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टीबी का इलाज कराने वाले रोगियों की होगी निगरानी - एक्टिव केस फाइटिंग

जिले को टीबी मुक्त करने के लिए क्षय रोग विभाग की टीम 13 जनवरी से सभी नर्सिंग होम में पहुंचेगी और यहां इलाज कराने वाले टीबी रोगियों का डाटा जुटाएगी. इसके साथ ही टीम निजी अस्पतालों में इलाज कराने वाले टीबी रोगियों की निगरानी कर उनसे समय-समय पर फीडबैक भी लेगी.

tuberculosis department farrukhabad
टीबी का इलाज कराने वाले रोगियों की होगी निगरानी.
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Published : Jan 13, 2021, 7:24 PM IST

फर्रुखाबाद : जिले को टीबी मुक्त करने के लिए क्षय रोग विभाग तीन चरणों में अभियान चलाकर टीबी रोगियों की खोज कर रहा है. दूसरा चरण चरण मंगलवार को समाप्त हो गया है. अब तीसरे चरण यानी 13 जनवरी से विभागीय टीम जनपद के सभी नर्सिंग होम में पहुंचेगी. यहां इलाज कराने वाले टीबी रोगियों का डाटा जुटाया जाएगा. निजी अस्पतालों में इलाज कराने वाले टीबी रोगियों की निगरानी कर उनसे समय-समय पर फीडबैक भी लिया जाएगा.

राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के तहत टीबी को हराने के लिए 26 दिसंबर से 25 जनवरी तक 3 चरणों में एक्टिव केस फाइटिंग (एसीएफ) अभियान चलाया जा रहा है. तीसरे चरण में स्वास्थ्य विभाग नर्सिंग होम में जाकर इलाज कराने वाले टीबी मरीजों का डाटा जुटाएगा. ताकि उनकी निगरानी की जा सके. पहले चरण में अनाथालय, वृद्ध आश्रम, जिला कारागार, बाल संरक्षण गृह, नारी निकेतन, शेल्टर होम, मदरसा, नवोदय विद्यालय में क्षय रोगियों की खोज की गई थी. जबकि दूसरे चरण में शहरी और ग्रामीण मालिन बस्तियों में टीमों ने घर-घर जाकर 4 लाख 23 हजार 942 लोगों की टीम स्क्रीनिंग की गई है. इनमें 42 लोग टीबी से ग्रसित मिले.

अब तीसरा चरण 23 जनवरी से शुरू होकर 25 जनवरी तक चलेगा. निजी चिकित्सकों से क्षय रोगियों का डाटा लेकर निक्षय पोर्टल पर अंकित किया जाएगा. जिला क्षय रोग अधिकारी डॉक्टर सुनील मल्होत्रा ने बताया कि नर्सिंग होम से टीबी मरीजों का डाटा जुटाया जाएगा. ताकि मरीजों की निगरानी की जा सके. समन्वयक सौरभ तिवारी ने बताया कि अभियान में 148 टीम लगी है. प्रत्येक टीम में 3 कर्मचारी शामिल हैं.

फर्रुखाबाद : जिले को टीबी मुक्त करने के लिए क्षय रोग विभाग तीन चरणों में अभियान चलाकर टीबी रोगियों की खोज कर रहा है. दूसरा चरण चरण मंगलवार को समाप्त हो गया है. अब तीसरे चरण यानी 13 जनवरी से विभागीय टीम जनपद के सभी नर्सिंग होम में पहुंचेगी. यहां इलाज कराने वाले टीबी रोगियों का डाटा जुटाया जाएगा. निजी अस्पतालों में इलाज कराने वाले टीबी रोगियों की निगरानी कर उनसे समय-समय पर फीडबैक भी लिया जाएगा.

राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के तहत टीबी को हराने के लिए 26 दिसंबर से 25 जनवरी तक 3 चरणों में एक्टिव केस फाइटिंग (एसीएफ) अभियान चलाया जा रहा है. तीसरे चरण में स्वास्थ्य विभाग नर्सिंग होम में जाकर इलाज कराने वाले टीबी मरीजों का डाटा जुटाएगा. ताकि उनकी निगरानी की जा सके. पहले चरण में अनाथालय, वृद्ध आश्रम, जिला कारागार, बाल संरक्षण गृह, नारी निकेतन, शेल्टर होम, मदरसा, नवोदय विद्यालय में क्षय रोगियों की खोज की गई थी. जबकि दूसरे चरण में शहरी और ग्रामीण मालिन बस्तियों में टीमों ने घर-घर जाकर 4 लाख 23 हजार 942 लोगों की टीम स्क्रीनिंग की गई है. इनमें 42 लोग टीबी से ग्रसित मिले.

अब तीसरा चरण 23 जनवरी से शुरू होकर 25 जनवरी तक चलेगा. निजी चिकित्सकों से क्षय रोगियों का डाटा लेकर निक्षय पोर्टल पर अंकित किया जाएगा. जिला क्षय रोग अधिकारी डॉक्टर सुनील मल्होत्रा ने बताया कि नर्सिंग होम से टीबी मरीजों का डाटा जुटाया जाएगा. ताकि मरीजों की निगरानी की जा सके. समन्वयक सौरभ तिवारी ने बताया कि अभियान में 148 टीम लगी है. प्रत्येक टीम में 3 कर्मचारी शामिल हैं.

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