फर्रुखाबाद: जिले के याकूतगंज गांव में विचित्र बुखार के चलते एक शख्स की मौत हो गई, जबकि 200 से अधिक लोग बुखार की चपेट में हैं. पूरे गांव में गंदगी का अंबार लगा हुआ है, जिसे लेकर कोरोना काल में कई बार ग्रामीणों ने अधिकारियों से शिकायतें की, लेकिन फिर भी कोई सुनवाई नहीं हुई. गंदगी को लेकर आरोप लगाते हुए लोगों का कहना है कि इसी वजह से गांव के लोग धीरे-धीरे बुखार और संक्रामक बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं.
जिले स्थित बढ़पुर ब्लॉक के गांव याकूतगंज की आबादी 14000 से अधिक है. यहां रोज बड़ा बाजार लगता है, लेकिन सफाई-व्यवस्था पूरी तरह से चौपट है. गांव की नाली-नुक्कड़ पर कूड़े के ढेर लगे हैं और गलियों में नालियां गंदे पानी से बजबजाती रहती हैं. गंदगी के चलते गांव में संक्रामक बीमारियों ने पैर पसार लिए हैं. हालात ये हैं कि हफ्ते भर में 200 से अधिक लोग बुखार की चपेट में आ चुके हैं. पिछले कई दिनों से बुखार से पीड़ित जितेंद्र गुप्ता के 15 वर्षीय पुत्र जतिन गुप्ता की मौत हो गई. गांव के लोग अफसरों से कई बार गंदगी हटवाने को लेकर गुहार लगा चुके हैं, लेकिन सुनवाई न होने से गांव में कूड़े के ढेर जस के तस लगे हुए हैं.
याकूतगंज ग्राम सभा में ज्यादातर श्रमिक वर्ग के लोग रहते हैं, जो कि रोज कमाते-खाते हैं. घनी आबादी वाले इस गांव में गंदगी का अंबार लगा हुआ है और नालियों की सफाई नहीं होती है, जिसके चलते गांव में बुखार फैल रहा है. इस मामले में सीएमओ डॉ. वंदना सिंह ने बताया कि याकूतगंज में स्वास्थ्य विभाग की टीम भेजकर मलेरिया और कोरोना की जांच करवाई गई है, जिसकी रिपोर्ट अभी नहीं आई है. साथ ही गांव में संक्रमण को देखते हुए रोजाना दवाओं का छिड़काव भी कराया जा रहा है.