फर्रुखाबाद : जिले में सपा के पूर्व मंत्री रहे नरेंद्र सिंह यादव के बेटे को सपा ने पार्टी से बाहर निकाल दिया है. पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह यादव की बेटी मोनिका यादव बीजेपी के समर्थन से जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव लड़ रहीं थीं. इसे लेकर प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम ने सचिन यादव को पार्टी से 6 साल के लिए बाहर निकाला दिया है. साथ ही पार्टी विरोधी कार्यों में लिप्त होने का आरोप भी लगाया गया है.
समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने सपा जिला अध्यक्ष और नेताओं को पत्र भेजकर अवगत कराया है. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के निर्देश पर सचिन यादव को पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने के कारण तत्काल प्रभाव से 6 साल के लिए समाजवादी पार्टी से निष्कासित किया गया है. इस दौरान पटेल ने अन्य नेताओं को भी चेतावनी दी. उन्होंने कहा कि यदि किसी ने भी पार्टी विरोधी कार्य किया तो उसके खिलाफ निष्कासन की कार्रवाई की जाएगी. यह जानकारी मिलते ही सचिन यादव के समर्थकों में मायूसी छा गई है.
जिला पंचायत अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने वाले डॉ. सुबोध यादव के समर्थकों में खुशी की लहर दौड़ गई है. राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने डॉ. सुबोध यादव को जिला पंचायत अध्यक्ष पद का प्रत्याशी घोषित किया है. अखिलेश यादव ने सचिन यादव को अमृतपुर विधानसभा से चुनाव लड़ने का टिकट देने का वायदा कर उन्हें विधानसभा क्षेत्र का प्रभारी भी घोषित कर दिया था. इसके बावजूद भी सचिन यादव ने अपनी बहन मोनिका यादव को जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव में उतार दिया. मोनिका यादव ने बीते दिनों भाजपा नेताओं से भेंट कर निर्दलीय प्रत्याशी की हैसियत से समर्थन मांगा था.
जानिए कौन हैं नरेंद्र सिंह यादव
नरेंद्र सिंह यादव का जन्म 7 जुलाई को 1950 को फर्रुखाबाद में हुआ था. 2012 के विधानसभा चुनाव में नरेंद्र सिंह यादव अमृतपुर से विधायक बने थे. इसके बाद सपा सरकार में होमगार्ड विभाग में मंत्री बनाए गए थे. 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के सुशील कुमार शाक्य ने नरेंद्र सिंह यादव को हराया था. नरेंद्र सिंह यादव पर पार्टी के खिलाफ काम करने का आरोप लगा था. इसके बाद उनको मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया था.
जानिए सचिन यादव के बारे में
सचिन यादव पूर्व मंत्री रहे नरेंद्र सिंह यादव के बेटे हैं. नरेंद्र सिंह यादव ने अमृतपुर सीट से अपने बेटे के लिए टिकट मांगा था. पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सचिन यादव को लखनऊ बुलाया था. लखनऊ बुलाकर उन्होंने सचिन यादव को चुनाव न लड़ने के लिए कहा था, लेकिन उन्होंने अखिलेश की बात नहीं मानी और सपा से बगावत कर दी.
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