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फर्रुखाबाद: अलविदा की नमाज में मांगी गई देश की तरक्की के लिए दुआ - फर्रुखाबाद समाचार

जिले में शुक्रवार को अकीदत के साथ अलविदा जुमे की नमाज मस्जिदों में अदा की गई. इस दौरान हजारों मुसलमानों ने मुल्क में अमन- चैन की दुआ मांगी. इस दौरान प्रशासन ने नमाज को शांतिपूर्ण माहौल में संपन्न कराने के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए.

विभिन्न मस्जिदों में अलविदा जुमे की नमाज अदा की गई.
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Published : May 31, 2019, 5:07 PM IST

फर्रुखाबाद: रमजान माह के आखिरी शुक्रवार को अलविदा जुमे की नमाज अदा करने को मस्जिदों में नमाजियों का हुजूम उमड़ पड़ा. बच्चे, जवान और बुजुर्ग हर किसी ने अलविदा की नमाज अदा की. वहीं कड़ी धूप के बीच अल्लाह के आगे अपना सिर सजदे में झुका कर नमाजियों ने देश की तरक्की और सुख-शांति के लिए दुआएं मांगी.

रमजान का आखिरी जुमा

  • शुक्रवार को लोगों ने नमाज पढ़ने के बाद एक- दूसरे को गले लगाकर अलविदा जुमे की मुबारकबाद दी.
  • जिले के नेहरू नगर में जामा मस्जिद के मुफ्ती मौजम अली ने खिताब करते हुए कहा कि रमजान के दौरान एक फरिश्ता बुराई से बचने और नेकी के काम करने को आवाज देता है.
  • उन्होंने कहा कि जिस तरह रोजा रखकर एक-दूसरे की भूख और प्यास का एहसास होता है, उसी तरह ईद की खुशियों से कोई महरूम न रहे.
  • मौजम अली ने यह भी कहा कि सदका- ए- फित्र निकालने के साथ ज्यादा से ज्यादा खैरात करें, ताकि गरीब भी ईद का त्यौहार मना सकें.
  • पुलिस प्रशासन ने अलविदा जुमे को लेकर मस्जिदों में खास इंतजाम किए.
    विभिन्न मस्जिदों में अलविदा जुमे की नमाज अदा की गई.

मौलाना ने कहा कि रमजान का महीना इंसान के लिए एक ट्रेनिंग है, जिससे इंसान 30 दिन रोजा रखकर खुद को गुनाहों से दूर रख सके. इस एक महीने में वह जैसे रहता है ठीक उसी तरह साल के 11 माह इन नेकियों पर अमल करें और लोगों के काम आए. उन्होंने कहा कि ईद उसी की है, जिसकी नमाज, रोजा और दीगर इबादतें कबूल हो जाएं. सभी भाईचारे के साथ रहें और मुल्क की तरक्की में हिस्सेदार बनें.

सामूहिक नमाज के लिए तैयारी चल रही है. ईद की तैयारियों को लेकर शहर के बाजारों में खरीदारों की अच्छी खासी भीड़ है. इसके अलावा दुकानों पर सेवइयों की भी जमकर बिक्री चल रही है. हम सभी मिलकर देश की तरक्की के लिए दुआ मांगते हैं.
- मो. असलम अली

फर्रुखाबाद: रमजान माह के आखिरी शुक्रवार को अलविदा जुमे की नमाज अदा करने को मस्जिदों में नमाजियों का हुजूम उमड़ पड़ा. बच्चे, जवान और बुजुर्ग हर किसी ने अलविदा की नमाज अदा की. वहीं कड़ी धूप के बीच अल्लाह के आगे अपना सिर सजदे में झुका कर नमाजियों ने देश की तरक्की और सुख-शांति के लिए दुआएं मांगी.

रमजान का आखिरी जुमा

  • शुक्रवार को लोगों ने नमाज पढ़ने के बाद एक- दूसरे को गले लगाकर अलविदा जुमे की मुबारकबाद दी.
  • जिले के नेहरू नगर में जामा मस्जिद के मुफ्ती मौजम अली ने खिताब करते हुए कहा कि रमजान के दौरान एक फरिश्ता बुराई से बचने और नेकी के काम करने को आवाज देता है.
  • उन्होंने कहा कि जिस तरह रोजा रखकर एक-दूसरे की भूख और प्यास का एहसास होता है, उसी तरह ईद की खुशियों से कोई महरूम न रहे.
  • मौजम अली ने यह भी कहा कि सदका- ए- फित्र निकालने के साथ ज्यादा से ज्यादा खैरात करें, ताकि गरीब भी ईद का त्यौहार मना सकें.
  • पुलिस प्रशासन ने अलविदा जुमे को लेकर मस्जिदों में खास इंतजाम किए.
    विभिन्न मस्जिदों में अलविदा जुमे की नमाज अदा की गई.

