ETV Bharat / state

पैंट हाथ में पकड़ कर दुल्हन को लेने पहुंचा दूल्हा, दो-दो फीट पानी में चले बराती - बाढ़ के पानी से गुजरा दूल्हा

फर्रुखाबाद में दूल्हे को दुल्हनिया लाने के लिए कई परेशानियों का सामना करना पड़ा. दूल्हे को जितनी जल्दी दुल्हन को लाने की थी उतनी ही उसकी कठिनाइयां बढ़ती गईं. जी हां... दूल्हे को दुल्हन के द्वार तक पहुंचे के लिए पहले नाव की सवारी करनी पड़ीं और फिर बाढ़ के पानी से गुजरना पड़ा.

पानी में चले बराती.
पानी में चले बराती.
author img

By

Published : Aug 4, 2021, 2:07 AM IST

फर्रुखाबाद: आपने 'धड़कन' फिल्म का ये गाना दूल्हे का सेहरा सुहाना लगता है... सुना होगा, लेकिन फर्रुखाबाद में दूल्हे को अपना सेहरा टोकरी में रखकर ले जाना पड़ा. ऐसी इसलिए किया गया कि कहीं सेहरा खराब न हो जाए. यहीं नहीं दूल्हे को पैंट हाथ में पकड़ कर रास्ते को पार करना पड़ा. वहीं, बारातियों को दो-दो फीट भरे पानी से होकर गुजरना पड़ा. इस तरह दूल्हे राजा दुल्हनिया के द्वार तक पहुंचे. यह वाक्या फर्रुखाबाद के गांव पंखिया नगला का है. कुदरत की मार के कारण यहां गांवों में पानी भर गया है. ऐसे में दूल्हे और बारातियों के सारे अरमान पानी में बह गए.

मऊदरवाजा थाने के ग्राम पंचायत कटरी धर्मपुर के मजरा पंखियन की मढ़ैया के यासीन खां ने बेटे मोहसिन का निकाह उन्नाव के शुक्लागंज में तय किया गया. काजी ने निकाह के लिए सोमवार की तारीख तय की. सुबह बारात घर से निकली को तो दूल्हे को सेहरा बांधकर गाड़ी से निकाला गया. बाराती भी उत्साह के साथ घर से निकले. पर दूल्हे को क्या पता था कि आगे चलकर किन परिस्थितियों से गुजरना पड़ेगा.

दूल्हे ने की नाव की सवारी.

पढ़ें: दहेज देना स्वीकार करने के बाद भी पीड़ित के खिलाफ नहीं चलाया जा सकता केस : हाईकोर्ट

मोहसिन की बारात की घर से रवानगी हुई तो बहनोई न तो शेरवानी और न ही सेहरा पहनाने की रश्म अदा कर सका. घर से गाड़ी से निकले दूल्हे को कुछ दूरी पर नाव की सवारी करनी पड़ी. नाव में उसके साथ कुछ बाराती भी बैठे. इसके बाद नाव जैसे ही आगे बढ़ी तो कुछ दूरी पर वह फंस गई. यहां से दूल्हे को अपना पैंट हाथ में लेकर आगे बढ़ना पड़ा. जैसे-तैसे दूल्हा और बाराती मेन रोड तक पहुंचे. इसके बाद दूल्हे को तैयार किया गया और फिर बारात गंतव्य की ओर रवाना हुई. अभी लोगों को कोरोना के कहर से कुछ निजात मिली थी कि अब बाढ़ का कहर लोगों पर टूट पड़ा. जिले में बाढ़ के पानी के कारण लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

फर्रुखाबाद: आपने 'धड़कन' फिल्म का ये गाना दूल्हे का सेहरा सुहाना लगता है... सुना होगा, लेकिन फर्रुखाबाद में दूल्हे को अपना सेहरा टोकरी में रखकर ले जाना पड़ा. ऐसी इसलिए किया गया कि कहीं सेहरा खराब न हो जाए. यहीं नहीं दूल्हे को पैंट हाथ में पकड़ कर रास्ते को पार करना पड़ा. वहीं, बारातियों को दो-दो फीट भरे पानी से होकर गुजरना पड़ा. इस तरह दूल्हे राजा दुल्हनिया के द्वार तक पहुंचे. यह वाक्या फर्रुखाबाद के गांव पंखिया नगला का है. कुदरत की मार के कारण यहां गांवों में पानी भर गया है. ऐसे में दूल्हे और बारातियों के सारे अरमान पानी में बह गए.

मऊदरवाजा थाने के ग्राम पंचायत कटरी धर्मपुर के मजरा पंखियन की मढ़ैया के यासीन खां ने बेटे मोहसिन का निकाह उन्नाव के शुक्लागंज में तय किया गया. काजी ने निकाह के लिए सोमवार की तारीख तय की. सुबह बारात घर से निकली को तो दूल्हे को सेहरा बांधकर गाड़ी से निकाला गया. बाराती भी उत्साह के साथ घर से निकले. पर दूल्हे को क्या पता था कि आगे चलकर किन परिस्थितियों से गुजरना पड़ेगा.

दूल्हे ने की नाव की सवारी.

पढ़ें: दहेज देना स्वीकार करने के बाद भी पीड़ित के खिलाफ नहीं चलाया जा सकता केस : हाईकोर्ट

मोहसिन की बारात की घर से रवानगी हुई तो बहनोई न तो शेरवानी और न ही सेहरा पहनाने की रश्म अदा कर सका. घर से गाड़ी से निकले दूल्हे को कुछ दूरी पर नाव की सवारी करनी पड़ी. नाव में उसके साथ कुछ बाराती भी बैठे. इसके बाद नाव जैसे ही आगे बढ़ी तो कुछ दूरी पर वह फंस गई. यहां से दूल्हे को अपना पैंट हाथ में लेकर आगे बढ़ना पड़ा. जैसे-तैसे दूल्हा और बाराती मेन रोड तक पहुंचे. इसके बाद दूल्हे को तैयार किया गया और फिर बारात गंतव्य की ओर रवाना हुई. अभी लोगों को कोरोना के कहर से कुछ निजात मिली थी कि अब बाढ़ का कहर लोगों पर टूट पड़ा. जिले में बाढ़ के पानी के कारण लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.