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जमीनी विवाद में ग्रामीण की गोली मारकर हत्या - हत्या में चार पर मुकदमा

फर्रुखाबाद में जमीन विवाद को लेकर एक ग्रामीण की गोली मारकर हत्या कर दी गई. इस मामले में पुलिस की लापरवाही सामने आ रही है.

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जमीनी विवाद में हत्या.
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Published : Nov 15, 2020, 2:11 PM IST

फर्रुखाबाद : जिले में शुक्रवार शाम को तेरहवीं संस्कार के दौरान ग्रामीण की गोली मारकर हत्या करने के मामले में पुलिस ने जांच शुरू कर दी है. जांच में दोनों पक्षों के बीच में दो डिसमिल जमीन का विवाद सामने आया है. इस मामले में मृतक के भाई ने अपने ताऊ के दो बेटों समेत चार लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है. पुलिस फरार आरोपियों की तलाश में ताबड़तोड़ दबिश दे रही है.

दरअसल, शुक्रवार की देर शाम मेरापुर थाना क्षेत्र के गांव अछरोड़ा में 48 वर्षीय पेशकार राजपूत को उस वक्त गोली मारकर हत्या कर दी गई, जब वह गांव में ही पूर्व प्रधान डिप्टी सिंह की भाभी के तेरहवीं संस्कार में गए थे. वहां उनका विवाद उनके ताऊ पोखपाल के बेटों शिवरतन और नवाब के साथ हो गया था. इस मामले में मृतक पेशकार के भाई मुकेश राजपूत ने शिवरतन, नवाब के अलावा गांव के ही लटूरी और नीतू के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया. पुलिस ने मुकदमा दर्ज करने के बाद जांच शुरू कर दी है.

बताया जा रहा है कि दोनों पक्षों के बीच ग्राम समाज की दो डिसमिल जमीन पर कब्जे को लेकर विवाद था. इसमें एक पक्ष के लोग कंडा पाथ रहे थे. दूसरा पक्ष इसका विरोध कर रहा था. दोनों पक्षों में पहले भी विवाद हुआ था, जिस पर समझौता कराने का प्रयास किया गया था. इसके बावजूद दोनों के बीच तनाव कम नहीं हुआ. तेरहवीं संस्कार के दौरान दोनों पक्ष फिर से आमने-सामने हो गए थे. पुलिस ने मुकदमा दर्ज करने के बाद नामजद किए गए आरोपियों की तलाश में ताबड़तोड़ दबिश देना शुरू कर दिया है, लेकिन अभी तक कोई हत्थे नहीं चढ़ा.

पुलिस की कार्यशैली पर सवाल

इस मामले में स्थानीय पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े हो रहे हैं. बताया जा रहा है कि पिछले सप्ताह जब शिवरतन की पत्नी और पेशकार राजपूत की बहन के बीच उक्त जमीन पर कंडे पाथने को लेकर विवाद हुआ था. तब भी इस मामले में मारपीट हुई थी, तो दोनों पक्ष थाने पहुंचे थे. वहां उन्हें समझौता कराने की सलाह देकर लौटा दिया गया. इसके बाद से तनाव बढ़ता गया. इस तनाव को बढ़ने की जानकारी न तो हल्का दारोगा को लगी और न ही बीट सिपाहियों को. यही कारण रहा कि एक अधेड़ की जान चली गई. पुलिस ने समय रहते दोनों पक्षों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई की होती तो शायद यह घटना न होती.

इस बाबत थानाध्यक्ष मेरापुर धर्मेंद्र कुमार ने कहा कि उस दिन दोनों पक्षों में कहासुनी हुई थी. इसके बाद दोनों पक्ष प्रार्थना पत्र लेकर आए थे. परिवार का मामला था तो बैठकर विवाद सुलझाने को कह दिया गया था. शुक्रवार को भी दोनों पक्षों के बीच कोई विवाद नहीं हुआ था.

फर्रुखाबाद : जिले में शुक्रवार शाम को तेरहवीं संस्कार के दौरान ग्रामीण की गोली मारकर हत्या करने के मामले में पुलिस ने जांच शुरू कर दी है. जांच में दोनों पक्षों के बीच में दो डिसमिल जमीन का विवाद सामने आया है. इस मामले में मृतक के भाई ने अपने ताऊ के दो बेटों समेत चार लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है. पुलिस फरार आरोपियों की तलाश में ताबड़तोड़ दबिश दे रही है.

दरअसल, शुक्रवार की देर शाम मेरापुर थाना क्षेत्र के गांव अछरोड़ा में 48 वर्षीय पेशकार राजपूत को उस वक्त गोली मारकर हत्या कर दी गई, जब वह गांव में ही पूर्व प्रधान डिप्टी सिंह की भाभी के तेरहवीं संस्कार में गए थे. वहां उनका विवाद उनके ताऊ पोखपाल के बेटों शिवरतन और नवाब के साथ हो गया था. इस मामले में मृतक पेशकार के भाई मुकेश राजपूत ने शिवरतन, नवाब के अलावा गांव के ही लटूरी और नीतू के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया. पुलिस ने मुकदमा दर्ज करने के बाद जांच शुरू कर दी है.

बताया जा रहा है कि दोनों पक्षों के बीच ग्राम समाज की दो डिसमिल जमीन पर कब्जे को लेकर विवाद था. इसमें एक पक्ष के लोग कंडा पाथ रहे थे. दूसरा पक्ष इसका विरोध कर रहा था. दोनों पक्षों में पहले भी विवाद हुआ था, जिस पर समझौता कराने का प्रयास किया गया था. इसके बावजूद दोनों के बीच तनाव कम नहीं हुआ. तेरहवीं संस्कार के दौरान दोनों पक्ष फिर से आमने-सामने हो गए थे. पुलिस ने मुकदमा दर्ज करने के बाद नामजद किए गए आरोपियों की तलाश में ताबड़तोड़ दबिश देना शुरू कर दिया है, लेकिन अभी तक कोई हत्थे नहीं चढ़ा.

पुलिस की कार्यशैली पर सवाल

इस मामले में स्थानीय पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े हो रहे हैं. बताया जा रहा है कि पिछले सप्ताह जब शिवरतन की पत्नी और पेशकार राजपूत की बहन के बीच उक्त जमीन पर कंडे पाथने को लेकर विवाद हुआ था. तब भी इस मामले में मारपीट हुई थी, तो दोनों पक्ष थाने पहुंचे थे. वहां उन्हें समझौता कराने की सलाह देकर लौटा दिया गया. इसके बाद से तनाव बढ़ता गया. इस तनाव को बढ़ने की जानकारी न तो हल्का दारोगा को लगी और न ही बीट सिपाहियों को. यही कारण रहा कि एक अधेड़ की जान चली गई. पुलिस ने समय रहते दोनों पक्षों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई की होती तो शायद यह घटना न होती.

इस बाबत थानाध्यक्ष मेरापुर धर्मेंद्र कुमार ने कहा कि उस दिन दोनों पक्षों में कहासुनी हुई थी. इसके बाद दोनों पक्ष प्रार्थना पत्र लेकर आए थे. परिवार का मामला था तो बैठकर विवाद सुलझाने को कह दिया गया था. शुक्रवार को भी दोनों पक्षों के बीच कोई विवाद नहीं हुआ था.

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