ETV Bharat / state

ग्रामीणों ने लिखी पुलिस के श्रेय की कहानी, बंधक बच्चों को छुड़ाया और आरोपी को अंजाम तक पहुंचाया - फर्रुखाबाद समाचार

यूपी के फर्रुखाबाद में बच्चों को बंधक बनाने वाला शख्स सुभाष बाथम को पुलिस ने एनकाउंटर में मारा गिराया और सभी 23 बच्चों को सुरक्षित छुड़ा लिया. इस पूरे घटनाक्रम में ग्रामीणों ने असली रोल निभाया. उनकी अहम भूमिका से ही न सिर्फ बंधक बच्चों को छुड़ाया गया बल्कि आरोपी को अंजाम तक पहुंचा दिया.

etv bharat
बंधक से छुड़ाए गए बच्चे.
author img

By

Published : Jan 31, 2020, 7:04 AM IST

फर्रुखाबादः मोहम्मदाबाद कोतवाली क्षेत्र के बरेली-इटावा हाईवे स्थित गांव करथिया में आरोपी सुभाष बाथम, पत्नी रूबी और बच्ची के साथ रहता था. गुरुवार दोपहर करीब दो बजे शातिर सुभाष बाथम आसपास के घरों में गया और कहा कि उसकी एक वर्षीय पुत्री का जन्मदिन है. वह साल में दो बार बेटी का जन्मदिन मनाता है. इसलिए घर पर बच्चों की पार्टी रखी है. यह सुनकर ग्रामीणों ने अपने बच्चे सुभाष के साथ भेज दिया.

बंधक से छुड़ाए गए बच्चे.

बच्चों को बनाया बंधक
कई घंटे बीत जाने के बाद बच्चों के न लौटने पर कुछ ग्रामीण सुभाष के घर पहुंचे. उन्होंने दरवाजा बंद देख खटखटाया तो सुभाष ने अंदर से फायरिंग कर दी. इससे गांव में हड़कंप मच गया. उसने कहा कि जब तक मेरी मांगें पूरी नहीं हो जाती, तब तक बच्चों को नहीं छोड़ेगा. उसने बच्चों को घर के तहखाने में बंधक बना लिया. घर में कैद बच्चों के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया था. वहीं ग्रामीणों के समझाने पर देर रात सुभाष ने आदेश बाथम की 8 माह की बेटी शबनम को छत के मोखले से पुलिस को सौंप दिया.

दोस्त को मारी गोली
बंधक बच्चों को पुलिस छुड़ाने पहुंची तो आरोपी ने बम फेंक दिया. इसमें कोतवाली प्रभारी राकेश कुमार, यूपी-112 के दीवान जयवीर सिंह और सिपाही अनिल कुमार घायल हो गए. वहीं आरोपी को समझाने पहुंचे दोस्त अनुपम दुबे के पैर में गोली मार दी.

इसे भी पढ़ें- 23 मासूमों पर आतंक के साये का अंत, जानिए सिलसिलेवार कब-क्या हुआ

मौसा की हत्या के आरोप में हुई थी उम्रकैद
सुभाष बाथम अपने मौसा मेघनाथ की हत्या के आरोप में उम्रकैद की सजा पा चुका था. घर में चोरी की शिकायत पर उसने साल 2001 में मौसा की हत्या की थी. इसके बाद वर्ष 2005 में उसे उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी. हालांकि 12 साल जेल में रहने के बाद हाईकोर्ट से उसे जमानत दे दी थी. करीब तीन महीने पहले एसओजी ने फतेहगढ़ में हुई चोरी के आरोप में उसे जेल भेज दिया था. वहां से डेढ़ माह पूर्व जमानत पर छूटा था.

पुलिस मुठभेड़ गई आरोपी की जान
रात करीब 1 बजे ग्रामीणों ने आरोपी को घर का दरवाजा तोड़कर बाहर निकाल लिया. इसके बाद गुस्साई भीड़ ने सुभाष और उसकी पत्नी की पिटाई शुरू कर दी. पुलिस का दावा है कि भीड़ से वह छुड़ाकर अंदर भागा तो पीछे से पुलिस भी घुस गई. इस पर वह फिर फायरिंग करने लगा. जवाबी कार्रवाई में पुलिस की गोली लगने से सुभाष की मौत हो गई. वहीं भीड़ की पिटाई से महिला गंभीर रूप से घायल हो गई. इसके बाद उसे अस्पताल भेजा गया. यहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.

