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साढ़े तीन साल बाद न्यायालय से मिली राहत

फर्रुखाबाद जिले में तत्कालीन जिलाधिकारी रविंद्र कुमार द्वारा अनिवार्य सेवा निवृत्त किए गए कलेक्टर कर्मी को साढ़े तीन साल बाद न्यायालय से राहत मिली है. स्टेट ट्रीब्यूनल ने उन्हें सवेतन बहाल करने के आदेश दिए हैं.

साढ़े तीन साल बाद मिली राहत
साढ़े तीन साल बाद मिली राहत
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Published : Mar 29, 2021, 10:56 AM IST

फर्रुखाबाद: जिले में तत्कालीन जिलाधिकारी रविंद्र कुमार द्वारा अनिवार्य सेवा निवृत्त किए गए कलेक्टर कर्मी को साढ़े तीन साल बाद न्यायालय से राहत मिली. स्टेट ट्रिब्यूनल ने उन्हें सवेतन बहाल करने के आदेश दिए हैं.


यह भी पढ़ें: शासन के आदेश पर अब छात्रों को मिलेगी खाद्यान्न व कन्वर्जन कास्ट

नेताओं से चल रहे थे नाराज

राज्य कर्मचारी को जेल विजिट पर ले जाने के मुद्दे पर विरोध के चलते तत्कालीन जिलाधिकारी कर्मचारी नेताओं से नाराज चल रहे थे. इसी दौरान कर्मचारी नेता रहे कलेक्ट्रेट में दफ्तरी पद पर प्रोन्नत शमशाद हुसैन को उन्होंने नगर मजिस्ट्रेट कार्यालय स्थानांतरित कर दिया था. वहां निर्धारित समय में योगदान ना करने पर डीएम ने उन्हें अनिवार्य सेवा निवृत्त दे दी थी. अपील के बाद स्टेट ट्रिब्यूनल ने कर्मचारी के बेदाग सर्विस रिकॉर्ड को देखते हुए जिलाधिकारी के 30 जुलाई 2017 का आदेश निरस्त कर दिया है.

सेंटर जेल का कराया भ्रमण

इस दौरान 31 जनवरी को वह अपनी 60 वर्ष की आयु पूर्ण कर चुके हैं. शमशाद हुसैन ने शुक्रवार को कलक्ट्रेट पहुंचकर ट्रिब्यूनल के आदेश के अनुसार देय भुगतान कराए जाने का प्रार्थना पत्र दिया है. वर्ष 2017 में यहां तैनात रहे जिलाधिकारी रविंद्र कुमार कार्यशैली में काफी ईमानदार और सत्य माने जाते हैं. जिलाधिकारी रविंद्र कुमार ने कर्मचारी को भ्रष्टाचार के प्रति संवेदनशील बनाने के लिए उन्हें अपने साथ सेंटर जेल का भी भ्रमण कराया था.

फर्रुखाबाद: जिले में तत्कालीन जिलाधिकारी रविंद्र कुमार द्वारा अनिवार्य सेवा निवृत्त किए गए कलेक्टर कर्मी को साढ़े तीन साल बाद न्यायालय से राहत मिली. स्टेट ट्रिब्यूनल ने उन्हें सवेतन बहाल करने के आदेश दिए हैं.


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नेताओं से चल रहे थे नाराज

राज्य कर्मचारी को जेल विजिट पर ले जाने के मुद्दे पर विरोध के चलते तत्कालीन जिलाधिकारी कर्मचारी नेताओं से नाराज चल रहे थे. इसी दौरान कर्मचारी नेता रहे कलेक्ट्रेट में दफ्तरी पद पर प्रोन्नत शमशाद हुसैन को उन्होंने नगर मजिस्ट्रेट कार्यालय स्थानांतरित कर दिया था. वहां निर्धारित समय में योगदान ना करने पर डीएम ने उन्हें अनिवार्य सेवा निवृत्त दे दी थी. अपील के बाद स्टेट ट्रिब्यूनल ने कर्मचारी के बेदाग सर्विस रिकॉर्ड को देखते हुए जिलाधिकारी के 30 जुलाई 2017 का आदेश निरस्त कर दिया है.

सेंटर जेल का कराया भ्रमण

इस दौरान 31 जनवरी को वह अपनी 60 वर्ष की आयु पूर्ण कर चुके हैं. शमशाद हुसैन ने शुक्रवार को कलक्ट्रेट पहुंचकर ट्रिब्यूनल के आदेश के अनुसार देय भुगतान कराए जाने का प्रार्थना पत्र दिया है. वर्ष 2017 में यहां तैनात रहे जिलाधिकारी रविंद्र कुमार कार्यशैली में काफी ईमानदार और सत्य माने जाते हैं. जिलाधिकारी रविंद्र कुमार ने कर्मचारी को भ्रष्टाचार के प्रति संवेदनशील बनाने के लिए उन्हें अपने साथ सेंटर जेल का भी भ्रमण कराया था.

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