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अंजलि की बहादुरी को सलाम, 25 बंधक बच्चों की ऐसे बचाई थी जान

फर्रुखाबाद के करथिया गांव में जनवरी साल 2020 में कुछ ऐसा घटा था, जिसके बारे में सुनकर किसी की भी रूह कांप जाए. यहां पर एक सिरफिरे ने 25 बच्चों को बंधक बनाकर उन्हें 25 किलो बारूद से उड़ाने की कोशिश की थी. लेकिन गांव की ही बच्ची अंजलि ने साहस का परिचय देते हुए न सिर्फ 25 बच्चों की जान बचाई, बल्कि पूरे गांव को मुसीबत से बाहर निकाला था. 25 बच्चों की जान बचाने वाली अंजलि को सलाम,

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अंजलि की बहादुरी को सलाम
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Published : Mar 4, 2021, 10:06 PM IST

फर्रुखाबादः हर साल विश्व भर में 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है. ये दिन महिलाओं के अधिकारों के लिए आंदोलन का प्रतीक है. इस दिन को मनाने का उद्देश्य भी महिलाओं के अधिकारों को बढ़ावा देना है. जिले में ऐसी ही एक बच्ची ने साहस का अभूतपूर्व परिचय देते हुए न सिर्फ 25 बच्चों की जान बचाई, बल्कि गांव को भी एक बड़ी मुसीबत से बाहर निकाला. ईटीवी भारत ने बहादुर बच्ची अंजलि से बातचीत की.

अंजलि के साहस की सराहना

बच्ची ने बचाई 25 बच्चों की जान
बात कर रहे हैं फर्रुखाबाद जिले के करथिया गांव की. जहां जनवरी साल 2020 को गांव के एक सिरफिरे ने 25 बच्चों को बंधक बना लिया था. 29-30 जनवरी की रात सिरफिरे सुभाष को पुलिस ने मार गिराया था. इस खौफनाक रात को आज तक कोई नहीं भूल पाया. उस रात अगर अंजलि ना होती तो बड़ी घटना हो सकती थी. लेकिन अंजलि ने बहादुरी का परिचय दिया और 25 किलो बारूद से जुड़े तार को काटकर उसने न सिर्फ बच्चों की जान बचाई, बल्कि गांव वालों की भी अंजलि बचाया.

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सीएम ने किया था सम्मानित

बच्चों को सिरफिरे ने बनाया था बंधक
फर्रुखाबाद जिला के गांव करथिया के कांड को आज भी लोग नहीं भूल पाए हैं. एक साल पहले सिरफिरे ने 25 बच्चों को बंधक बना लिया था. इतना ही नहीं सिरफिरा युवक छत से फायरिंग भी कर रहा था. इस फायरिंग में कई लोग घायल हो गए थे. यूपी एटीएस और एनएसजी कमांडो को भी घटना के लिए रवाना किया गया था. सीएम योगी भी मामले पर नजर बनाए हुए थे. 29 और 30 जनवरी की रात सिरफिरे सुभाष को पुलिस ने मार गिराया था. इस भयानक रात को आज भी लोग नहीं भुला पाये हैं. 25 बच्चों को बंधक बनाने पर अंजलि ने उन बच्चों को सुरक्षित निकलवाने के लिए अपनी जान को जोखिम में डाल दिया था. अंजलि ने इस दौरान न सिर्फ बच्चों और गांव वाले बल्कि अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ-साथ कई लोगों की जान बचाई थी.

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अंजलि को सम्मान

25 किलो बारूद से जुड़े तार को काटा
अंजलि ने बच्चों की जान बचाने के लिए खुद को मुसीबत में डाल दिया था. उसने साहस का परिचय देते हुए 25 किलो बारूद से जुड़े तार को काट दिया. जिससे बच्चों की जान बच गई थी.

सीएम ने किया था सम्मानित
इस घटना के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अंजलि को पुरस्कृत किया था. उसके बाद जिला स्तर पर भी अंजलि को सम्मानित किया जा चुका है. आज अंजलि के गांव के साथ ही जिला प्रशासन और अन्य लोग भी उसकी प्रशंसा करते नही थकते. प्रदेश के लोग भी उसकी बहादुरी की सराहना करते हैं.

अंजलि के साहस की सराहना
जब ईटीवी भारत की टीम करथिया गांव पहुंची, तो अंजलि के साथ-साथ मां सीमा और अध्यापक चंचल कठेरिया से भी बात की. उन्होंने बताया कि अंजलि की वजह से गांव बच गया और 25 बच्चे भी बच गए. उसकी बहादुरी कि हम लोग सराहना करते हैं और उसको दुआएं देते हैं कि वह आगे बढ़े. वहीं अंजलि ने ईटीवी भारत को बताया कि उस खौफनाक रात को वो आज तक नहीं भूल पाई है. अगर घटना हो जाती, तो सब कुछ खत्म हो जाता. 25 किलो बारूद से जुड़े तार को उसने काट दिया था. अंदर से कुंडी लगा दी थी. अगर ऐसा नहीं करती तो बड़ी घटना हो जाती और सभी लोग मर जाते. अंजलि अभी 9वीं की छात्रा है. उसने बड़ा होकर पुलिस ज्वाइन करने की इच्छा जताई. अंजलि ने कहा कि ईटीवी भारत की पर जब मेरी खबर चली, तो डीएम मानवेंद्र सिंह के द्वारा मुझे 51 हजार का चेक दिया गया था.

