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14 साल पहले पिता-पुत्र पर हुए हमले के मामले में दो दोषियों को 10 साल की जेल

फर्रुखाबाद जिले में 14 साल पहले पिता-पुत्र हुए जानलेवा हमले के मामले में जनपद न्यायालय ने दो आरोपियों को 10 साल की सुनाई है. इस मामले में तीसरे आरोपी की सुनवाई के दौरान मौत हो चुकी है.

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Published : Apr 13, 2021, 12:55 PM IST

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फर्रुखाबाद: जिले में 14 साल पहले पिता-पुत्र पर हुए जानलेवा हमले के मामले में तीन अभियुक्तों को 10 वर्ष का कारावास की सजा सुनाई गई है. रंजिश के चलते 14 वर्ष पूर्व पिता-पुत्र को जान से मारने की नियत से गोली मारी गई थी. इस हमले में दोनों गंभीर रूप से घायल हो गए थे. इस मामले में जनपद न्यायाधीश ने दो अभियुक्तों को दोषी करार देते हुए 10 वर्ष कारावास की सजा सुनाई है. इसके अलावा 10-10 हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया गया है. एक आरोपित की मुकदमे की सुनवाई के दौरान मौत हो चुकी है.

दरसल, मोहम्मदाबाद कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला इंदिरा नगर निवासी राजू गुप्ता ने आठ जून 2007 को कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. जिसमें कहा था कि मोहल्ला राजीव नगर निवासी विकास, इंदिरा नगर निवासी पंकज उर्फ बबुआ चौरसिया, अंबरीश चौरसिया व शिवाजी नगर निवासी धीरज नाई से उनकी रंजिश चल रही थी.

इसी के चलते चारों आरोपितों ने हरिश्चंद्र व उनके पुत्र रोहित गुप्ता को घेर लिया. अवैध असलहों से फायरिग की, जिससे दोनों लोग घायल हो गए. मुकदमे के विवेचक तत्कालीन दारोगा मातादीन वर्मा ने न्यायालय में आरोपपत्र दाखिल किया.

मुकदमे की सुनवाई जनपद न्यायाधीश के न्यायालय में हुई. सुनवाई के दौरान जिला शासकीय अधिवक्ता सुदेश प्रताप सिंह व बचाव पक्ष की दलीलें सुनने के बाद जनपद न्यायाधीश ने अभियुक्त विकास, अंबरीश चौरसिया व धीरज नाई को जानलेवा हमले में दोषी करार देते हुए 10 वर्ष की कैद व 10-10 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई. जुर्माना अदा न करने पर एक वर्ष की अतिरिक्त कैद के आदेश दिए हैं. वहीं मुकदमा विचारण के दौरान पंकज उर्फ बबुआ चौरसिया की मौत हो गई.

फर्रुखाबाद: जिले में 14 साल पहले पिता-पुत्र पर हुए जानलेवा हमले के मामले में तीन अभियुक्तों को 10 वर्ष का कारावास की सजा सुनाई गई है. रंजिश के चलते 14 वर्ष पूर्व पिता-पुत्र को जान से मारने की नियत से गोली मारी गई थी. इस हमले में दोनों गंभीर रूप से घायल हो गए थे. इस मामले में जनपद न्यायाधीश ने दो अभियुक्तों को दोषी करार देते हुए 10 वर्ष कारावास की सजा सुनाई है. इसके अलावा 10-10 हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया गया है. एक आरोपित की मुकदमे की सुनवाई के दौरान मौत हो चुकी है.

दरसल, मोहम्मदाबाद कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला इंदिरा नगर निवासी राजू गुप्ता ने आठ जून 2007 को कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. जिसमें कहा था कि मोहल्ला राजीव नगर निवासी विकास, इंदिरा नगर निवासी पंकज उर्फ बबुआ चौरसिया, अंबरीश चौरसिया व शिवाजी नगर निवासी धीरज नाई से उनकी रंजिश चल रही थी.

इसी के चलते चारों आरोपितों ने हरिश्चंद्र व उनके पुत्र रोहित गुप्ता को घेर लिया. अवैध असलहों से फायरिग की, जिससे दोनों लोग घायल हो गए. मुकदमे के विवेचक तत्कालीन दारोगा मातादीन वर्मा ने न्यायालय में आरोपपत्र दाखिल किया.

मुकदमे की सुनवाई जनपद न्यायाधीश के न्यायालय में हुई. सुनवाई के दौरान जिला शासकीय अधिवक्ता सुदेश प्रताप सिंह व बचाव पक्ष की दलीलें सुनने के बाद जनपद न्यायाधीश ने अभियुक्त विकास, अंबरीश चौरसिया व धीरज नाई को जानलेवा हमले में दोषी करार देते हुए 10 वर्ष की कैद व 10-10 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई. जुर्माना अदा न करने पर एक वर्ष की अतिरिक्त कैद के आदेश दिए हैं. वहीं मुकदमा विचारण के दौरान पंकज उर्फ बबुआ चौरसिया की मौत हो गई.

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