आरोपी सुभाष क्रॉस फायरिंग में मारा गया. जबकि उसकी पत्नी के साथ हुई मारपीट में वह घायल हो गई थी और इलाज के दौरान उसकी मौत हुई है. वहीं इस ऑपरेशन में 5 पुलिसकर्मी समेत 6 लोग घायल हुए हैं. आरोपी के घर से राइफल और तमंचे बरामद हुए है. उसके पास इतना गोला, बारूद था कि वह कई दिनों तक पुलिस से मोर्चा लेना चाहता था.
मोहित अग्रवाल,आईजी कानपुर

फर्रुखाबादः मोहम्मदाबाद कोतवाली क्षेत्र के बरेली-इटावा हाईवे स्थित गांव करथिया में आरोपी सुभाष बाथम, पत्नी रूबी और बच्ची के साथ रहता था. गुरुवार दोपहर करीब दो बजे शातिर सुभाष बाथम आसपास के घरों में गया और कहा कि उसकी एक वर्षीय पुत्री का जन्मदिन है. वह साल में दो बार बेटी का जन्मदिन मनाता है. इसलिए घर पर बच्चों की पार्टी रखी है. यह सुनकर ग्रामीणों ने अपने बच्चे सुभाष के साथ भेज दिया.

बंधक से छुड़ाए गए बच्चे.

बच्चों को बनाया बंधक
कई घंटे बीत जाने के बाद बच्चों के न लौटने पर कुछ ग्रामीण सुभाष के घर पहुंचे. उन्होंने दरवाजा बंद देख खटखटाया तो सुभाष ने अंदर से फायरिंग कर दी. इससे गांव में हड़कंप मच गया. उसने कहा कि जब तक मेरी मांगें पूरी नहीं हो जाती, तब तक बच्चों को नहीं छोड़ेगा. उसने बच्चों को घर के तहखाने में बंधक बना लिया. घर में कैद बच्चों के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया था. वहीं ग्रामीणों के समझाने पर देर रात सुभाष ने आदेश बाथम की 8 माह की बेटी शबनम को छत के मोखले से पुलिस को सौंप दिया.

दोस्त को मारी गोली
बंधक बच्चों को पुलिस छुड़ाने पहुंची तो आरोपी ने बम फेंक दिया. इसमें कोतवाली प्रभारी राकेश कुमार, यूपी-112 के दीवान जयवीर सिंह और सिपाही अनिल कुमार घायल हो गए. वहीं आरोपी को समझाने पहुंचे दोस्त अनुपम दुबे के पैर में गोली मार दी.

इसे भी पढ़ें- 23 मासूमों पर आतंक के साये का अंत, जानिए सिलसिलेवार कब-क्या हुआ

मौसा की हत्या के आरोप में हुई थी उम्रकैद
सुभाष बाथम अपने मौसा मेघनाथ की हत्या के आरोप में उम्रकैद की सजा पा चुका था. घर में चोरी की शिकायत पर उसने साल 2001 में मौसा की हत्या की थी. इसके बाद वर्ष 2005 में उसे उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी. हालांकि 12 साल जेल में रहने के बाद हाईकोर्ट से उसे जमानत दे दी थी. करीब तीन महीने पहले एसओजी ने फतेहगढ़ में हुई चोरी के आरोप में उसे जेल भेज दिया था. वहां से डेढ़ माह पूर्व जमानत पर छूटा था.

पुलिस मुठभेड़ गई आरोपी की जान
रात करीब 1 बजे ग्रामीणों ने आरोपी को घर का दरवाजा तोड़कर बाहर निकाल लिया. इसके बाद गुस्साई भीड़ ने सुभाष और उसकी पत्नी की पिटाई शुरू कर दी. पुलिस का दावा है कि भीड़ से वह छुड़ाकर अंदर भागा तो पीछे से पुलिस भी घुस गई. इस पर वह फिर फायरिंग करने लगा. जवाबी कार्रवाई में पुलिस की गोली लगने से सुभाष की मौत हो गई. वहीं भीड़ की पिटाई से महिला गंभीर रूप से घायल हो गई. इसके बाद उसे अस्पताल भेजा गया. यहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.

आरोपी सुभाष क्रॉस फायरिंग में मारा गया. जबकि उसकी पत्नी के साथ हुई मारपीट में वह घायल हो गई थी और इलाज के दौरान उसकी मौत हुई है. वहीं इस ऑपरेशन में 5 पुलिसकर्मी समेत 6 लोग घायल हुए हैं. आरोपी के घर से राइफल और तमंचे बरामद हुए है. उसके पास इतना गोला, बारूद था कि वह कई दिनों तक पुलिस से मोर्चा लेना चाहता था.
मोहित अग्रवाल,आईजी कानपुर

