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फर्रुखाबाद: आर्थिक तंगी से परेशान बंदी रक्षक ने फांसी लगाकर की आत्महत्या

फर्रुखाबाद की जिला जेल में बंदी रक्षक के पद पर तैनात रीतराम ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. शव के पास से मिले सुसाइड नोट में आर्थिक और मानसिक स्थिति ठीक न होने के कारण खुदकुशी करने की बात सामने आ रही है.

डॉ. अनिल कुमार मिश्र
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Published : Mar 13, 2019, 9:57 PM IST

फर्रुखाबाद : जिला जेल में तैनात बंदी रक्षक के फांसी लगाकर आत्महत्या करने का मामला सामने आया है. मृतक के पास मिले सुसाइड नोट में आर्थिक और मानसिक स्थिति ठीक न होने के कारण खुदकुशी करने की बात सामने आ रही है. सूचना पर पहुंची फॉरेंसिक टीम ने घटनास्थल की जांच की. जिसके बाद पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है.

जानकारी देते एसपी डॉ. अनिल कुमार मिश्र.

दरअसल यूपी के मथुरा जिला निवासी बंदी रक्षक रीतराम पिछले कई वर्षों से जिला जेल में तैनात था. जेल परिसर के बाहर बने सरकारी आवास में वह अकेले ही रहता था, जबकि पूरा परिवार मथुरा में रहता था. सूत्रों के अनुसार, रीतराम शराब का लती था और पिछले कई दिनों से आर्थिक तंगी से जूझ रहा था.

मंगलवार देर रात रीतराम ने सुसाइड नोट लिखने के बाद फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. बुधवार सुबह पड़ोसी ने खिड़की से उसकी लाश फंदे से लटकती देख कर पुलिस को सूचना दी. जानकारी मिलते ही पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया.

आनन-फानन में फॉरेंसिक टीम और पुलिस मौके पर पहुंची. जिसके बाद पुलिस ने रीतराम के परिजनों को घटना के बारे में जानकारी दी और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया.

फर्रुखाबाद : जिला जेल में तैनात बंदी रक्षक के फांसी लगाकर आत्महत्या करने का मामला सामने आया है. मृतक के पास मिले सुसाइड नोट में आर्थिक और मानसिक स्थिति ठीक न होने के कारण खुदकुशी करने की बात सामने आ रही है. सूचना पर पहुंची फॉरेंसिक टीम ने घटनास्थल की जांच की. जिसके बाद पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है.

जानकारी देते एसपी डॉ. अनिल कुमार मिश्र.

दरअसल यूपी के मथुरा जिला निवासी बंदी रक्षक रीतराम पिछले कई वर्षों से जिला जेल में तैनात था. जेल परिसर के बाहर बने सरकारी आवास में वह अकेले ही रहता था, जबकि पूरा परिवार मथुरा में रहता था. सूत्रों के अनुसार, रीतराम शराब का लती था और पिछले कई दिनों से आर्थिक तंगी से जूझ रहा था.

मंगलवार देर रात रीतराम ने सुसाइड नोट लिखने के बाद फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. बुधवार सुबह पड़ोसी ने खिड़की से उसकी लाश फंदे से लटकती देख कर पुलिस को सूचना दी. जानकारी मिलते ही पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया.

आनन-फानन में फॉरेंसिक टीम और पुलिस मौके पर पहुंची. जिसके बाद पुलिस ने रीतराम के परिजनों को घटना के बारे में जानकारी दी और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया.

Intro:एंकर- फर्रुखाबाद जनपद स्थित जिला जेल में तैनात एक बंदी रक्षक ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. उसके पास मिले सुसाइड नोट में आर्थिक व मानसिक स्थिति ठीक न होने के कारण खुदकुशी करने की बात कही गई है. सूचना पर पहुंची फॉरेंसिक टीम ने घटनास्थल की जांच की. इसके बाद पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया.


Body:विओ- मूल रूप से मथुरा जिला निवासी बंदी रक्षक रीतराम कि पिछले कई वर्षों से जिला जेल में पोस्टिंग थी. जेल परिसर के बाहर बने सरकारी आवास में वह अकेले ही रहते थे. उनका परिवार मथुरा में रहता था. सूत्रों के अनुसार, रीतराम शराब का लती था और पिछले कई दिनों से आर्थिक तंगी से जूझ रहा था. जानकारी के अनुसार, मंगलवार देर रात रीतराम ने सुसाइड नोट लिखने के बाद फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. बुधवार सुबह पड़ोसी ने खिड़की से उसकी लाश फंदे से लटकती देख कर पुलिस को सूचना दी. जानकारी मिलते ही पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया. आनन-फानन में फॉरेंसिक टीम व पुलिस मौके पर पहुंची, जहां उसका शव किचन में मफलर के सहारे लटका मिला. इसके बाद रीतराम के परिजनों को घटना से अवगत कराते हुए जांच कर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया.


Conclusion:विओ- टीम को मौके पर सुसाइड नोट मिला है, जिस पर लिखा हुआ है कि मैं बहुत ही आर्थिक व मानसिक स्थिति से परेशान था.हालांकि फतेहगढ़ जेल में अधिकारी व सहकर्मियों का पूरा सहयोग मिलता था. इसके अलावा परिवार का भी पूर्ण सहयोग मिला, लेकिन बच्चों को परेशानी देने के अलावा मैंने कुछ नहीं किया. मेरे शरीर को स्टाफ के सदस्य मथुरा में परिजनों तक पहुंचा दें और इस कृत्य कार्य के लिए मैं खुद जिम्मेदार हूं. मेरे बच्चे बहुत परेशान है. अब सबसे ऊपर मुलाकात होगी.
बाइट- डॉ. अनिल कुमार मिश्र, एसपी
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