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फर्रुखाबाद: यहां जहरीले धुएं के साए में पढ़ने को मजबूर हैं प्राइमरी स्कूल के बच्चे - farrukhabad today news

वैसे तो प्राथमिक विद्यालयों की हालत किसी से छिपी नहीं है. कहीं बच्चे नहीं तो कहीं शिक्षक नहीं, लेकिन फर्रुखाबाद के लाकूला विद्यालय के बच्चे धुंए के बीच पढ़ने को मजबूर हैं. देखें स्पेशल रिपोर्ट.

लकूला प्राथमिक विद्यालय
लकूला प्राथमिक विद्यालय
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Published : Dec 30, 2019, 9:51 AM IST

फर्रुखाबादः जिले के लाकूला प्राथमिक विद्यालय बच्चे जहरीले धुंए के बीच पढ़ने को मजबूर हैं. दरअसल, स्कूल के पास एक खाली पड़े गड्ढे में नर्सिंग होम से निकलने वाला मेडिकल वेस्ट जलाया जा रहा है. ऐसे में यहां पढ़ने वाले बच्चों को रोजाना इस परेशानी से दो-चार होना पड़ता है. धुंए की वजह से बच्चों में खांसी और आंखों में जलन जैसी बीमारियां हो रही हैं.

लाकूला विद्यालय में जहरीले धुंए के बीच पढ़ने को मजबूर छात्र.

बताया जाता है कि स्कूल के पास नगर पालिका के कर्मचारी अस्पतालों का कूड़ा डालकर आग लगा देते हैं. इससे दिनभर स्कूल के साथ आसपास की बस्ती के लोग धुएं से परेशान रहते हैं.

अधिकारी लगा रहे सर्व शिक्षा अभियान को पलीता
लाकूला बस्ती के लोगों और स्कूल के स्टाफ ने पालिका ईओ और बीएसए से इसकी शिकायत की, लेकिन बीएसए ने इस मामले से अनभिज्ञता जताई. वहीं पालिका ईओ रश्मि भारती ने कहा कि बस्ती वाले जमीन पर कब्जा करने के लिए खुद ही कूड़े में आग लगा देते हैं. सरकारी विद्यालयों में जिस तरह से अव्यवस्था व्याप्त है, उससे तो यही लगता है कि सर्व शिक्षा अभियान को केवल पलीता ही लगाया जा रहा है.

पूरे शहर का कूड़ा डंप करता है नगर पालिका
ग्राम चांदपुर और बाग लाकूला के बीच खाली पड़े गड्ढे में नगर पालिका पूरे शहर का कूड़ा डंप करता है. इसमें लोहिया अस्पताल और आसपास के नर्सिंग होम से निकलने वाला जैविक कचरा भी शामिल होता है. कूड़ा निपटान के लिए पालिकाकर्मी इसमें आग लगा देते हैं. इसके पास ही प्राथमिक विद्यालय और एक पब्लिक स्कूल भी है. विद्यालय में कुल पंजीकृत 109 बच्चों में से आधे भी यहां पढ़ने नहीं आते, जो बच्चे विद्यालय आ भी रहे हैं, उनमें से बहुत से बच्चे बीमार हो गए हैं. इन बच्चों के परिजन गंभीर बीमारियां फैलने के डर से अब उन्हें स्कूल भेजने से परहेज करने लगे हैं.

पढें- फर्रुखाबादः अवैध निजी अस्पतालों और झोलाछाप डॉक्टरों पर कसेगा शिकंजा

फर्रुखाबादः जिले के लाकूला प्राथमिक विद्यालय बच्चे जहरीले धुंए के बीच पढ़ने को मजबूर हैं. दरअसल, स्कूल के पास एक खाली पड़े गड्ढे में नर्सिंग होम से निकलने वाला मेडिकल वेस्ट जलाया जा रहा है. ऐसे में यहां पढ़ने वाले बच्चों को रोजाना इस परेशानी से दो-चार होना पड़ता है. धुंए की वजह से बच्चों में खांसी और आंखों में जलन जैसी बीमारियां हो रही हैं.

लाकूला विद्यालय में जहरीले धुंए के बीच पढ़ने को मजबूर छात्र.

बताया जाता है कि स्कूल के पास नगर पालिका के कर्मचारी अस्पतालों का कूड़ा डालकर आग लगा देते हैं. इससे दिनभर स्कूल के साथ आसपास की बस्ती के लोग धुएं से परेशान रहते हैं.

अधिकारी लगा रहे सर्व शिक्षा अभियान को पलीता
लाकूला बस्ती के लोगों और स्कूल के स्टाफ ने पालिका ईओ और बीएसए से इसकी शिकायत की, लेकिन बीएसए ने इस मामले से अनभिज्ञता जताई. वहीं पालिका ईओ रश्मि भारती ने कहा कि बस्ती वाले जमीन पर कब्जा करने के लिए खुद ही कूड़े में आग लगा देते हैं. सरकारी विद्यालयों में जिस तरह से अव्यवस्था व्याप्त है, उससे तो यही लगता है कि सर्व शिक्षा अभियान को केवल पलीता ही लगाया जा रहा है.