अंजलि को मिलना चाहिए बड़ा पुरस्कार
जिलाधिकारी मानवेंद्र सिंह ने बताया कि अंजलि को भी एक बड़ा पुरस्कार मिलना चाहिए. दुर्भाग्यवस कोविड-19 के चलते लपेटे में आ जाने की वजह से उसकी पैरवी नहीं की जा सकी. डीएम ने कहा कि उसने अपने होशियारी और हिम्मत से न सिर्फ 25 बच्चों की जान बचाई है, बल्कि दो तीन सौ से ज्यादा लोगों की जान बचाई है. उसको बड़ा पुरस्कार मिलना चाहिए. वहीं डीएम ने अंजलि को 51 हजार चेक भी से पुरस्कृत भी किया.

फर्रुखाबादः हर साल विश्व भर में 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है. ये दिन महिलाओं के अधिकारों के लिए आंदोलन का प्रतीक है. इस दिन को मनाने का उद्देश्य भी महिलाओं के अधिकारों को बढ़ावा देना है. जिले में ऐसी ही एक बच्ची ने साहस का अभूतपूर्व परिचय देते हुए न सिर्फ 25 बच्चों की जान बचाई, बल्कि गांव को भी एक बड़ी मुसीबत से बाहर निकाला. ईटीवी भारत ने बहादुर बच्ची अंजलि से बातचीत की.

अंजलि के साहस की सराहना

बच्ची ने बचाई 25 बच्चों की जान
बात कर रहे हैं फर्रुखाबाद जिले के करथिया गांव की. जहां जनवरी साल 2020 को गांव के एक सिरफिरे ने 25 बच्चों को बंधक बना लिया था. 29-30 जनवरी की रात सिरफिरे सुभाष को पुलिस ने मार गिराया था. इस खौफनाक रात को आज तक कोई नहीं भूल पाया. उस रात अगर अंजलि ना होती तो बड़ी घटना हो सकती थी. लेकिन अंजलि ने बहादुरी का परिचय दिया और 25 किलो बारूद से जुड़े तार को काटकर उसने न सिर्फ बच्चों की जान बचाई, बल्कि गांव वालों की भी अंजलि बचाया.

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सीएम ने किया था सम्मानित

बच्चों को सिरफिरे ने बनाया था बंधक
फर्रुखाबाद जिला के गांव करथिया के कांड को आज भी लोग नहीं भूल पाए हैं. एक साल पहले सिरफिरे ने 25 बच्चों को बंधक बना लिया था. इतना ही नहीं सिरफिरा युवक छत से फायरिंग भी कर रहा था. इस फायरिंग में कई लोग घायल हो गए थे. यूपी एटीएस और एनएसजी कमांडो को भी घटना के लिए रवाना किया गया था. सीएम योगी भी मामले पर नजर बनाए हुए थे. 29 और 30 जनवरी की रात सिरफिरे सुभाष को पुलिस ने मार गिराया था. इस भयानक रात को आज भी लोग नहीं भुला पाये हैं. 25 बच्चों को बंधक बनाने पर अंजलि ने उन बच्चों को सुरक्षित निकलवाने के लिए अपनी जान को जोखिम में डाल दिया था. अंजलि ने इस दौरान न सिर्फ बच्चों और गांव वाले बल्कि अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ-साथ कई लोगों की जान बचाई थी.

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अंजलि को सम्मान

25 किलो बारूद से जुड़े तार को काटा
अंजलि ने बच्चों की जान बचाने के लिए खुद को मुसीबत में डाल दिया था. उसने साहस का परिचय देते हुए 25 किलो बारूद से जुड़े तार को काट दिया. जिससे बच्चों की जान बच गई थी.

सीएम ने किया था सम्मानित
इस घटना के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अंजलि को पुरस्कृत किया था. उसके बाद जिला स्तर पर भी अंजलि को सम्मानित किया जा चुका है. आज अंजलि के गांव के साथ ही जिला प्रशासन और अन्य लोग भी उसकी प्रशंसा करते नही थकते. प्रदेश के लोग भी उसकी बहादुरी की सराहना करते हैं.

अंजलि के साहस की सराहना
जब ईटीवी भारत की टीम करथिया गांव पहुंची, तो अंजलि के साथ-साथ मां सीमा और अध्यापक चंचल कठेरिया से भी बात की. उन्होंने बताया कि अंजलि की वजह से गांव बच गया और 25 बच्चे भी बच गए. उसकी बहादुरी कि हम लोग सराहना करते हैं और उसको दुआएं देते हैं कि वह आगे बढ़े. वहीं अंजलि ने ईटीवी भारत को बताया कि उस खौफनाक रात को वो आज तक नहीं भूल पाई है. अगर घटना हो जाती, तो सब कुछ खत्म हो जाता. 25 किलो बारूद से जुड़े तार को उसने काट दिया था. अंदर से कुंडी लगा दी थी. अगर ऐसा नहीं करती तो बड़ी घटना हो जाती और सभी लोग मर जाते. अंजलि अभी 9वीं की छात्रा है. उसने बड़ा होकर पुलिस ज्वाइन करने की इच्छा जताई. अंजलि ने कहा कि ईटीवी भारत की पर जब मेरी खबर चली, तो डीएम मानवेंद्र सिंह के द्वारा मुझे 51 हजार का चेक दिया गया था.

अंजलि को मिलना चाहिए बड़ा पुरस्कार
जिलाधिकारी मानवेंद्र सिंह ने बताया कि अंजलि को भी एक बड़ा पुरस्कार मिलना चाहिए. दुर्भाग्यवस कोविड-19 के चलते लपेटे में आ जाने की वजह से उसकी पैरवी नहीं की जा सकी. डीएम ने कहा कि उसने अपने होशियारी और हिम्मत से न सिर्फ 25 बच्चों की जान बचाई है, बल्कि दो तीन सौ से ज्यादा लोगों की जान बचाई है. उसको बड़ा पुरस्कार मिलना चाहिए. वहीं डीएम ने अंजलि को 51 हजार चेक भी से पुरस्कृत भी किया.

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