ETV Bharat / state

यूपी की एक ऐसी जेल, जहां होटलों जैसे पकता है भोजन

फर्रुखाबाद में पिछले दो सालों से कोरोना महामारी को देखते हुए जिला जेल में नई पाकशाला का निर्माण करवाया गया है. जिला कारागार की रसोई को आधुनिक कर दिया गया है.

etv bharat
यूपी की पहली प्रमाणित जेल
author img

By

Published : May 1, 2022, 10:44 PM IST

Updated : May 1, 2022, 10:53 PM IST

फर्रुखाबादः कोरोना महामारी को देखते हुए जिला जेल में नई पाकशाला का निर्माण करवाया गया है. जिला कारागार की रसोई को आधुनिक कर दिया गया है. जेल के भीतर नई पाकशाला में खाना बनाने के लिए आधुनिक मशीने लग गई हैं. इनमें हाथ के बजाय अब मशीनों से खाना तैयार हो रहा है. जिससे बंदियों को गुणवत्तापूर्ण भोजन देने और खाद्य सामग्रियों के बेहतर रखरखाव के लिए भारतीय खाद्य सुरक्षा मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने प्रमाण पत्र प्रदान किया है.

दरअसल, जिला कारागार में रोजाना करीब 11 सौ लोगों के लिए दोनों पालियों की रसोई तैयार होती है. अभी रोटी, सब्जी, दाल बनाने में कैदियों की मदद ली जाती थी. लेकिन मैनुअल होने की वजह से इसमें काफी समय लगता है. प्रत्येक पाली का भोजन तैयार करने में करीब पचास कैदियों को जुटाना पड़ता है. अब जेल प्रशासन इसमें सुधार कर इसे आधुनिक कर दिया है. यहां रोटी बनाने के लिए बड़ी रोटी मेकर मशीने लगी हैं. आटा गूथने की मशीन अलग लगाई गयी है. सब्जी कटर से काटी जाती है.

यूपी की पहली प्रमाणित जेल

जेल अफसरों का कहना है इतने लोगों की रसोई तैयार करने में करीब छह घंटे लगता है. समय पर खाना तैयार करने के लिए सुबह चार बजे से इसका काम शुरू करा दिया जाता है. 11 बजे तक खाना बनता है. शाम की पाली का खाना दोपहर तीन बजे से बनना आरंभ हो जाता है. मशीनों के इस्तेमाल से करीब 50 प्रतिशत समय कम हो गया है. मशीनों के इस्तेमाल से साफ-सुथरा खाना कैदियों को मुहैया हो रहा है. पहले जेल में रोटी फुलाने के लिए नारियल की झाड का इस्तेमाल होता था. अब रोटियां सिर्फ मशीनों से ही बनाई जाएंगी.

etv bharat
भारतीय खाद्य सुरक्षा मानक प्राधिकरण

इसे भी पढ़ें- योगी सरकार ने किए 16 सीनियर आईएएस अफसरों के तबादले, इनका कद बढ़ा

जिला जेल अधीक्षक भीम सेन मुकुंद ने बताया कि बंदियों को सुबह नाश्ता 9 बजे तक दोपहर का खाना 12 तक दिया जाता है. फिर शाम का खाना 6 बजे तक दिया है. नई पाकशाला भारतीय खाद्य सुरक्षा मानक प्राधिकरण (FSSAI)द्वारा चयनित है. इस पाकशाला में बंदियों को दिए जाने वाले भोजन, रखरखाव, किचन, फूड स्टोरेज, पेयजल संसाधन, की जाँच की जाती है. यह जेल उत्तर प्रदेश की पहली भारतीय खाद्य सुरक्षा मानक प्राधिकरण द्वारा प्रमाणित है.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

फर्रुखाबादः कोरोना महामारी को देखते हुए जिला जेल में नई पाकशाला का निर्माण करवाया गया है. जिला कारागार की रसोई को आधुनिक कर दिया गया है. जेल के भीतर नई पाकशाला में खाना बनाने के लिए आधुनिक मशीने लग गई हैं. इनमें हाथ के बजाय अब मशीनों से खाना तैयार हो रहा है. जिससे बंदियों को गुणवत्तापूर्ण भोजन देने और खाद्य सामग्रियों के बेहतर रखरखाव के लिए भारतीय खाद्य सुरक्षा मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने प्रमाण पत्र प्रदान किया है.

दरअसल, जिला कारागार में रोजाना करीब 11 सौ लोगों के लिए दोनों पालियों की रसोई तैयार होती है. अभी रोटी, सब्जी, दाल बनाने में कैदियों की मदद ली जाती थी. लेकिन मैनुअल होने की वजह से इसमें काफी समय लगता है. प्रत्येक पाली का भोजन तैयार करने में करीब पचास कैदियों को जुटाना पड़ता है. अब जेल प्रशासन इसमें सुधार कर इसे आधुनिक कर दिया है. यहां रोटी बनाने के लिए बड़ी रोटी मेकर मशीने लगी हैं. आटा गूथने की मशीन अलग लगाई गयी है. सब्जी कटर से काटी जाती है.

यूपी की पहली प्रमाणित जेल

जेल अफसरों का कहना है इतने लोगों की रसोई तैयार करने में करीब छह घंटे लगता है. समय पर खाना तैयार करने के लिए सुबह चार बजे से इसका काम शुरू करा दिया जाता है. 11 बजे तक खाना बनता है. शाम की पाली का खाना दोपहर तीन बजे से बनना आरंभ हो जाता है. मशीनों के इस्तेमाल से करीब 50 प्रतिशत समय कम हो गया है. मशीनों के इस्तेमाल से साफ-सुथरा खाना कैदियों को मुहैया हो रहा है. पहले जेल में रोटी फुलाने के लिए नारियल की झाड का इस्तेमाल होता था. अब रोटियां सिर्फ मशीनों से ही बनाई जाएंगी.

etv bharat
भारतीय खाद्य सुरक्षा मानक प्राधिकरण

इसे भी पढ़ें- योगी सरकार ने किए 16 सीनियर आईएएस अफसरों के तबादले, इनका कद बढ़ा

जिला जेल अधीक्षक भीम सेन मुकुंद ने बताया कि बंदियों को सुबह नाश्ता 9 बजे तक दोपहर का खाना 12 तक दिया जाता है. फिर शाम का खाना 6 बजे तक दिया है. नई पाकशाला भारतीय खाद्य सुरक्षा मानक प्राधिकरण (FSSAI)द्वारा चयनित है. इस पाकशाला में बंदियों को दिए जाने वाले भोजन, रखरखाव, किचन, फूड स्टोरेज, पेयजल संसाधन, की जाँच की जाती है. यह जेल उत्तर प्रदेश की पहली भारतीय खाद्य सुरक्षा मानक प्राधिकरण द्वारा प्रमाणित है.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

Last Updated : May 1, 2022, 10:53 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.