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फर्रुखाबाद पहुंचे 'खली', कहा- खेल में राजनीति के चलते दम तोड़ रहीं खिलाड़ियों की प्रतिभा

डब्ल्यूडब्ल्यूई चैंपियन दिलीप सिंह राणा उर्फ द ग्रेट खली एक कार्यक्रम में शामिल होने उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद पहुंचे. द ग्रेट खली ने कहा कि आज खेल में राजनीति के चलते खिलाड़ियों की प्रतिभा दम तोड़ रही है.

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स्कूल के कार्यक्रम में शामिल होने फर्रुखाबाद पहुंचे द ग्रेट खली.
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Published : Dec 13, 2019, 3:31 AM IST

फर्रुखाबाद: जनपद में एक निजी स्कूल के वार्षिकोत्सव कार्यक्रम में डब्ल्यूडब्ल्यूई चैंपियन दिलीप सिंह राणा उर्फ द ग्रेट खली पहुंचे. इस दौरान उनके साथ सेल्फी लेने वालों की होड़ सी मच गई. विद्यार्थियों के साथ अभिभावक भी खली के साथ सेल्फी लेने के लिए लालायित दिखे. उन्होंने खिलाड़ियों की दम तोड़ती प्रतिभा की वजह खेल में राजनीति का बढ़ता दबदबा बताया.

स्कूल के कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे द ग्रेट खली.
शहर के राजपूताना पब्लिक स्कूल के वार्षिकोत्सव कार्यक्रम में भाग लेने आए खली ने कहा कि फिल्में नहीं, रेसलिंग ही उनकी जिंदगी का जुनून है. इसीलिए अमेरिका में 13 साल रहने के बाद वहां के फिल्मी करियर और कारोबार को बंद करके देश लौटे हैं.

डब्ल्यूडब्ल्यूई से संन्यास के बाद जालंधर में सीडब्ल्यूई रिंग की खली ने स्थापना की है. वहीं युवाओं को रेसलिंग के लिए तैयार कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि यहां पंजाब के साथ यूपी, एमपी, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ आदि राज्यों के युवा कुश्ती के गुर सीख रहे है.

ये भी पढ़ें: रश्मि जायसवाल के बेतुके बोलः परिवार संभल नहीं पाता, यूपी तो बहुत बड़ा है

खली ने कहा कि जल्द ही वह यूपी में भी अकादमी खोलने की तैयारी में हैं. अब तक 6 युवा डब्ल्यूडब्ल्यूई में शामिल भी हो चुके हैं. उन्होंने खिलाड़ियों की चयन प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए कहा कि देश में अच्छे खिलाड़ियों को प्रतिभा दिखाने के लिए मंच ही नहीं मिल पाता है.

फर्रुखाबाद: जनपद में एक निजी स्कूल के वार्षिकोत्सव कार्यक्रम में डब्ल्यूडब्ल्यूई चैंपियन दिलीप सिंह राणा उर्फ द ग्रेट खली पहुंचे. इस दौरान उनके साथ सेल्फी लेने वालों की होड़ सी मच गई. विद्यार्थियों के साथ अभिभावक भी खली के साथ सेल्फी लेने के लिए लालायित दिखे. उन्होंने खिलाड़ियों की दम तोड़ती प्रतिभा की वजह खेल में राजनीति का बढ़ता दबदबा बताया.

स्कूल के कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे द ग्रेट खली.
शहर के राजपूताना पब्लिक स्कूल के वार्षिकोत्सव कार्यक्रम में भाग लेने आए खली ने कहा कि फिल्में नहीं, रेसलिंग ही उनकी जिंदगी का जुनून है. इसीलिए अमेरिका में 13 साल रहने के बाद वहां के फिल्मी करियर और कारोबार को बंद करके देश लौटे हैं.

डब्ल्यूडब्ल्यूई से संन्यास के बाद जालंधर में सीडब्ल्यूई रिंग की खली ने स्थापना की है. वहीं युवाओं को रेसलिंग के लिए तैयार कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि यहां पंजाब के साथ यूपी, एमपी, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ आदि राज्यों के युवा कुश्ती के गुर सीख रहे है.

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खली ने कहा कि जल्द ही वह यूपी में भी अकादमी खोलने की तैयारी में हैं. अब तक 6 युवा डब्ल्यूडब्ल्यूई में शामिल भी हो चुके हैं. उन्होंने खिलाड़ियों की चयन प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए कहा कि देश में अच्छे खिलाड़ियों को प्रतिभा दिखाने के लिए मंच ही नहीं मिल पाता है.

Intro:नोट- यह खबर रैप के माध्यम से भेजी जा रही है।।।

एंकर- फर्रुखाबाद जनपद में एक निजी स्कूल के वार्षिकोत्सव कार्यक्रम में डब्ल्यूडब्ल्यूई चैंपियन दिलीप सिंह राणा उर्फ ग्रेट खली पहुंचे. इस दौरान उनके साथ सेल्फी लेने वालों की होड़ सी मच गई. विद्यार्थियों के साथ अभिभावक भी खली के साथ सेल्फी लेने के लिए लालायित दिखे.उन्होंने खिलाड़ियों की दम तोड़ती प्रतिभा की वजह खेल में राजनीति का बढ़ता दबदबा बताया.

Body:वीओ-शहर के राजपूताना पब्लिक स्कूल के वार्षिकोत्सव में भाग लेने आए खली ने कहा कि फिल्में नहीं रेसलिंग ही जिंदगी का जुनून है. इसीलिए अमेरिका में 13 साल रहने के बाद वहां के फिल्मी करियर और कारोबार को बंद करके देश लौटा हूं. डब्ल्यूडब्ल्यूई से संन्यास के बाद जालंधर में सीडब्ल्यूई रिंग की स्थापना की है. वहीं युवाओं को रेसलिंग के लिए तैयार कर रहा हूं. यहां पंजाब के साथ यूपी, एमपी, महाराष्ट्र, छतीसगढ़, आदि राज्यों के युवा कुश्ती के गुर सीख रहे है.खली ने कहा कि जल्द ही वह यूपी में भी अकादमी खोलने की तैयारी में है. अब तक आधा दर्जन युवा डब्ल्यूडब्ल्यूई में शामिल भी हो चुके हैं.उन्होंने खिलाड़ियों की चयन प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए कहा कि देश में अच्छे खिलाड़ियों को प्रतिभा दिखाने के लिए मंच ही नहीं मिल पाता है. क्योंकि न तो स्पोर्ट्स हॉस्टलों में अच्छे प्रशिक्षक हैं और न ही खिलाड़ियों को सुविधाएं मिल रही हैं. बताया कि रेसलिंग में विशेष रूप से शारीरिक बनावट की दृष्टि से भारतीयों की अपेक्षा पश्चिमी देशों के नागरिक प्राकृतिक रूप से ज्यादा मजबूत हैं.

Conclusion:बाइट- दिलीप सिंह राणा,डब्ल्यूडब्ल्यूई चैंपियन
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