फर्रुखाबाद: जिले के राजेपुर थाना क्षेत्र में बाघ होने की सूचना से ग्रामीण दहशत में थे. लेकिन अब बाघ के वापस जंगल में चले जाने से ग्रामीणों ने राहत की सांस ली है. किसानों ने खेतों में काम शुरू कर दिया है. हालांकि वन विभाग के अधिकारी अभी बाघ के क्षेत्र में वापस लौटने की आशंका से इनकार नहीं कर रहे हैं. उन्होंने ग्रामीणों को दिन में ही खेतों में जाने की हिदायत दी है.
राजेपुर थाना क्षेत्र के गांव उदयपुर कंचनपुर में एक बाघ कई दिनों तक डेरा डाले रहा. बाघ से भयभीत ग्रामीणों ने खेतों पर जाना बंद कर दिया. इससे गन्ना की कटाई, गेहूं की फसल की सिंचाई प्रभावित हो गई. गांव में घुसकर बाघ के दहाड़ने पर ग्रामीण और भयभीत हो गए.
वन विभाग की टीम ने बाघ को पकड़ने के लिए पिंजरे लगाए. ड्रोन व नाइट विजन कैमरा से निगरानी की. नाइट विजन कैमरे में बाघ के कई फुटेज भी मिले. लेकिन बाघ के पंजों के निशान राम गंगा के किनारे हरदोई क्षेत्र में मिले. क्षेत्र से बाघ के चले जाने से वन विभाग की टीम भी हरदोई में डेरा डाल लिया है. क्षेत्र से बाघ के वापस जाने चले जाने से ग्रामीणों ने खेतों में काम करना शुरू कर दिया है.
उदयपुर के ग्रामीण बताते हैं कि बाघ से भयभीत खेतों में नहीं जा रहे थे. इससे फसलें खराब हो रही थी. बाघ के वापस जाने से ग्रामीण अपने खेतों में काम करने लगे हैं.वन रेंजर बताते हैं कि बाग हरदोई क्षेत्र में पहुंच गया है. लेकिन अभी ग्रामीणों को खेतों में दिन में ही काम करना चाहिए.