फर्रुखाबाद: नाबालिग छात्रा से छेड़छाड़ और उसे आत्महत्या के लिए प्रेरित करने के मामले में कोर्ट ने दोषी को 5 साल के कारावास के साथ 15 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है. ये मामला साल 2017 का है. इस मामले में 3 लोगों के खिलाफ केस दर्ज कराया गया था. इनमें से दो आरोपियों को कोर्ट ने सबूतों के अभाव में बरी कर दिया.
क्या पूरा मामला
फर्रुखाबाद के एक गांव की रहने वाली कक्षा 9वीं की छात्रा ने 5 दिसंबर 2017 को शहर कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. जिसमें कहा गया था कि वह नगला खैरबंद स्थित एक कॉलेज में पढ़ने जा रही थी. इस दौरन घारमपुर गांव के पास पपियापुर का रहने वाला अजय शाक्य ने उसका रास्ता रोक लिया और छेड़छाड़ करने लगा. इसके बाद लड़की के शोच माचने पर जब आस-पास के लोग वहां एकत्रित होने लगे तो आरोपी वहां से भाग गया.
घटना के दूसरे दिन छात्रा का शव रेलवे ट्रैक पर पड़ा मिला
इस घटना के बाद पीड़ित छात्रा ने अपनी मां को इस घटना की जानकारी दी. जिसके बाद पीड़ित छात्रा के परिजनों ने आरोपी अजय शाक्य के घर शिकायत की, लेकिन, अजय की मां कविता व पिता सूरज ने अपने बेटे का ही साथ दिया. घटना के दूसरे दिन छात्रा का शव रेलवे ट्रैक पर पड़ा मिला था. मुकदमे की जांच के दौरान विवेचक ने नाबालिग छात्रा से छेड़छाड़ और उसे खुदकुशी के लिए प्रेरित करने के आरोपों में अजय, उसकी मां कविता व पिता सूरज के खिलाफ न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया गया था.
तीन साल तक चले इस मुकदमे में पाक्सो एक्ट कोर्ट के विशेष न्यायाधीश प्रेमशंकर ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद एक अभियुक्त को दोषी करार करते हुए 5 साल की कैद के साथ 15 हजार जुर्माना की सजा सुनाई है. जुर्माना अदा न करने पर एक वर्ष की अतिरिक्त कैद के आदेश दिए गए हैं. वहीं अजय के पिता सूरज और उसकी मां कविता को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया.