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फर्रुखाबाद सेंट्रल जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहा बंदी चकमा देकर फरार

फर्रुखाबाद सेंट्रल जेल (Farrukhabad Central Jail) में आजीवन कारावास की सजा काट रहा बंदी चकमा देकर फरार हो गया. उसे इलाज के लिए कानपुर मेडिकल कॉलेज (Kanpur Medical College) लाया गया था.

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वीरेंद्र लोधी, बंदी
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Published : Apr 5, 2022, 10:57 PM IST

फर्रुखाबाद: सेंट्रल जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे बंदी का स्वास्थ्य खराब होने के चलते उपचार के लिए उसे कानपुर मेडिकल कॉलेज (Kanpur Medical College) भेजा गया था. बीती रात बंदी रक्षकों को चकमा देकर बंदी फरार हो गया. फरारी की सूचना इटावा के थाना इकदिल एवं कानपुर नगर के थाना स्वरूप नगर को दे दी गयी है.

दरअसल, जनपद इटावा के जगन्नाथपुरा इकदिल निवासी वीरेंद्र लोधी (59) पुत्र छोटे लाल लोधी को डकैती के दौरान हत्या करने के मामले में आरोप सिद्ध होने पर इटावा के न्यायालय से 23 सितंबर 2016 को आजीवन कारावास की सजा हुई थी. उसे 3 नवंबर 2019 को इटावा जिला कारागार से तबादला करके सेंट्रल जेल में दाखिल किया गया था.

इसे भी पढ़ेंः दुष्कर्म और पाक्सो एक्ट के आरोपी को सुनाई आजीवन कारावास की सजा, जानें क्या है मामला

उसकी 27 मार्च 2022 को हालत खराब होने पर जेल की एम्बुलेंस से लोहिया अस्पताल भेजा गया लेकिन हालत खराब होने पर उसे 31 मार्च को बंदी रक्षकों की सुरक्षा में मेडिकल कॉलेज कानपुर नगर भेजा गया. बंदी को खून की कमी की शिकायत थी. 5 अप्रैल की रात करीब 1 से 2 बजे के बीच बंदी वीरेंद्र लोधी रक्षकों को चकमा देकर फरार हो गया.

तकरीबन 5 घंटे उसकी तलाश करने के बाद बंदी रक्षक विजय प्रकाश तिवारी ने कारागार को सूचना दी. वरिष्ठ जेल अधीक्षक प्रमोद कुमार शुक्ला ने बताया की बंदी की फरारी की सूचना इटावा के थाना इकदिल एवं कानपुर नगर के थाना स्वरूप नगर को दे दी गयी है. आगे की कार्रवाई की जा रही है.

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फर्रुखाबाद: सेंट्रल जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे बंदी का स्वास्थ्य खराब होने के चलते उपचार के लिए उसे कानपुर मेडिकल कॉलेज (Kanpur Medical College) भेजा गया था. बीती रात बंदी रक्षकों को चकमा देकर बंदी फरार हो गया. फरारी की सूचना इटावा के थाना इकदिल एवं कानपुर नगर के थाना स्वरूप नगर को दे दी गयी है.

दरअसल, जनपद इटावा के जगन्नाथपुरा इकदिल निवासी वीरेंद्र लोधी (59) पुत्र छोटे लाल लोधी को डकैती के दौरान हत्या करने के मामले में आरोप सिद्ध होने पर इटावा के न्यायालय से 23 सितंबर 2016 को आजीवन कारावास की सजा हुई थी. उसे 3 नवंबर 2019 को इटावा जिला कारागार से तबादला करके सेंट्रल जेल में दाखिल किया गया था.

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उसकी 27 मार्च 2022 को हालत खराब होने पर जेल की एम्बुलेंस से लोहिया अस्पताल भेजा गया लेकिन हालत खराब होने पर उसे 31 मार्च को बंदी रक्षकों की सुरक्षा में मेडिकल कॉलेज कानपुर नगर भेजा गया. बंदी को खून की कमी की शिकायत थी. 5 अप्रैल की रात करीब 1 से 2 बजे के बीच बंदी वीरेंद्र लोधी रक्षकों को चकमा देकर फरार हो गया.

तकरीबन 5 घंटे उसकी तलाश करने के बाद बंदी रक्षक विजय प्रकाश तिवारी ने कारागार को सूचना दी. वरिष्ठ जेल अधीक्षक प्रमोद कुमार शुक्ला ने बताया की बंदी की फरारी की सूचना इटावा के थाना इकदिल एवं कानपुर नगर के थाना स्वरूप नगर को दे दी गयी है. आगे की कार्रवाई की जा रही है.

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