल ट्रेन के माध्यम से आये इन मजदूरों में 1068 मजदूर आस-पास के दूसरे जिले के रहने वाले थे. फतेहपुर पहुंचने के बाद मजदूरों को रोडवेज बसों के द्वारा श्रमिकों को उनके जनपद भेजा गया. वहीं जिले के रहने वाले मजदूरों को पहले से तय उनके क्षेत्र अनुसार क्वारंटाइन सेंटर भेज दिया गया है. इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा पालन किया गया.

मजदूरों के स्टेशन पर आने के बाद उन्हें घर भेजने तक का सारा काम जिलाधिकारी संजीव सिंह और पुलिस अधीक्षक प्रशांत वर्मा समेत जिले के अन्य अधिकारियों की निगरानी में हुआ.

ट्रेन पहुंचने से पहले पूरे स्टेशन परिसर को सैनिटाइज किया गया. बसों और अन्य गाड़ियों को पूरी तरह से सैनिटाइज किया गया. फिजिकल दूरी के लिए प्लेटफार्म पर गोले बनाए गए, ताकि दो लोगों के बीच दूरी बनी रहे. इसके साथ ही डाक्टरों की टीम मौजूद रही. डॉक्टरों ने सभी प्रवासी मजदूरों की मेडिकल जांच की. इसके बाद सभी को बसों में बैठा कर पहले से तय क्वारंटाइन सेंटर में भेज दिया गया.

मजदूरों ने बताया कि वे सूरत से आए हुए हैं. इसके साथ ही उन्होंने अपने गंतव्य स्थल के बारे में भी बताया. मजदूरों ने बताया कि उनसे 800 रुपये किराया लिया गया है, जबकि टिकट में 670 रुपये प्रिंट थे.

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