Intro:एंकर-यूपी के फर्रूखाबाद में बच्चों को बंधक बनाने वाला शख्स सुभाष बाथम पुलिस एनकाउंटर में मारा गया. करीब 11 घंटे चले घटनाक्रम के बाद आखिरकार पुलिस ने बंधक बनाए गए सभी 23 बच्चों को सुरक्षित छुड़ा लिया. इस दौरान एनकाउंटर में आरोपी सुभाष की मौत हो गई.जबकि ग्रामीणों की पीटाई के कारण सुभाष की पत्नी की इलाज के दौरान मौत हो गई.आईजी मोहित अग्रवाल के अनुसार, क्रॉस-फायरिंग में उसकी जान चली गई.
Body:वीओ-मोहम्मदाबाद कोतवाली क्षेत्र के बरेली-इटावा हाईवे स्थित गांव करथिया में बदमाश सुभाष अपनी पत्नी रूबी और बच्ची के साथ रहता था. गुरुवार दोपहर करीब दो बजे शातिर सुभाष चंद्र बाथम आस पास के घरों में गया और कहा कि उसकी एक वर्षीय पुत्री का जन्मदिन है और वह साल में दो बार बेटी का जन्मदिन मनाता है.इसलिए घर पर बच्चों की पार्टी रखी है,यह सुनकर ग्रामीणों ने अपने बच्चे सुभाष के साथ भेज दिए.मगर, कई घंटे बीत जाने के बाद बच्चों के वापस न लौटने पर कुछ ग्रामीण सुभाष के घर पहुंचे. उन्होंने दरवाजा बंद देख खटखटाया तो सुभाष ने अंदर से फायरिंग कर दी. इससे गांव में हड़कंप मच गया. उसने कहा कि अब जब तक मेरी मांगें पूरी नहीं हो जाती. तब तक बच्चों को नहीं छोड़ेगा.उसने बच्चों को घर के तहखाने में बंधक बना लिया.घर में कैद बच्चों के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया था. वहीं ग्रामीणों के समझाने पर देर रात सुभाष ने आदेश बाथम की 8 माह की बेटी शबनम को छत के मोखले से पुलिस को सौंप दिया.
दोस्त को मारी गोलीः सुभाष ने पुलिस और ग्रामीणों को मजा चखाने के लिए गांव के ही 24 बच्चों को घर में बंधक बना लिया.पुलिस जब इन्हें छुड़ाने पहुंची तो बम फेंक दिया. इसमें कोतवाली प्रभारी राकेश कुमार, यूपी-112 के दीवान जयवीर सिंह व सिपाही अनिल कुमार घायल हो गएकोतवाल समेत तीन पुलिसकर्मी घायल हो गए. फिर समझाने पहुंचे दोस्त अनुपम दुबे के पैर में गोली मार दी.
मौसा की हत्या के आरोप में पा चुका उम्रकैद की सजाः सुभाष बाथम अपने मौसा मेघनाथ की हत्या के आरोप में उम्रकैद की सजा पा चुका है. घर में चोरी की शिकायत पर उसने साल 2001 में मौसा की हत्या की थी. जिसके बाद वर्ष 2005 में उसे उम्रकैद हुई.हालांकि 12 साल जेल में रहने के बाद हाईकोर्ट से उसे जमानत मिल गई. करीब तीन महीने पहले एसओजी ने फतेहगढ़ में हुई चोरी के आरोप में उसे जेल भेज दिया. वहां से डेढ़ माह पूर्व जमानत पर छूटा था. उसने खुद को फंसाने की आशंका में पुलिस व ग्रामीणों से बदला लेने की योजना बना डाली.
ग्रामीणों ने दरवाजा तोड़कर जमकर की मारपीटः रात करीब 1 बजे ग्रामीणों के सब्र का बांध टूट गया और उन्होंने सुभाष के घर का दरवाजे पर गाली गलौज करते हुए जमकर पथराव कर दरवाजा तोड़कर उसे बाहर निकाल लिया. इसके बाद गुस्साई भीड़ ने सुभाष व उसकी पत्नी की जमकर पिटाई शुरू कर दी. पुलिस का दावा है कि भीड़ से वह छुड़ाकर अंदर भागा तो पीछे से पुलिस भी घुस गई. इस पर वह फिर फायरिंग करने लगा, जवाबी फायरिंग में पुलिस की गोली लगने से सुभाष की मौत हो गई. वहीं भीड़ की पीटाई से महिला गंभीर रूप से घायल हो गई,जिसके बाद उसे अस्पताल भेजा गया.जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.
बताया नहीं मिला घर-टॉइलटः खत में उसने बताया था कि उसे पीएम आवास योजना के तहत घर और टॉइलट देने से प्रधान ने इनकार कर दिया था. अधिकारियों से शिकायत करने के बावजूद कोई सुनवाई नहीं हो रही थी. माना जा रहा था कि इसी बात से आहत होकर उसने यह कदम उठाया था.
Conclusion:कानपुर रेंज के आईजी मोहित अग्रवाल ने सुभाष व उसकी पत्नी के मारे जाने की पुष्टि की. उन्होंने बताया, सुभाष क्रॉस फायरिंग में मारा गया.जबकि उसकी पत्नी के साथ हुई मारपीट में वह घायल हो गई थी और इलाज के दौरान उसकी मौत हुई है. वहीं इस ऑपरेशन में 5 पुलिसकर्मी समेत 6 लोग घायल हुए हैं. उसके घर से राइफल और तमंचे बरामद हुए है. उसके पास इतना विस्फोटक था कि वह कई दिनों तक पुलिस से मोर्चा लेना चाहता था.
बाइट- मोहित अग्रवाल,आईजी

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.