फर्रुखाबाद: रमजान माह के आखिरी शुक्रवार को अलविदा जुमे की नमाज अदा करने को मस्जिदों में नमाजियों का हुजूम उमड़ पड़ा. बच्चे, जवान और बुजुर्ग हर किसी ने अलविदा की नमाज अदा की. वहीं कड़ी धूप के बीच अल्लाह के आगे अपना सिर सजदे में झुका कर नमाजियों ने देश की तरक्की और सुख-शांति के लिए दुआएं मांगी.
रमजान का आखिरी जुमा
- शुक्रवार को लोगों ने नमाज पढ़ने के बाद एक- दूसरे को गले लगाकर अलविदा जुमे की मुबारकबाद दी.
- जिले के नेहरू नगर में जामा मस्जिद के मुफ्ती मौजम अली ने खिताब करते हुए कहा कि रमजान के दौरान एक फरिश्ता बुराई से बचने और नेकी के काम करने को आवाज देता है.
- उन्होंने कहा कि जिस तरह रोजा रखकर एक-दूसरे की भूख और प्यास का एहसास होता है, उसी तरह ईद की खुशियों से कोई महरूम न रहे.
- मौजम अली ने यह भी कहा कि सदका- ए- फित्र निकालने के साथ ज्यादा से ज्यादा खैरात करें, ताकि गरीब भी ईद का त्यौहार मना सकें.
- पुलिस प्रशासन ने अलविदा जुमे को लेकर मस्जिदों में खास इंतजाम किए.
मौलाना ने कहा कि रमजान का महीना इंसान के लिए एक ट्रेनिंग है, जिससे इंसान 30 दिन रोजा रखकर खुद को गुनाहों से दूर रख सके. इस एक महीने में वह जैसे रहता है ठीक उसी तरह साल के 11 माह इन नेकियों पर अमल करें और लोगों के काम आए. उन्होंने कहा कि ईद उसी की है, जिसकी नमाज, रोजा और दीगर इबादतें कबूल हो जाएं. सभी भाईचारे के साथ रहें और मुल्क की तरक्की में हिस्सेदार बनें.
सामूहिक नमाज के लिए तैयारी चल रही है. ईद की तैयारियों को लेकर शहर के बाजारों में खरीदारों की अच्छी खासी भीड़ है. इसके अलावा दुकानों पर सेवइयों की भी जमकर बिक्री चल रही है. हम सभी मिलकर देश की तरक्की के लिए दुआ मांगते हैं.
- मो. असलम अली