मौलाना ने कहा कि रमजान का महीना इंसान के लिए एक ट्रेनिंग है, जिससे इंसान 30 दिन रोजा रखकर खुद को गुनाहों से दूर रख सके. इस एक महीने में वह जैसे रहता है ठीक उसी तरह साल के 11 माह इन नेकियों पर अमल करें और लोगों के काम आए. उन्होंने कहा कि ईद उसी की है, जिसकी नमाज, रोजा और दीगर इबादतें कबूल हो जाएं. सभी भाईचारे के साथ रहें और मुल्क की तरक्की में हिस्सेदार बनें.

सामूहिक नमाज के लिए तैयारी चल रही है. ईद की तैयारियों को लेकर शहर के बाजारों में खरीदारों की अच्छी खासी भीड़ है. इसके अलावा दुकानों पर सेवइयों की भी जमकर बिक्री चल रही है. हम सभी मिलकर देश की तरक्की के लिए दुआ मांगते हैं.
- मो. असलम अली

Intro:

एंकर- फर्रुखाबाद में अकीदत के साथ अलविदा जुमा की नमाज शहर की विभिन्न मस्जिदों में अदा की गई. इस दौरान हजारों मुसलमानों ने मुल्क में आपसी सौहार्द, भाईचारा और अमन- चैन की अल्लाह से दुआ की. पुलिस प्रशासन ने नमाज को शांतिपूर्ण माहौल में संपन्न कराने के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए थे.





Body:विओ- रमजान माह के आखिरी शुक्रवार को अलविदा जुमे की नमाज अदा करने को मस्जिदों में नमाजियों का हुजूम उमड़ पड़ा. बच्चे, जवान और बुजुर्ग हर किसी ने अलविदा की नमाज अदा की. कड़ी धूप के बीच अल्लाह के आगे अपना सिर सजदे में झुका कर नमाजियों ने देश की तरक्की और सुख-शांति के लिए दुआएं मांगी. इसके बाद एक- दूसरे को गले लगाकर अलविदा जुमे की मुबारकबाद दी. नेहरू नगर में जामा मस्जिद के मुफ़्ती मौजम अली ने खिताब करते हुए कहा कि रमजान के दौरान एक फरिश्ता बुराई से बचने और नेकी के काम करने को आवाज देता है. उन्होंने कहा कि जिस तरह रोजा रखकर एक-दूसरे की भूख, प्यास का एहसास होता है. उसी तरह ईद की खुशियों से कोई महरूम ना रहे. इसका भी हमको ख्याल रखना होगा. सदका- ए- फित्र निकालने के साथ ज्यादा से ज्यादा खैरात करें, ताकि गरीब भी ईद का त्यौहार मना सके. मौलाना ने कहा कि रमजान का महीना इंसान के लिए एक ट्रेनिंग है, ताकि इंसान 30 दिन रोजा रखकर खुद को गुनाहों से दूर रख सके. इस एक महीने में वह जैसे रहता है ठीक उसी तरह साल के 11 माह इन नेकियों पर अमल करें और लोगों के काम आए. उन्होंने कहा कि ईद उसी की है, जिसकी नमाज, रोजा और दीगर इबादतें कबूल हो जाएं. सभी भाईचारे के साथ रहे और मुल्क की तरक्की में हिस्सेदार बने. अलविदा जुमे को लेकर मस्जिदों में खास इंतजाम किए गए थे.





Conclusion:विओ- एसपी डॉ. अनिल कुमार मिश्र और एएसपी त्रिभुवन सिंह ने सदर कोतवाली क्षेत्र समेत कई महत्वपूर्ण पॉइंट पर सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस फोर्स तैनात कर मस्जिदों के आसपास सुरक्षा के कड़े इंतजाम करवाए. इसके अलावा मस्जिदों वाले मार्गों पर नमाज के दौरान यातायात बंद रहा तथा कुछ जगहों पर रूट डायवर्जन भी किए गए.

ईद की तैयारियों में जुटे लोग: ईद को लेकर मुस्लिम बस्तियों और मस्जिदों में तैयारियां लगभग पूरी कर ली गई है. सामूहिक नमाज के लिए तैयारी चल रही है. ईद की तैयारियों को लेकर शहर के बाजारों में खरीदारों की अच्छी खासी भीड़ है. इसके अलावा दुकानों पर सेवइयो की भी जमकर बिक्री चल रही है.

बाइट- मो. असलम अली
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