पूरे शहर का कूड़ा डंप करता है नगर पालिका
ग्राम चांदपुर और बाग लाकूला के बीच खाली पड़े गड्ढे में नगर पालिका पूरे शहर का कूड़ा डंप करता है. इसमें लोहिया अस्पताल और आसपास के नर्सिंग होम से निकलने वाला जैविक कचरा भी शामिल होता है. कूड़ा निपटान के लिए पालिकाकर्मी इसमें आग लगा देते हैं. इसके पास ही प्राथमिक विद्यालय और एक पब्लिक स्कूल भी है. विद्यालय में कुल पंजीकृत 109 बच्चों में से आधे भी यहां पढ़ने नहीं आते, जो बच्चे विद्यालय आ भी रहे हैं, उनमें से बहुत से बच्चे बीमार हो गए हैं. इन बच्चों के परिजन गंभीर बीमारियां फैलने के डर से अब उन्हें स्कूल भेजने से परहेज करने लगे हैं.

पढें- फर्रुखाबादः अवैध निजी अस्पतालों और झोलाछाप डॉक्टरों पर कसेगा शिकंजा

Intro:नोट- यह खबर अलका जी के ध्यानार्थ है।।।

एंकर- वैसे तो प्राथमिक विद्यालयों की हालत किसी से छिपी नहीं है.कहीं बच्ची नहीं तो कहीं शिक्षक नहीं, लेकिन फर्रुखाबाद में तो अजब-गजब स्थिति बनी हुई है. यहां लकूला मोहल्ले के एक खाली पड़े गड्ढे में नर्सिंग होम से निकलने वाला जैविक कचरा जलाया जा रहा है, जिससे यहां से कुछ कदमों की दूरी पर स्थित प्राथमिक विद्यालय के बच्चों को इस जहरीले धुंए के बीच अक्षर ज्ञान करने को मजबूर होना पड़ता है.यहां नगर पालिका के कर्मचारी अस्पतालों का कूड़ा डालकर आग लगा देते हैं. इससे दिनभर स्कूल के साथ आसपास की बस्ती के लोग धुएं से परेशान रहते हैं.


Body:विओ- ग्राम चांदपुर व बाग लकूला के बीच खाली पड़े गड्ढे में नगर पालिका द्वारा शहर का कूड़ा डंप किया जाता है. इसमें लोहिया अस्पताल व आसपास के नर्सिंग होम से निकलने वाला जैविक कचरा भी शामिल होता है. कूड़ा निपटाने को पालिका कर्मी इसमें आग लगा देते हैं. इसके पास ही प्राथमिक विद्यालय और एक पब्लिक स्कूल भी है,जहां कूड़ा जलाने के बाद उठने वाले धुएं से दिनभर बच्चे खांसते रहते हैं. इन बच्चों के परिजन गंभीर बीमारियां फैलने के डर से अब उन्हें स्कूल भेजने से परहेज करने लगे हैं.
बाइट-रानी, परिजन
बाइट-अमन,छात्र

विओ- विद्यालय के नजदीक डंप कूड़े में आग से निकलने वाले धुएं,बदबू और गंदगी के साम्राज्य के कारण बच्चों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. विद्यालय के नजदीक कूड़ा जलने से बदबू और गंदगी के बीच बच्चों को मजबूरी में पढ़ने आना पड़ रहा है. विद्यालय में पंजीकृत 109 बच्चों में से आधे भी यहां पर नहीं आते, जो बच्चे विद्यालय आ भी रहे हैं, उनमें से बहुत से बच्चे बीमार हो गए हैं. इसके अलावा लकूलावासी भी इस विषैले धुएं से परेशान है.

बाइट-मीरा, परिजन
बाइट- जानवी, छात्रा


Conclusion:विओ- लकूला बस्ती के लोगों व स्कूल स्टाफ ने पालिका ईओ और बीएसए से इसकी शिकायत की, लेकिन बीएसए ने इस मामले से अनभिज्ञता जता दी और पालिका ईओ ने तो कह दिया कि बस्ती वाले जमीन पर कब्जा करने के लिए खुद ही कूड़े में आग लगा देते हैं. फिलहाल स्थिति जस की तस बनी हुई है.एक तरह से सरकारी विद्यालयों में जिस तरह से व्यवस्था में व्याप्त है, उससे तो यही लगता है कि सर्व शिक्षा अभियान को केवल पलीता ही लगाया जा रहा है.

बाइट- राम सिंह , बीएसए
बाइट-रश्मि भारती,पालिका ईओ
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